एजी आफिस में कार्यरत सुनील कुमार ने
फांसी लगाकर की आत्महत्या

प्रयागराज (राम आसरे)। कैंट थानान्तर्गत सदर बाजार निवासी (49) वर्षीय सुनील कुमार जो कि एजी आफिस में सरकारी कर्मचारी (चपरासी) के पद पर कार्ररत था, ने मंगलवार की रात अपने कच्चे मकान में फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
मंगलवार की सुबह उसके परिवार और मोहल्ले वालों को इसकी जानकारी तब हुई, जब वह काफी देर तक अपने कमरे से बाहर नहीं निकला, क्योंकि सुबह 5 बजे ही मार्निंग वाक के लिए सुनील उठ जाता था यह उसका रोज का नियम था। परिवार में सुनील की पत्नी मधु कुमारी और इकलौती बेटी नंदिनी (खुशी) है। जो कि एक अलग कमरे में सो रही थीं जब सुबह उठकर देखा कि सुबह के सात आठ के बजे के आसपास का समय हो रहा था और सुनील का कमरा अभी भी बंद था, तो उसकी पत्नी मधु को कुछ शंका हुई उसने दरवाज़े को हल्का सा धक्का दिया तो तुरन्त खुल गया क्योंकि अंदर से दरवाजे की कुंडी नहीं लगी थी, सामने का नजारा देखकर मधु चीखने चिल्लाने लगी क्योंकि उसके पति सुनील की गर्दन फांसी के फंदे से लटकी हुई थी, सुनील ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
मधु की चीखने चिल्लाने की आवाज से मोहल्ले के लोग जमा हो गये फौरन संबंधित थाने को सूचना दी गई, सूचना मिलते ही थाना प्रभारी सूनील कूमार कनौजिया, चौकी इंचार्ज कुलदीप उपाध्याय मयफोर्स घटनास्थल पर पहुँच गये मृतक की पत्नी से औपचारिक पूछताछ के बाद शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम भेज दिया।
विश्वसूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक एजी आफिस कर्मी अगले माह रिटायर होने वाला था, रिटार्मेंट के बाद उसे अच्छा खासा पैसा मिलता, जो अब उसे न मिलकर उसकी पत्नी मधु और बेटी नंदिनी को मिलेगा जबकि उसके अपनी पत्नी से संबंध ठीक ठाक नहीं थे आये दिन दोनों के बीच लड़ाई झगड़ा होता रहता था कारण मृतक के संबंध किसी दूसरी महिला के साथ थे जो उसकी रिश्तेदार है इसी बात को लेकर अक्सर मिया बीवी आपस में झगड़ते रहते थे।
शायद इस बात को लेकर सुनील तनाव में रहा हो जिस कारण उसने आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाया है। बरहाल एजीकर्मी के आत्महत्या का कारण नहीं पता चल सका। पुलिस भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद या फिर मृतक की पत्नी बेटी के बयान के बाद ही आगे कार्रवाई कर सकेगी।
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