रांची में शांति सद्भाव से निकला मुहर्रम का जुलूस, या हुसैन के नारों से गूंजा शहर

रांची में शांति सद्भाव से 

निकला मुहर्रम का जुलूस, 

या हुसैन के नारों से गूंजा शहर








रांची: इमाम-ए-हुसैन की कुर्बानी की याद में मुहर्रम के पहलाम का जुलूस रविवार 6 जुलाई 2025 शांति सद्भाव के साथ निकाला गया। अपने-अपने क्षेत्र से जुलूस दिन के लगभग 2 बजे निकला। सभी जुलूस अलबर्ट एक्का चौक, महावीर चौक के पास पहुंचा। जुलूस में देशभक्ति और भाईचारगी की झलक दिखी। ज्यादातर जुलूस तिरंगे के साथ निकले थे। जुलूस में शामिल हर हुसैनी इस्लाम जिंदा होता है हर कर्बला के बाद..। कर्बला की अजमत को लाखों सलाम। नाना भी बे मिसाल है नवासा भी बे मिसाल। आदि नारे लगाते हुए लोग जुलूस में चल रहे थे। मुहर्रम जुलूस का नेतृत्व सेंट्रल मुहर्रम कमिटी कर रही थी। कमिटी के संरक्षक मो सईद, अध्यक्ष जावेद गद्दी, महासचिव अकिलुर रहमान, उपाध्यक्ष आफताब आलम, मो तौहीद, अय्यूब राजा खान, सह सचिव पत्रकार आदिल रशीद, प्रवक्ता मो इस्लाम और सेंट्रल मुहर्रम कमिटी के लोग कर रहे थे। मोहर्रम के अखाड़ों में लाठी व तलवारों से हैरतअंगेज करतब भी दिखए गए। करतब देख लोग हैरत में थे। धौताल अखाड़ा के नेतृत्व प्रमुख खलीफा जमशेद अली उर्फ पप्पू गद्दी, जावेद गद्दी, साहेब अली, रोजन गद्दी, अन्य कर रहे थे। इमाम बख्श अखाड़ा के नेतृत खलीफा मो मौजूद कर रहे थे। वहीं शमश नौजवान कमिटी के अंतर्गत आने वाले अखाड़ा का नेतृत्व कमिटी के संरक्षक अय्यूब राजा खान, हाजी रब्बानी, खलीफा परवेज पप्पू, जिशान, सज्जाद, राजू, और शमश नौजवान कमिटी के लोग कर रहे थे। वहीं लीलू अली अखाड़ा के नेतृत खलीफा मो सज्जाद, महासचिव मो शकील, संरक्षक सलाहुद्दीन संजू, मो रब्बानी कर रहे थे। वहीं मुहर्रम नवजवान कमिटी मस्जिद मोहल्ला मोरहाबादी रांची अखाड़ा का नेतृत्व मो शोएब खान, खलीफा मो हसन और उनकी टीम कर रही थी।
मोहर्रम के मौके पर सभी अखाड़ों में भीड़ उमड़ी।
महावीर मंडल ने किया स्वागत
श्री महावीर मंडल राची सहित अन्य धार्मिक संगठनों ने अखाड़ों के खलीफा और पदाधिकारियों को पगड़ी, फूल माला पहनाकर और गले लगाकर स्वागत किया। अलग-अलग क्षेत्रों से निकली जुलूस मेन रोड, चर्च रोड, उर्दू लाइब्रेरी, टैक्सी स्टैंड, अलबर्ट एक्का चौक, शहीद चौक होते हुए महावीर चौक पहुंची। वहां से अपने निर्धारित मार्ग से कर्बला चौक स्थित कर्बला पहुंचा। वहां फातिहा पढ़ने के बाद रात के समय सारे जुलूस वापस लौट गए।
अखाड़ेधरियों को पिलाया शरबत
धार्मिक मान्यता के अनुसार कर्बला की लड़ाई में शहादत पाने वाले इमामे हुसैन और उनके साथ जंग लड़ने वालों को पानी तक नसीब नहीं हुआ था। बड़े तो बड़े छोटे-छोटे बच्चों को भी अधर्मी यजीदियों ने पानी से मोहताज बनाकर प्यासे रखा। जंग में बच्चे-बच्चे तक शहीद हो गए थे। आज सैयद जसीम रिज़वी, सैयद नदीम रिजवी ने अपने पिता स्वर्गीय सैयद अमीर हुसैन रिज़वी की याद में पानी, शरबत, कोलड्रिंक, खजूर बांटे।
लोग मन्नत मागते हैं और मोहर्रम की जुलूस में शामिल लोगों को शरबत पिलाते है। इसके साथ ही दर्जनों संस्था के लोगों ने स्वागत शिविर लगाया। रहिमन फाउंडेशन, कर्बला चौक दुकानदार समिति, टैक्सी स्टैंड दुकानदार समिति, सेंट्रल मुहर्रम इस्तकबालिया कमिटी, मोमिन अंसारी महापंचायत, डॉक्टर फ़तेहुल्लाह रोड समिति, झामुमो के फरीद खान समेत कई लोगों ने स्वागत शिविर लगाकर जुलूस का स्वागत किया।
सौहार्द के साथ किया जाता है आयोजन
अध्यक्ष जय सिंह ने कहा के 1929 से महावीर मंडल लगातार सांप्रदायिक सौहार्द के लिए आयोजन करती रही है। एक बेहतर समाज के निर्माण के लिये महावीर मंडल तत्पर रहेगी। महावीर मंडल के महामंत्री ललित ओझा ने राजधानी सहित झारखंड वासियों को मुहर्रम सद्भावना एवं भाईचारगी से मनाने के लिए मुस्लिम समाज एवं प्रशासन को बधाई दी।
हिदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है मुहर्रम
सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के महासचिव अकीलुर्रहमान ने बताया कि मुहर्रम हिदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक रहा है। यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। मुहर्रम के दौरान रांची की एकता देखने लायक होती है। यहां महावीर मंडल सहित कई सामाजिक संगठनों के लोग शामिल हुए।
कर्बला चौक पर लगा मेला
कर्बला चौक रोड के दोनों तरफ मुहर्रम का मेला लगा। दोनों तरफ छोटा छोटा दुकान विभिन्न प्रकार के दुकान सजे मिले। कर्बला में नियाज़ फातेहा के लिए शीरनी, अगरबत्ती, मोम बत्ती की खूब बिक्री हुई।
रांची में शिया सुन्नी का कोई भेदभाव नहीं
मौलाना सैयद तहजीबुल हसन रिज़वी ने कहा कि रांची में शिया सुन्नी का कोई भेदभाव नहीं है। सब एकजुटता के साथ हर पर्व में साथ रहते हैं। और ये वो शहर है जहां हिंदू मुस्लिम के नफरत भी बहुत दूर-दूर तक देखने को नहीं मिलती। यहां की एकता और अखंडता से देश के लोगों को सबक लेना चाहिए।
मस्जिद आला हजरत अशर्फी में शोहदा ए कर्बला का आयोजन
रांची: फैजान गौसुल-वोरा कमेटी, सत्तार कॉलोनी, बरियातु के द्वारा शोहदा ए कर्बला 2025 का आयोजन किया गया। फैजान गौसुल-वोरा कमेटी के सचिव आफताब आलम ने बताया कि कॉन्फ्रेंस पांच दिवसीय था। जिसमें बड़े-बड़े उलेमा ने हिस्सा लिया। अजमत सहाबा, इमाम आली का जीवन, फजीलत अहले बैत, मदीना से कर्बला तक का सफर, और इमाम हुसैन की शहादत और कर्बला का संदेश था। शाख दारुल इफ्ता की स्थापना एदारा ए शरिया झारखंड के नाजिम-ए-आला हजरत मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी की सरपरस्ती में मस्जिद आला हजरत अशरफी में की गई। फैजान गौसुल-वोरा कमेटी इसकी देखरेख करेगी। मो आफताब आलम ने कहा कि फैजान गौसुल-वोरा कमेटी मुहर्रम के अवसर पर शोहदा ए कर्बला का आयोजन करती रही है। इस कांफ्रेंस में मुफ्ती महबूब रजा नूरी, हाफिज कारी लुकमान रिजवी, हजरत मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी, मौलाना मो सलमान रजा, मौलाना कौसर रजा, मुफ्ती शाहिद रजा और नात ख्वान अलाउद्दीन, सलाहुद्दीन, इरशाद हमदम, महफूज आलम, मो आलम, मुस्लिम रजा मुस्लिम मौजूद रहे। इस मौके पर फैजान गौसुल-वोरा कमेटी के सभी लोग मौजूद थे।

