दिल्ली के जंतर- मंतर में सरना धर्म कोड हेतु सत्याग्रह को नजरअंदाज ना करें केंद्र सरकार :आजम अहमद

दिल्ली के जंतर- मंतर में सरना धर्म 

कोड हेतु सत्याग्रह

 को नजरअंदाज ना करें केंद्र सरकार :आजम अहमद






झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के वित्त अध्यक्ष झामुमो नेता आजम अहमद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह मांग की है कि झारखंड के मुख्यमंत्री ने झारखंड विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड हेतु प्रस्ताव को मंजूरी के बाद झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष अनुमोदन हेतु भेजने का काम किया ,झारखंड के धरतीपुत्र वीर सपूत भगवान बिरसा मुंडा सिद्धू काहूं चांद भैरव के वंशज आज अपने मान-सम्मान पहचान के लिए दिल्ली के जंतर मंतर में 6 दिसंबर एवं 7 दिसंबर को सरना धर्म कोड के लिए सत्याग्रह करना पड़ रहा है आज भगवान बिरसा मुंडा चांद भैरव सिद्धू काहूं की आत्मा यह सोचते होंगे कि भारत में जाति पहचान के लिए इतना जद्दोजहद करना पड़ता है जबकि भाजपा की झारखंड इकाई के सांसद और कई विधायक सरना धर्म को मानने वाले हैं उनके बावजूद संसद सदन में कई बार सरना धर्म कोड के लिए संसद भवन में पुरजोर तरीके से सरना धर्म के भाइयों ने और अन्य दलों के साथियों ने भी सरना धर्म कोड देने के नाम पर सहमति जताने के बाद भी भाजपा की सरकार आस्था के नाम पर चल रही है उसके बावजूद आस्था के नाम पर आज अगर सरना धर्म कोड देने में सक्षम नहीं है तो ऐसी सरकार को चुनाव के समय खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना होगा कांग्रेस व अन्य दलों से भी यह मांग है कि किसी के धर्म और आस्था से खिलवाड़ करना बंद करो उनके धर्म और पहचान ही उनकी पहचान है.
दूसरी ओर गत सोमवार को सरना धर्म रक्षा मंच की दिल्ली स्थित गांधी पीस फाउंडेशन में सरना धर्म कोड मांग को लेकर विभिन्न राज्यों के सरना धार्मिक सामाजिक संगठनों की प्रतिनिधि सभा हुई इसमें विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि के अलावा नेपाल बांग्लादेश, भुटान के सरना धर्मावलंबी शामिल हुए, जिसमें झारखण्ड से अजीत टेटे दुर्गावर्ती ओड़ेया, बगराय ओड़ेया, बंथु उरांव, बिरसा कंडीर, रेणु तिर्की, संगम उरांव, अनुप टोप्पो समेत अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे। सभा अध्यक्षता करते हुए डाॅ. करमा उरांव ने कहा कि आजादी के 75 साल होने के बाद भी सरना धर्म कोड नहीं मिलना अन्याय है। इसके लिए जाति- पार्टी से ऊपर उठकर नए सीरे से आंदोलन करने की जरूरत है।

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