भुंगरू एक्वा लाइन जल पंचायत का
शुभारंभ रांची उपायुक्त मंजूनाथ
भजंत्री किया : रांची जिले में जल
संरक्षण की नई पहल
भुंगरू एक्वा लाइन जल संचयन का शुरुवात: रांची जिले में जल संरक्षण की नई पहल
उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी, रांची श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने इसका शुभारम्भ किया
यह रांची जिले के भुंगरू क्षेत्र में वर्षा जल संचयन, भूजल स्तर पुनर्भरण और ग्रामीण समुदायों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने पर केंद्रित है
"जल जीवन का आधार है। भुंगरू एक्वा लाइन परियोजना न केवल जल संचयन को बढ़ावा देगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हमारा प्रशासन जल संकट से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है" :- उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी, रांची श्री मंजूनाथ भजन्त्री
यह परियोजना झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में जल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है
रांची जिले में जल संरक्षण और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मुख्य अतिथि के रूप में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने आज भुंगरू एक्वा लाइन जल संचयन का शुभारम्भ किया। यह परियोजना रांची जिले के भुंगरू क्षेत्र में वर्षा जल संचयन, भूजल स्तर पुनर्भरण और ग्रामीण समुदायों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने पर केंद्रित है, जो जलवायु परिवर्तन के चुनौतियों से निपटने में सहायक सिद्ध होगी।
जिसमें जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, जल संसाधन विभाग के विशेषज्ञ, ग्राम प्रधान, स्थानीय निवासी और पर्यावरण कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
उपायुक्त ने कहा, "जल जीवन का आधार है। भुंगरू एक्वा लाइन परियोजना न केवल जल संचयन को बढ़ावा देगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हमारा प्रशासन जल संकट से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है, और यह परियोजना उसी दिशा में एक मील का पत्थर है।"
उपायुक्त ने कहा जल संरक्षण और ग्रामीण विकास पर विशेष जोर दे रहे हैं, उन्होंने विशेष रूप से कहा, की हमें न केवल औपनिवेशिक शोषण से मुक्त होना है, बल्कि नशा, कुप्रथाओं और पर्यावरण विनाश जैसे 'नए अंग्रेजों' से भी लड़ना है। भुंगरू एक्वा लाइन परियोजना इसी लड़ाई का हिस्सा है।"
उपायुक्त ने परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए जिला जल एवं स्वच्छता मिशन, पीएचईडी और स्थानीय एनजीओ को बधाई दी। उन्होंने निर्देश दिए कि परियोजना के प्रभाव का मूल्यांकन त्रैमासिक आधार पर किया जाए और आवश्यकतानुसार विस्तार किया जाए।
कार्यक्रम में उपस्थित जल संसाधन विभाग के अधिकारी ने कहा, "यह परियोजना झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में जल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। हम आगामी वर्षों में 10 और इसी तरह की परियोजनाओं को लागू करने की योजना बना रहे है।
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