बार का चुनाव
चुनाव की चाह में
प्रत्याशी ठोके ताल,
एडहॉक कमेटी चुपचाप है
चले कछुए की चाल।
औबजर्वर भी बहाल हुए
करें अपील बार-बार,
चिट्ठी पर चिट्ठी भेजें
मांगे वोटर लिस्ट तत्काल।
टेबल टेबल प्रत्याशी घूमे
चुपचाप करें प्रचार,
तारीख की घोषणा नहीं
चुनाव पर लटकी तलवार।
नए नए चेहरे भी
मैदान में हैं तैयार,
पुराने प्रत्याशियों की साख
दांव पर है इस बार।
कवि स्वच्छंद होते हैं
दो टूक कहते अपनी बात,
सत्य कड़वा ही सही
पर सदैव देते उसका साथ।
रतीश रौशन उपाध्याय
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