नौ दिवसीय विराट किसान मेला का सातवां दिवस
प्रयागराज(राम आसरे), माघ मेला 2021 के साथ कृषि विभाग द्वारा 09 दिवसीय विराट किसान मेला दिनांक 30.01.2021 से 07.02.2021 तक की अवधि में किया जा रहा है। मेले के सातवां दिवस में दिनांक 05.02.2021 को मुख्य अतिथि हर्षवर्द्धन वाजपेयी, विधायक, शहर उत्तरी द्वारा विराट किसान मेला में कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि यंत्रों एवं फार्म मशीनरी सहित लगभग 80 विभागों/संस्थाओं द्वारा अपना स्टाल लगाया गया है, इन स्टालो का अवलोकन किया गया। विधायक ने अपने उद्बोधन में उप कृषि निदेशक प्रयागराज, विनोद कुमार द्वारा किये जा रहे विभागीय योजनाओं को सुचारू रूप से संचालन के लिये सराहना की। अर्थ व्यवस्था को तीन वर्ग में विभाजित करते हुये बताया कि प्राथमिक क्षेत्र में कृषि, द्वितीय में उत्पादन तथा तृतीय में सेवा क्षेत्र होता हैं, जिसमें कृषि क्षेत्र का योगदान सर्वाधिक होता है। यमुनापार के कृषकों को बाढ़ सागर परियोजना के कारण अधिक पानी मिल पा रहा है, उन्होंने जैविक खेती के बारे में प्रयागराज के महत्व को बताया तथा तीनों कृषि कानूनों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी तथा जल्द ही कृषकों के लिये स्वयं के द्वारा विकसित ऐप की व्यवस्था की बात कही, जिसमें सभी नागरिकों को इच्छित जानकारी उपलब्ध हो सके। मेले में आये हुए कृषकों एवं वैज्ञानिकों तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों का स्वागत श्री विनोद कुमार, उप कृषि निदेशक प्रयागराज द्वारा किया गया तथा कृषि विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं का विस्तार से वर्णन करते हुए बताया गया कि यंत्रों से संबंधित योजनाओं का लाभ कृषक स्वयं कृषि विभाग के पोर्टल ण्ंहतपबनसजनतमण्बवउ से कृषि यंत्र हेतु टोकन निकाल कर अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। उप कृषि निदेशक, प्रयागराज ने सभी कृषि यंत्रों पर प्रदेश सरकार द्वारा अनुदान दे रही है लघु एवं सूक्षम कृषकों को उनके द्वारा क्रय मूल्य का 50 प्रतिशत अनुदान और सामान्य कृषकों को क्रय मूल्य का 40 प्रतिशत पर अनुदान देय है। फार्म मशीनरी बैंक 80 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था है।
डाॅ0 जी0पी0एम0 सिंह0, कृषि वैज्ञानिक, कृषि वैज्ञानिक नैनी, प्रयागराज द्वारा कृषि यंत्रों का सही उपयोग और उसके रख-रखाव के बारे में विस्तृत चर्चा की गयी। कृषि यंत्रों में थे्रशर, ट्रैक्टर, कल्टीवेटर, को रखने के लिए धूप, वर्षा, ओस में रखने से बचाव की व्यवस्था आवश्यक है। जो भी यंत्र खेती करने के बाद उसमें जो मिट्टी लगी हो, खाद लगी हो उसे धोकर रखना चाहिए। कृषक पाटा लकड़ी के यंत्र का इस्तेमाल करते हैं उसे जो मिट्टी लगी रहती है उसे साफ कर पाटा में जला तेल लगाकर रखने से उसमें दीमक नहीं लगता है एवं लोहे के यंत्र रख-रखाव हेतु हर दो से तीन साल कृषि यंत्रों ट्राली में जला तेल या पेंट करने से आपके यंत्र सुरक्षित रहते हैं और धन की बचत होती है। डाॅ0 अजय कुमार, कृषि वैज्ञानिक, कृषि वैज्ञानिक नैनी, प्रयागराज द्वारा मृदा स्वास्थ्य संरक्षण के बारे में चर्चा करते हुए बताया गया कि पौधों की वृद्धि के लियेे 16 तत्वों की आवश्यकता होती है जो मृदा के माध्यम से पौधों को प्राप्त होती है। वर्तमान में कृषक अत्यधिक मात्रा में तीन रासायनिक खादों (नाईट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश) का ही प्रयोग कर रहे हैं जिसके कारण मृदा का स्वास्थ्य गिरता जा रहा है। यदि पौंधों की वृद्धि और मृदा स्वास्थ्य को संरक्षित करना है तो फसल चक्र अपनाते हुए जैव उर्वरकों व हरी खाद का प्रयोग करें। लैब में मृदा की जाॅंच कराकर निर्देशों के अनुसार ही उर्वरकों का प्रयोग करें। डा0 विक्रम सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर शुआट्स नैनी, प्रयागराज द्वारा यंत्रीकरण में कृषि महत्व और उपयोग से संबंधित जानकारी देते हुए बताया गया कि कृषक पहले बैंलों से खेतों की जुताई करते थे जिससे समय ज्यादा लगता था। इस समय कृषक अपनी खेती रोटावेटर से ज्यादा कर रहे हैं जिससे समय की बचत हो रही है। कृषि यंत्रों का विकास बहुत तेजी से हुआ है, क्योंकि कृषक अपनी खेती को कम समय में कल्टीवेटर से गहरी जुताई करके अधिक उत्पादन एवं अपनी आय को दोगुना करने हेतु सहफसली खेती के साथ-साथ फसलचक्र अपनायें, पूर्व में अपने देश में कृषि रक्षा रसायनों का प्रयोग बहुत ही कम मात्रा में होता था, किन्तु वर्तमान में अत्यधिक मात्रा में रसायनों का प्रयोग होने से मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कृषक पुरानी विधायों को अपनाकर जैविक खेती के माध्यम से स्वास्थ्य और आय दोनों को बढ़ा सकते हैं।
विराट किसान मेला में, विनोद कुमार, उप कृषि निदेशक, प्रयागराज, डा0 अश्वनी कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी, प्रयागराज, इन्दिराकान्त पाण्डेय, उप परियोजना निदेशक, आत्मा,। डाॅ0 विक्रम सिंह, सहा0 प्राध्यापक शुआट्स नैनी, डा0 मदनसेन कृषि वैज्ञानिक, डाॅ0 अजय कुमार, कृषि वैज्ञानिक, जी0पी0एम0 सिंह0 कृषि विज्ञान केन्द्र नैनी कृषि वैज्ञानिक आदि उपस्थित थे। विराट किसान मेला में कृषि विभाग के साथ-साथ अन्य सभी सहयोगी विभागों के मण्डल/जनपद स्तरीय अधिकारी तथा दूर दराज के क्षेत्रों से आये किसानों को जिला कृषि अधिकारी,, प्रयागराज डाॅ0 अश्वनी कुमार सिंह द्वारा आभार प्रकट करते हुये छठवां दिवस का समापन किया गया।
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