केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बब्लू मुंडा और
महासचिव कृष्ण कांत टोप्पो ने कहा:आंदोलनकारी
भुखमरी, गरीबी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं
बब्लू मुंडा
कृष्ण कांत टोप्पो
आज झारखंड अलग राज्य हुए 22 वर्ष होने को हैं और झारखंड अलग राज्य के लिए कुर्बानियां देने वाले भूख गरीबी और लाचारी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं , बहुतेरे आंदोलनकारी भूख और गरीबी और लाचारी में स्वर्ग सिधार गए और उनके परिजन किस परिस्थिति में हैं इसका लेखा-जोखा लेने वाला कोई नहीं है । वहीं दूसरी ओर अलग राज्य होने के पश्चात राजनेता और नौकरशाह तथा गैर झारखंडी येन केन प्रकारेण झारखंड को लूटने से बाज नहीं आ रहे और मालामाल हो रहे हैं जिनकी रत्ती भर भी भूमिका अलग राज्य के मामले में नहीं रही है , जो झारखंड और झारखंडवासियों के लिए एक बड़ी विडंबना है । केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष श्री बबलू मुंडा और महासचिव श्री कृष्ण कांत टोप्पो इस स्थिति पर गहरा शोक व्यक्त कर अपने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय व आयकर विभाग उन सभी लोगों की संपत्तियों की जांच करें जो झारखंड अलग राज्य होने के पश्चात सत्ता उसके गलियारे में रहने वाले रसूखदार लोग हैं जो अकूत संपत्ति व महंगी गाड़ियों में घूम कर विलासिता की जिंदगी जी रहे हैं तथा झारखंड की जल जंगल और जमीन की लूट में शामिल हैं ।
साथ ही साथ सत्ताधारी सरकार अपनी कार्यशैली में सुधार लाकर झारखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए सर्वोत्तम नीति निर्धारण व कार्यान्वयन शीघ्रातिशीघ्र करने में अपनी भूमिका अदा करें और झारखंड के आदिवासी मूलवासी लोगों के हितार्थ आवश्यक कदम उठाएं ।
विगत दिनों राज्य की वरिष्ठ पदाधिकारी कि जप्त धनराशि राज्य हित में उपयोग तथा जप्त अचल संपत्तियों पर बुलडोजर चलाकर दुबारा सफेदपोश अपराधियों को अपने मंसूबे में सफल ना होने देने हेतु समुचित कदम उठाएं ।
झारखंड राज्य में सीएनटी और एसपीटी जैसे कठोर कानूनों का उल्लंघन कर आदिवासियों की अवैध हस्तांतरित जमीन की आवश्यक रूप से जांच कर वास्तविक मालिकों को वापसी की कार्रवाई संपन्न करें ।
श्री बबलू मुंडा ने झारखंड की राजनीतिक परिस्थितियों पर विश्लेषण कर एक अलग क्षेत्रीय पार्टी के गठन की आवश्यकता बताई जो झारखंड के आदिवासी मूलवासियों के हित की प्राथमिकता के साथ साथ गांव के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचा सके , केंद्रीय सरना समिति इस कार्य हेतु हर संभव सहयोग करने की इच्छा जताई ।


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