एडमिशन चार्ज और री एडमिशन
के साथ सभी एक्स्ट्रा शुल्क बन्द
हो क्योंकि शिक्षा का केंद्र सेवाभाव
का स्थल है, व्यापारीकरण न करें
निजी स्कूल : कमलेश सिंह
(संचालक विवेकानंद विद्या मंदिर कुन्दरी)
शिक्षा का व्यापारीकरण जिस प्रकार से आज समाज पर हावी होता जा रहा था उससे अभिभावक काफी चिंतित हो गए थे। अपने होनहार बच्चों के भविष्य को लेकर उदासीन होना मध्यम एवं निम्न वर्गीय परिवार का जायज है। सरकारी शिक्षा केंद्रों को आज सुदृढ़ करने की अत्यंत
आवश्यकता है। जिससे सभी वर्गों के छात्र आसानी से पढ़ सकें साथ ही शिक्षक व्यवस्था और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का पूर्ण व्यवस्था किया जाना चाहिए।
गौर करें कि आज निजी स्कूल अपने हित मे पुस्तक विक्रेताओं से मिलकर मोटी कमीशन वसूलते हैं। किताबों के शुल्क बढाकर 40 - 50% तक अभिभावको पर आर्थिक बोझ बढा देते है। साथ मे एडमिशन चार्ज - री एडमिशन चार्ज के साथ साथ बिल्डिंग डेवेलपमेंट चार्ज तो वसूलते ही है और कई तरह के एक्स्ट्रा चार्ज भी निजी स्कूलों द्वारा वसूली जाती है।
हेमन्त सोरेन सरकार द्वारा प्रथम वार्षिक बजट में जिस प्रकार से निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने हेतु शिक्षा मंत्री श्री रामदास सोरेन ने त्वरित कार्यवाई करते हुए आदेश जारी किया है वह प्रसंशनीय है।
निजी स्कूलों को भी मानवता दिखाते हुए एडमिशन चार्ज - एडमिशन चार्ज के साथ साथ बिल्डिंग डेवेलपमेंट चार्ज को छोड़ देना चाहिए। ताकि समाज को अच्छा सन्देश जाए और अभिभावको के मन मे बन रही विद्यालयों के प्रति नकारात्मक विचारों को बदला जा सकें। साथ अभिभावको को कल के भविष्य को बनाने और गलत को रोकने हेतु आगे आकर कड़ा विरोध करना चाहिए, आवश्यकता पड़े तो वैसे स्कूलों का बहिष्कार करें साथ मे सही विद्यालयों का समर्थन भी करें।
बताते चले कि विवेकानंद विद्या मंदिर कुन्दरी में एडमिशन चार्ज, री एडमिशन चार्ज किसी से भी नही लिया जाता है साथ ही साथ किताब - कॉपी - स्कूल ड्रेस निःशुल्क छात्रों को उपलब्ध कराया जाता है एवं सत्र बदलने किताबें वापस लेकर अन्य छात्रों को उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे अभिभावको को इस महंगाई में काफी राहत महसूस हो रही है। अभिभावको के साथ साथ आम नागरिकों का भी ग्रामीण क्षेत्रो में काफी सहयोग प्राप्त हो रहा है। विद्यालय स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शों पर पूर्णतः संचालित होती है साथ ही भारतीय संस्कृति एवं परम्परा के अनुसार संचालित होती है।

0 Comments