गुमला पॉलिटेक्निक कॉलेज द्वारा "फुट ऑपरेटेड सैनेटाइजर डिस्पेंसर" को गुमला शहर के विभिन्न धार्मिक स्थलों में निःशुल्क प्रदान किया गया

गुमला पॉलिटेक्निक कॉलेज द्वारा "फुट ऑपरेटेड सैनेटाइजर डिस्पेंसर" को गुमला शहर के विभिन्न धार्मिक स्थलों में निःशुल्क प्रदान किया गया 
    


   वैश्विक महामारी घोषित नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के मद्देनजर देशव्यापी अनलॉक-01 की अवधि 01 जून से 30 जून 2020 तक निर्धारित की गई है।
झारखंड के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में से एक गुमला पॉलिटेक्निक कॉलेज अपने अभिनव, अद्वितीय विचारों एवं समाधानों द्वारा ब्व्टप्क्-19 के खिलाफ जंग लड़ने में अपना योगदान दे रहा है। कोरोना वायरस से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए संस्थान ने थोड़े समय के अंतराल में कई रणनीतियां एवं उपकरण बनाई है जो उन्हें बिमारी से सुरक्षित रखने में मददगार साबित हो रहा है।
ऐसे ही एक उपकरण ष्फुट ऑपरेटेड सैनिटाइजर डिस्पेंसरष् का निर्माण संस्थान द्वारा किया गया है जिसका दो सैंपल उपायुक्त गुमला शशि रंजन को पूर्व में भेंट किया गया था। विदित हो कि यह उपकरण ब्व्टप्क्-19 के संक्रमण से रोकथाम के मद्देनजर उपायुक्त शशि रंजन के द्वारा उपयोगी पाया गया। उपायुक्त द्वारा उक्त स्टैंड की विभिन्न सरकारी कार्यालयों/सार्वजनिक स्थलों पर उपयोग हेतु 15 (पंद्रह) और ’’फुट ऑपरेटेड सैनिटाइजर डिस्पेंसर’’ की आपूर्ति किए जाने की बात कही थी, जिसे तैयार कर उनके कार्यालय में उपलब्ध कराया गया।
आज संस्थान के सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत निदेशक अभिजीत कुमार के निर्देशानुसार संस्थान द्वारा निर्मित ’’फुट ऑपरेटेड सैनिटाइजर डिस्पेंसर’’ को गुमला शहर के जशपुर रोड स्थित काली मंदिर, गुरुद्वारा, थाना रोड स्थित जामा मस्जिद, एवं सिसई रोड स्थित गिरजाघर में निःशुल्क प्रदान किया गया। 
इस अवसर पर अभिजीत कुमार ने बताया कि यह हमारा एवं हमारे संस्थान का सामाजिक दायित्व है कि कैसे इस वैश्विक महामारी से आम जनता की सुरक्षा की जाए। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा एवं गिरिजाघरों में हर वर्ग के लोग जाते है पर वहां पर संक्रमण से बचाव के लिए समुचित व्यवस्था नहीं होती है, जिसके कारण हमने यह निर्णय लिया। हमें विश्वास है कि इस उपकरण का प्रयोग कर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव किया जा सकता है।
मौके पर गुमला पॉलिटेक्निक के प्राचार्य डॉ शीबा नारायण साहू, उप-प्राचार्य सुरेन्द्र प्रसाद एवं संस्थान के प्रशासनिक प्रमुख अजीत कुमार शुक्ल मौजूद थे।

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