अंसारी गिरोह आईएस 191 के करीबी व मन्ना सिंह हत्याकांड में
सह-अभियुक्त, कोयला माफिया एवं त्रिदेव ग्रुप के मालिक उमेश सिंह
की 6.5 करोड़ की सम्पत्ति हुई जब्त
मऊ।(पीएमए)जनपद मऊ पुलिस के द्वारा आपराधिक माफिया व उनके गुर्गों के विरुद्ध प्रचलित कार्यवाही के क्रम में आज मुख्तार अंसारी गिरोह आईएस 191 के अत्यंतन जदीकी व मुख्तार अंसारी के साथ मन्ना सिंह हत्याकांड 2009 में सह अभियुक्त रहे त्रिदेव कंस्ट्रक्शन/ त्रिदेव कोल डिपो/त्रिदेव ग्रुप के मालिक कोयला माफिया उमेश सिंह पुत्र रामवृक्ष सिंह निवासी अहिला दजनपद मऊ की 14(1) गैंगस्टर एक्ट के तहत लगभग 6.5 करोड़ की अपराध व अवैध रूप सेअर्जित धन से बनाई गई संपत्ति को जब्त कफलर ली गई है।
मंगलवार को सीओ सीटी के ने तृत्व में थानाध्यक्ष कोतवाली, सरायलखंसी व दक्षिणटोला व स्वाट टीम के द्वारा उमेश सिंह पुत्र रामवृक्ष सिंह के द्वारा अपराध से अवैध रूप से अर्जित किए गए धन से लगभग 3400 वर्ग मीटर भूखंड पर निर्मित शॉपिंगमॉल/कंपलेक्स जिसकी वर्तमान कीमत लगभग 5.5 करोड़ व साथ ही साथ लगभग एक करोड़ मूल्य के 08 वाहनों (फोर्ड एनडेवर 01, हुंडईक्रेटा 02, इंडिका 01, ट्रक 01, मोटरसाइकल 03) को धारा 14 (1)गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत एफआईआरनंबर 47/2010 धारा 3(1) गैंगस्टर एक्ट थाना कोतवाली के तहत पुलिस ने जब्त कर लिया। इस प्रकार जब्त की गई कुल प्रॉपर्टी की कीमत लगभग 6.5 करोड़ है। उमेश सिंह त्रिदेव कंस्ट्रक्शनकंपनी/त्रिदेवकोलडिपो/त्रिदेव ग्रुपका संचालन अपने भाई राजन सिंह उर्फ राजेश सिंह के साथ मिलकर करता रहा है। इसके द्वारा मुख्तार अंसारी व गिरोह की आर्थिक रूप से मदद पिछले दो दशकों से की जाती रही है।
मन्ना सिंह हत्याकांड में मुख्तार अंसारी के साथ सह अभियुक्त था उमेश
वर्ष 2009 में ठेकेदार मन्ना सिंह हत्याकांड में उमेश सिंह पुत्र रामवृक्ष सिंह मुख्तार अंसारी के साथ सह अभियुक्त था। (एफआईआर नम्बर 1866/09 थाना कोतवाली)। इसी केस के बादसन 2010 में मुख्तार अंसारी, उमेश सिंह व अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध एफआईआर नंबर 47/2010 धारा 3(1) गैंगस्टर एक्ट कोतवाली थाने में दर्ज किया गया। मन्ना सिंह हत्याकांड में गवाह राम सिंह मौर्य व उनकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी आरक्षी सतीश की सन 2010 में ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी गई। जिसके संबंध में थाना दक्षिणटोला में एफआईआरनम्बर 399/2010 दर्ज किया गया।इस अभियोग में उमेश सिंह का भाई राजन सिंह मुख्तार अंसारी के साथ सह अभियुक्त था। इस हत्याकांड के संबंध में थानादक्षिणटोला में एफआईआर नम्बर 891/2010 धारा 3(1) गैंगस्टर एक्ट का अभियोग विरुद्ध मुख्तार अंसारी, राजन सिंह व अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध 2010 में दर्ज किया गया। इसके अलावा भी उमेश सिंह व राजन सिंह के विरुद्ध आधा दर्जन मुकद मे पंजीकृत है।
उमेश के आतंक से अन्य व्यापारियों ने कोयला व्यापार में नहीं रखा कदम
पिछले दो दशकों के दौरान उमेश सिंह व राजन सिंह के द्वारा मुख्तार अंसारी व गिरोह के मुख्य शरणदाता व आर्थिक मददगार के रूप में अति सक्रिय व अग्रणी भूमिका रही है।माफिया से सम्बन्धों का फायदा उठाकर इंदारा कोपागंज में कोल डिपो स्थापित कर मोनोपोली बनाते हुए कोयला माफिया के रूप में इन दोनों के द्वारा अर्जित धन से मुख्तार अंसारी गिरोह की फंडिंग लंबे समय से की जाने की भी बात प्रकाश में आई है। इनके द्वारा माफिया व माफिया गिरोह से संबंध का इस्तेमाल करते हुए कोयले के व्यापार में अपनी मोनोपोली स्थापित करते हुए जनपद के अन्य व्यापारियों में भय व आतंक का माहौल पैदा किया गया, जिससे अन्य कोई व्यक्ति कोयला व्यापार में नहीं आया। इस प्रकार गैंग के रूप में कार्य करते हुए जघन्य अपराधों के माध्यम से अवैध धन का इस्तेमाल अपराधियों कोसंरक्षण देने के साथ-साथअपने बिजनेस में लगाकर त्रिदेव के नाम/से अलग-अलग कंपनियां खोलकर किया गया।
विगत 50 दिनों में मऊ पुलिस ने माफियाओं की 16 करोड़ की संपत्ति की जब्त
इनके द्वारा माफिया से संबंध काला भउठाते हुए अपराध कारित करते हुए अर्जित की गई संपत्ति की जांच विभिन्न विभागों व एजेंसियों के माध्यम से भी कराई जा रही है। इस अभियान में विगत 50 दिनों में मऊ पुलिस द्वारा गैंग संचालित करने वाले माफियातत्वों के विरुद्ध 14(1) गैंगस्टर एक्ट में लगभग 16 करोड़ के मूल्य की सम्पत्ति जब्त कराई जा चुकी है।
एचएन सिंह मऊ।
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