कुंदा पुलिस और वनकर्मियों ने गांव-गांव में
अफीम के खेती के विरुद्ध चलाया
जागरूकता अभियान
शशि पाठक
कुंदा(चतरा):-अफीम की खेती पर रोक लगाने को लेकर कुंदा पुलिस और वनकर्मियों ने लगातार गांव - गांव में बैठक कर अफिम की खेती नहीं करने की चेतावनी दे रही है.अब तक करीब तीन दर्जन से अधिक गांव में बैठक कर कड़ी हिदायत करते हुए अफीम की खेती नहीं करने का एलान किया ।कुंदा के नावाडीह,लावालौंग,जामुनटांड़ गांव के ग्रामीणों के साथ बैठक कर अफीम के खेती से होने वाले नुकशान को वनकर्मियों ने बताया। साथ हीं गांव के सभी लोगों ने अफीम की खेती नहीं करने का शपथ भी लिया है।इस दौरान ग्रामीणों को संबोधित करते हुए वनरक्षी ने बताया कि पोस्ता की फसल को सरकार ने प्रतिबंधित कर रखा है। इस फसल को लगाने वाले लोगों को पुलिस पकड़ कर जेल में डाल देगी। पोस्ता से हीं अफीम, ब्राउन शुगर जैसी नशीले पदार्थ तैयार की जाती है। जो अन्य प्रदेशों में काफी महंगी कीमत पर बेची जाती है। इस नशे की आदत युवाओं में तेजी से फैलने लगा है।जो व्यक्ति इस नशे की जद में आ जाता है उसका जीवन हीं बर्बाद होना निश्चित है। पोस्ता की फसल जिस खेत में की जाती है, वह खेत भी बंजर हो जाता है। खेत में कोई दूशरा फसल नहीं उगता है। पोस्ता का समूचा पौधा हीं मनुष्य के शरीर को हानी पहुंचाता है। लगातार इसके संपर्क में आने के बाद लोग अनेकों प्रकार के गंभीर बिमारी से ग्रसित हो जाते हैं। इतने दुर्गुणों से भरे रहने के कारण ही सरकार ने पोस्ता की खेती करने पर प्रतिबंध लगा रखा है। सरकार इस वर्ष पोस्ता की खेती करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है इसलिए आप लोग अपने अपने खेतों में पोस्ता की खेती ना करें और ना ही किसी को करने दें पोस्ता की खेती करने के लिए प्रेरित करने वालों की जानकारी आप पुलिस और वनकर्मियों को सहयोग करें पोस्ता की खेती अवैध है। अफीम माफिया सुदूरवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों में बसे हुए गांवों में भोले भाले गरीब लोगों को पैसे का लालच देकर इसका शिकार बनाते हैं और इस फसल को लगवाते हैं। फसल तैयार हो जाने पर इससे बने नशीले अफीम को औने पौने कीमत पर आप सभी से ही खरीद लेते हैं और बेंचकर खुद तो मालामाल बन जाते हैं, जबकि आप सभी ग्रामीणों की स्थिति पूर्व वत बनी रहती है। पोस्ता लगे होने की जानकारी पर पुलिस और वन विभाग के लोग आते हैं और फसल को बर्बाद कर दिया जाता है। बिना कारण के आप भोले भाले गरीब लोगों को चिन्हित कर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया जाता है, जबकि माफिया साफ बच निकलते हैं। आप अभी अपने तैयार खेतों में पोस्ता की खेती नहीं कर सब्जी की खेती करें। इसके साथ ही पोस्ता की खेती करने के लिए प्रेरित करने वाले व्यक्ति की जानकारी भी पुलिस और वन विभाग को दें.आपका नाम गुप्त रखा जाएगा इस मौके पर वनरक्षी मुकेश कुमार,मुन्ना उरांव,अरुण कुमार,सुबोध सोनी समेत कई लोग शामिल थे
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