मोदी जी तेरी माया समझ में ना आए, महामारी में भी सरकारी छोड़ प्राइवेट ही भाए ।

मोदी जी तेरी माया समझ में ना

 आए, महामारी में भी सरकारी

 छोड़ प्राइवेट ही भाए 

प्राइवेट सीरम इंस्टीट्यूट को
 3000 करोड़ और सरकारी
 भारत वायोटेक को 1500 करोड़ दिया:मनोहर कुमार यादव




कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए भारत सरकार प्रयासरत जरूर दिख रही है, लेकिन परिणाम विरोधाभास भरी।
बहुत ही परिश्रम के बाद भारत में कोविड पर नियंत्रण के लिए दो वैक्सीन तैयार हुए पहला वैक्सीन तैयार करने वाली सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जोकि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्रेजनेका कंपनी के साथ मिलकर भारत में कोविशील्ड तैयार किया। सिरम इंस्टीट्यूट ने पांच विदेशी दवा कंपनियों से करार किया और उन्हें भारत से भी सस्ती दर पर वैक्सीन उपलब्ध करा रहा है प्रधानमंत्री मोदी जी ने कोरोना के प्रथम लहर के अंतिम चरण में वैक्सीन बनाने के लिए पीएम केयर्स फंड से एक सौ करोड़ रुपए देने का ऐलान किया था उसके तहत आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च )के सहयोग से भारत बायोटेक ने जो कि शुद्ध रूप से भारत सरकार का स्वालंबी दवा कम्पनी है ने कोवैक्सीन तैयार किया भारत सरकार ने भारत बायोटेक को 65 करोड़ रुपए अनुदान के रूप में दीया ।
नवंबर 2020 में ही भारत सरकार के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बायोटिक विभाग को 900 करोड़ रुपए कोविड सुरक्षा मिशन के तहत देने का ऐलान किया ।
सीरम इंस्टीट्यूट के मालिक अदार पुणे वाला जो की पूंजी के मामले में भारत में चौथे सबसे अमीर आदमी और दुनिया भर में 100 वें सबसे अमीर आदमी है वह लगभग 7 हजार करोड़ रुपए का मालिक है।
पुणे वाला के आग्रह पर भारत सरकार ने 3000 करोड़ रुपए का सहायता राशि प्रदान किया, वित्त विभाग के नियम 172 के अनुसार प्रॉफिट कमाने वाली संस्थानों को बगैर बैंक गारंटी के एक रुपए भी एडवांस देने का नियम नहीं है लेकिन उस नियम को शिथिल करते हुए कोविड सुरक्षा मिशन के तहत सिरम इंस्टीट्यूट को 3000 करोड़ रूपया एडवांस मे दे दिए गए सिरम इंस्टीट्यूट ने भारत सरकार के साथ करार किया है कि अपने उत्पादन का 50% वह भारत को देगा और 50% में दुनिया के अन्य देशों के या करार करने वाली दवा कंपनियों को देगा।
सवाल इस पर नहीं है कि बगैर कोई बैंक गरांटी के 3000 करोड़ रुपए एडवांस में सिरम इंस्टीट्यूट को दिया गया बल्कि सवाल यह है की इतनी मोटी रकम एडवांस में देने के बाद भी सिरम इंस्टीट्यूट भारत को दुनिया के अन्य देशों से महंगा वैक्सीन उपलब्ध करा रहा है भारत को सिरम ने केंद्र सरकार के लिए ₹150 प्रति डोज राज्य सरकारों के लिए ₹400 प्रति डोज और निजी अस्पतालों के लिए ₹600 प्रति दोष दे रहा है जबकि सऊदी अरब को ₹393 दक्षिण ,अफ्रीका को ₹393 अमेरिका को ₹299 बांग्लादेश को ₹299 ब्राजील को ₹236 ब्रिटेन को ₹224 और यूरोपीय संघ को 162 से ₹262 प्रति डोज दे रहा है ।
सिरम इंस्टीट्यूट के मालिक अदार पुणावाला ने सफाई देते हुए समाचार माध्यमों को कहा की लोगों का जो बीमारी पर अन्य खर्च हो रहे हैं उसके तुलना में वैक्सीन का मैं बहुत कम रेट ले रहा हूं और इसकी तुलना विदेशों से न की जाए इसमें काफी बड़ी रकम लग रहा है सिरम इंस्टीट्यूट को वैक्सीन तैयार करने में कुल खर्च 3371 करोड़ रुपए हुआ है जिसमें उसने भारत सरकार से 3000 करोड़ रुपए की मांग की और भारत सरकार ने उसे बगैर कोई गारंटी लिए हुए 3000 करोड़ रुपए एडवांस में देने का सहमति दे दिया है।
बड़े मियां तो बड़े मियां - छोटे मियां सुभान अल्लाह।
शुद्ध रूप से भारतीय सहायता से भारत सरकार के सहयोग से और भारतीय तकनीक से कोवैक्सिन तैयार करने वाले भारत बायोटेक ने अपने वैक्सीन को सीरम से भी महंगा कर दिया भारत बायोटेक ने केंद्र सरकार के लिए ₹150 प्रति डोज राज्य सरकार के लिए ₹600 प्रति डोज और निजी अस्पतालों के लिए 1200 रुपए प्रति डोज का मूल्य निर्धारण कर दिया जबकि उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने हाल ही में भारत बायोटेक को 1500 करोड़ रुपए बगैर कोई गारंटी के दे दिया है।

सिरम इंस्टीट्यूट के मुनाफा के बारे मे कहा जा रहा है कि लगभग एक लाख बीस हजार करोड़ कि कमाई वैक्सीन से कर चुका है।

फरवरी21 मे पारीत केन्द्र सरकार के बजट में वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रू का प्रावधान किया गया था वह कहां गया, क्या हुआ उसका हिसाब तो भारत सरकार ही जाने लेकिन यदि उस 35 हजार करोड़ मे से मात्र35 सौ करोड़ रुपए भी सिरम इंस्टीट्यूट को उस वक्त दे दिया जाता जो कि उसके कुल लागत मुल्य 3371 करोड़ रुपए से ज्यादा ही होता तो शायद सिरम अपना कोविशिल्ड वैक्सीन दुसरे देशों को भेजने पर मजबूर न होता या बचनबद्धता वश भेजता भी तो बहुत ही कम मात्रा में।

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