आदिवासी कुड़मी समाज राँची झारखंड ने 13 सूत्री
मांगो को लेकर रांची उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा
कुड़मी समाज, राँची जिला संयोजक मंडली, झारखंड द्वारा केंद्रीय कमिटि के निर्देशानुसार प्रदेश कमिटि द्वारा पूर्वघोषित राज्य स्तरीय कार्यक्रम के तहत राँची जिला उपायुक्त को 13 सूत्री माँगों के साथ एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से आदिवासी -बसकइता कुड़मी
समुदाय के जनजातीय पहचान, इनके स्वायत्त कबिलावाची जनजातीय मातृभाषा और प्रकृति व पुरखों के अराधना पर आधारित धार्मिक स्थिति की तथ्यात्मक व प्रामाणिक रुप से स्पष्ट व्याख्या करते हुए आगामी भारतीय जनगणना 2021 में पूर्व के जनगणना में हुए त्रुटियों का पुनरावृत्ति ना करते हुए एवं उसमें सुधार करते हुए सही और सटीक जानकारी दर्ज करने की अपील की गई है। इसके तहत छोटानागपुर पठार अंतर्गत झारखंड के गुसटिधारि कुड़मी समुदाय, जिन्हें वर्तनी त्रुटि और ध्वन्यात्मक दोष के कारण भू-अभिलेखों में विभिन्न नामों यथा - कुड़ममी, कुड़मी, कुर्मि, कुर्मी, कुरमि, कुरमी से अंकित किया गया है, जो मूल रुप से "कुड़मि" ही हैं, के लिए -
1.) जाति के कॉलम में - 'कुड़मि' (Kudmi),
2.) मातृभाषा के कॉलम में - 'कुड़मालि' (Kudmali) और
3.) धर्म के कॉलम में आदि धर्म प्रकृति धर्म 'सारना' (Sarna) दर्ज करने की अपील की गई है।
इसके अलावे अन्य मुख्य माँगें निम्नलिखित हैं -
1.) कुड़मि (Kudmi) जनजाति समुदाय को अनुसूचित जन -जाति की सूची में सूचीबद्ध करें।
2.) भारतीय जनगणना में "कुड़मालि" (Kudmali) भाषा कोड एवं "सारना" (Sarna) धर्म कॉलम लागू करें।
3.) कुड़मालि भाषा को जनजातीय भाषा की मान्यता देते हुए संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध करें।
4.) कुड़मालि भाषा की पढ़ाई प्राथमिक विद्यालय स्तर से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक शुरू करें।
5.) कुड़मालि एकेडेमिक और कल्चरल बोर्ड की गठन करें।
6.) प्रत्येक गाँव-टोला-मोहल्ला के सारना थान, जाहिरा थान, गोड़ाम (ग्राम) थान आदि की घेराबंदी और सौंदर्यीकरण किये जायें।
7.) चुआड़ विद्रोह के महानायक क्रांतिवीर शहीद रघुनाथ महतो, हुल विद्रोह के नायक वीर शहीद चानकु महतो, झारखंड आंदोलन के क्रांतिदूत वीर शहीद शक्तिनाथ महतो, झारखंड के मसीहा वीर शहीद निर्मल महतो को शहीद का दर्जा दिया जाय एवं पाठ्यक्रम में इनकी जीवनी को शामिल किया जाय।
8.) 23 सितंबर को झारखंड के पितामह बिनोद बिहारि महतो की जयंती पर "राजकीय अवकाश" एवं 08 अगस्त को झारखंड के मसीहा वीर शहीद निर्मल महतो शहादत दिवस पर "शहीद दिवस" घोषित किये जायें।
9.) राजभवन स्थित मूर्ति गार्डेन में कुड़मि शहीदों एवं महापुरुषों की प्रतिमाएं भी स्थापित किये जायें।
10.) 'करम परब' पर भादर एकादशी और उसके अगले दिन भासान व पारना पर दो दिन, 'बाँदना/सोहराय परब' पर कार्तिक अमावस्या के दिन से तीन दिन, 'टुसु परब' पर अगहन संक्रांति (डिनि आना) को एक दिन व बाँउड़ि, पुस संक्रांति (डिनि/टुसु भासान) व पहला माघ (आखाइन-जातरा/हाल-पुनहा) को तीन दिन, जेठ महीने के तेरहवें दिन रोहिन परब (बिज-पुनहा) पर एक दिन आदि परबों पर सरकारी छुट्टी की घोषणा की जाय।
ज्ञापन देने में मुख्य रुप से जिला संयोजक मुकेश कुमार कण्डरवार, सह संयोजक मनीलाल महतो, संयोजक मंडली सदस्य परमेशवर महतो, अमर महतो, शैलेश महतो, जगतपाल महतो, संजय जुरुआर, महिपाल हिंदवार,हेमन्त महतो, ललित महतो राजकुमार महतो, तपन कुमार महतो, देव कुमार महतो,सोहदर महतो,जलेश,विजय, आनंद,लेलेश्वर,मुकेश,राहुल,भागवत,रवि,कुमार,राहुल,रविन्द्रनाथ,हरिदास,नेपाल,क्षेत्रमोहन,राजेन्द्र,निर्मल,सरस्वती प्रिया,रीता कुमारी, ... आदि सौकड़ों टोटेमिक कुड़मि उपस्थित रहे।
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