मस्जिद आला हजरत

 अशर्फी में शोहदा ए 

कर्बला का आयोजन 

रांची: फैजान गौसुल-वोरा कमेटी, सत्तार कॉलोनी, बरियातु के द्वारा शोहदा ए कर्बला 2025 का आयोजन किया गया। फैजान गौसुल-वोरा कमेटी के सचिव आफताब आलम ने बताया कि कॉन्फ्रेंस पांच दिवसीय था। जिसमें बड़े-बड़े उलेमा ने हिस्सा लिया। अजमत सहाबा, इमाम आली का जीवन, फजीलत अहले बैत, मदीना से कर्बला तक का सफर, और इमाम हुसैन की शहादत और कर्बला का संदेश था। शाख दारुल इफ्ता की स्थापना एदारा ए शरिया झारखंड के नाजिम-ए-आला हजरत मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी की सरपरस्ती में मस्जिद आला हजरत अशरफी में की गई।  फैजान गौसुल-वोरा कमेटी इसकी देखरेख करेगी। मो आफताब आलम ने कहा कि फैजान गौसुल-वोरा कमेटी मुहर्रम के अवसर पर शोहदा ए कर्बला का आयोजन करती रही है। इस कांफ्रेंस में मुफ्ती महबूब रजा नूरी, हाफिज कारी लुकमान रिजवी, हजरत मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी, मौलाना मो सलमान रजा, मौलाना कौसर रजा, मुफ्ती शाहिद रजा और नात ख्वान अलाउद्दीन, सलाहुद्दीन, इरशाद हमदम, महफूज आलम, मो आलम, मुस्लिम रजा मुस्लिम मौजूद रहे। इस मौके पर फैजान गौसुल-वोरा कमेटी के सभी लोग मौजूद थे।
आफताब आलम, शमशेर खान, अहमद अंसारी, अशहिद अहमद, मोहम्मद खादिम, डॉ असलम, हाजी शमशुल हक, कमरुज्जमा, उस्मान अंसारी, मो अख्तर हुसैन, नदीम अशरफ, नसीम अंसारी, नसीम खान, शाहनवाज, विरासत हुसैन आदि थे।

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