बांसवाड़ा में पहला बगलामुखी मन्दिर एवं साधना केन्द्र लेगा मूर्त रूप

बांसवाड़ा में पहला बगलामुखी मन्दिर एवं

साधना केन्द्र लेगा मूर्त रूप


बांसवाड़ा, 4 मई (हि.स.)। गायत्री मण्डल की ओर से श्री पीताम्बरा आश्रम परिसर में तीन हजार पांच सौ वर्ग फीट में ढाई करोड़ रुपये की लागत से विशाल एवं भव्य पीताम्बरा (बगलामुखी) शक्तिपीठ निर्माण किए जाने की योजना बनाई गई है।

इसके लिए गुरुवार को श्री हनुमत्पीठ साधना एवं प्रशिक्षण केन्द्र में गायत्री मण्डल के प्रमुख पदाधिकारियों, आश्रम प्रबन्धकों एवं वास्तुविदों की बैठक में व्यापक विचार विमर्श कर रूपरेखा बनाई गई।

गायत्री मण्डल के मुख्य संरक्षक, पूर्व आयुक्त दिलीप गुप्ता की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में गायत्री मण्डल की चार दशकों से चले आ रहे पीताम्बरा शक्ति पीठ के संकल्प को पूर्ण करने की दिशा में गहन चर्चा में शक्तिपीठ के स्वरूप, निर्माण के विभिन्न आयामों तथा स्थल चयन आदि से संबंधित विषयों पर भूमि के मानचित्रों को केन्द्र में रखकर विचार-विमर्श कर इस योजना को अंतिम रूप दिया गया।

बैठक में जाने-माने वास्तु विशेषज्ञ अरविन्द मालवीय, वास्तु परिषद के संयोजक चन्द्रशेखर जोशी, विशेषज्ञ अभियन्ता अनन्त गुप्ता, गायत्री मण्डल के उपाध्यक्ष मनोहर जी. जोशी, सचिव विनोद शुक्ला, सह सचिव सुभाष भट्ट, पीताम्बरा परिषद के सह संयोजक पं. मधुसूदन व्यास, आश्रम के कार्यक्रम समन्वयक पं. मनोज नरहरि भट्ट, रमेश आर. भट्ट, अजय अधिकारी, अनिल पण्ड्या आदि ने विचार व्यक्त किए।

बांसवाड़ा में बनने वाला यह दैवीय और दिव्य स्थल राजस्थान में अपनी तरह का पहला पीताम्बरा शक्तिपीठ होगा। इसमें प्रधान देवी के रूप में देवी बगलामुखी की प्रतिमा के साथ ही गणेश, भैरव, शिव आदि की मूर्तियां भी स्थापित की जाएंगी।

बैठक के उपरान्त मण्डल के मुख्य संरक्षक दिलीप गुप्ता, निर्माण विशेषज्ञ अभियन्ता अनन्त गुप्ता, राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध वास्तु विशेषज्ञ अरविन्द मालवीय (पिण्डवाड़ा), वास्तुविद् चन्द्रशेखर जोशी एवं तकनीकि विशेषज्ञों की टीम ने पीताम्बरा आश्रम की भूमि का तकनीकी सर्वेक्षण करते हुए शक्तिपीठ स्थल के लिए भूमि का चिह्निकरण किया और मन्दिर निर्माण मानचित्र को अंतिम रूप प्रदान किया। अब इसके आधार पर शक्तिपीठ निर्माण का कार्य योजनाबद्ध रूप से किया जाएगा।

शक्तिपीठ के साथ ही पार्किंग, हरीतिमा विस्तार, दैवीय उद्यान निर्माण आदि कार्य कराए जाएंगे। इस शक्तिपीठ में पीताम्बरा देवी की साधनाओं के साथ ही जिज्ञासु साधकों के लिए देवी साधना का प्रशिक्षण भी दैवी साधकों एवं संतों द्वारा उपलब्ध होगा। राजस्थान भर में देवी बगलामुखी का यह पहला भव्य मन्दिर होगा, जहां व्यापक पैमाने पर दैवी साधकों के लिए सभी सुविधाएं और मार्गदर्शन के साथ ही साधनाओं के लिए सभी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

गायत्री मण्डल के मुख्य संरक्षक दिलीप गुप्ता ने बैठक में बताया कि यह कार्य सनातनी धर्मावलम्बियों, पीताम्बरा साधना के सिद्धों एवं साधकों तथा सहयोगियों के योगदान से किया जाएगा। इनके साथ ही अगले चरण में गौशाला का निर्माण भी कराया जाएगा। बैठक में श्री पीताम्बरा आश्रम में नवम्बर 2023 से लेकर निरन्तर चलाए जा रहे निर्माण कार्यों की अब तक की प्रगति की समीक्षा की गई और इन पर संतोष व्यक्त किया गया।

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