देवरिया जिले का तहसील बना
दलाली व भ्रष्टाचार का अड्डा
देवरिया। ग्राम जिगिना मिश्र तप्पा भटनी तहसील सलेमपुर जनपद देवरिया के निवासी अरविंद कुमार मिश्र के पिता पांच भाई थे। जिनकी एक चाची सावित्री वेवा नारायण ने दूसरी चाची रामरती बेवा रामलाल को अपने हक व हिस्से से अधिक जमीन 20 जुलाई 2015 में बैनना किया गया। जिस पर अरविन्द कुमार मिश्र के पिता पारस नाथ ने आपत्ति प्रस्तुत किया गया था जो क्रेता रामरती पत्नी रामलाल के बार बार अनुपस्थित होने, के कारण अदम पैरवी में दिनाक 16 नवंबर 2019 को खारिज हो गया और दिनांक 19 सितंबर 2022 दाखिल दफ्तर हो गया।
आपत्ति कर्ता पारस नाथ के 17 अप्रैल 2022 निधन के उपरान्त भू माफिया अजय तिवारी पुत्र भूप नारायण ने बैनामा धारक रामरती बेवा रामलाल के जून 2023 के निधन के उपरान्त रामरती के एक मात्र मंद बुद्धि सुनील कुमार को साथ में मिलाकर नवंबर 2023 को पुनः तहसील न्यायालय में फाइल को पेस किया गया जिसमे न्यायालय द्वारा 06 दिसंबर 2023 को सम्मान जारी किया गया जो तहसील पर बैठे बैठे अरविन्द कुमार मिश्र तथा अरविंद कुमार के भाई कृष्ण माधव मिश्रा जो कि उत्तराखण्ड में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं 06 दिसंबर 2023 अपने पैतृक गांव जिगिना मिश्र से सात सौ किलो मीटर दूर ड्यूटी पर थे का तथा अरविन्द कुमार मिश्र की माता जी जो की अनपढ़ अंगूठा लगती है उपरोक्त सभी का फर्जी सिगनेचर बना सम्मन तमिल करा कर फर्जी तरीके से फर्जी दस्तावेज के आधार पर बिना दुबारा नोटिस व गजट जो कि न्यायालय की प्रक्रिया की अवहेलना करते हुए 01 फरवरी 2024 को तहसीलदार द्वारा एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए सुनील कुमार का नाम दर्ज करने का आदेश पारित किया गया जिसका पता लगने पर अरविन्द कुमार मिश्र द्वारा 03 फरवरी 2024 को तहसील न्यायालय में कयनी प्रस्तुत किया गया। जिसमे 16 फरवरी 2024को न्यायालय द्वारा सुनवाई की तारीख मिली थी। इसी बीच एसडीएम सलेमपुर ने 07 फरवरी 2024 को मौके पर आकर मुझे बुलाया और 1/2 हिस्सा देने को बोले। जिसे एसडीएम को उपरोक्त प्रकरण से अवगत कराया गया तो उन्होंने अगले दिन तहसील पर बुलाया और मेरी किसी भी बात को न सुनते हुए टीम गठित कर कब्जा दिलाने का एक तरफा आदेश दे दिए।
उपरोक्त प्रकरण को 10 फरवरी 2024 को सीएम पोर्टल जन सुनवाई के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई गई तथा साथ ही साथ 04 जनवरी 2024 के फर्जी तरीके से कराए गए तहसीलदार के आदेश को जिला न्यायालय मे चुनौती देते हुए बाद दायर किया गया है।
13 फरवरी 2024 को जिला धिकारी देवरिया के जनता दरबार में लिखित प्रार्थना पत्र के साथ प्रस्तुत होकर उपरोक्त प्रकरण के सम्बंध में अवगत कराया गया तथा जिलाधिकारी द्वारा आश्वासन दिया गया की आपके साथ गलत नहीं होगा।
16 फरवरी 2024 को विपक्षी को न्यायालय के अंतर्गत सम्मान जारी कराया गया है।
उसके बाद भी 14 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश राजस्व अधिनियम 2006 सेक्शन 24 की अवहेलना करते हुए कानूनगो व लेखपाल जिगिना मिश्र द्वारा मौका मुआयना के नाम पर जमीन की पैमाइस की गई तथा 20 फरवरी 2024 को दोबारा सभी जमीन पर आपत्ति कर्ता के अनुपस्थिति में सम्पूर्ण संपत्ति पर 1/2 आधे संपत्ति पर पुलिस बल द्वारा नायब तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल के द्वारा अवैध रूप से कब्जा कराया गया, जो कि पूर्ण रूप से असंवैधानिक है।
भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को पर इस कदर किया गया की जिस संपत्ति को चक संख्या 274 ग को 1999 में बैनामा करता सावित्री बेवा नरायण ने देवदत्तव व संतोष पुत्रगण जोखन मिश्र को बैनामा किया और जोखन मिश्र की खारिज दाखिल कराकर उसपर लगभग बैनामे से वर्तमान समय तक काबिज है।
उसी चक नम्बर 274ग को सावित्री बेवा नारायण जो की काबिज नही है, दोबारा उसी चक नम्बर 274ग का 2015 में रामरति बेवा रामलाल को बैनामा किया जो की पूर्ण रूप से धोखाधड़ी है।
अरविन्द कुमार मिश्र के द्वारा शासन प्रशासन के द्वारा कब्जा दिलाने के बाद सभी खेतो में न्यायालय विवाद लांबिल होने का सूचना बोर्ड लगाया गया है ताकि भू माफिया अजय तिवारी पुत्र भूप नारायण जमीन का क्रय विक्रय न करा सके तो थाना भटनी द्वारा अरविन्द कुमार को थाने बुलाकर धमकाया जा रहा है कि जल्द से जल्द बोर्ड हटा लो नही तो ठिक नही होगा। क्योंकि एसडीएम का मेरे पास फोन आया है कि कब्जा दाखिल मे कोई हस्तक्षेप हो।
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