हर मोर्चे पर हेमन्त सरकार
नाकाम है-राम प्रकाश तिवारी
रांची :स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी , झारखंड प्रदेश कमिटी के प्रदेश अध्यक्ष राम प्रकाश तिवारी ने हेमन्त सरकार पर आरोप लगाया कि आज सरकार फेल है सरकारी अस्पताल फेल है सरकारी स्कूल फेल है सरकारी कार्यालयों की व्यवस्था फेल है प्रशासन फेल है आम जनता का जीना मुश्किल हो गया है कोरोना महामारी में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन सरकार ने समय पर कोरोना वायरस की बीमारी पर 3 करोड़ 25 लाख नागरिकों को समय पर कोविंड
वैक्सीन का टीका समय पर योजनाबद्ध तरीके से नहीं लगाने के कारण कोरोना संक्रमित नागरिकों एवं मृतकों की संख्या बढ़ गई है बिना जांच के बाहर से आ रहे यात्रियों,अप्रवासी मजदूरों,छात्रों का बिना कोविंड जांच किए उन्हें अपने गांव जाने देने से अब गांवों में और शहर के मोहल्लो के घरों में कोरोना संक्रमण की बीमारी फैल गई है 24 जिलों के शहरों,गांवों, अनुमंडल,प्रखंड स्थित सरकारी अस्पतालों में अच्छा इलाज,दवाओं,बेड , ऑक्सीजन बेड की कमी हो रहा है सरकारी अस्पतालों में बिजली की कमी से सरकारी अस्पतालों में पंखा,एसी,जीवन रक्षक मशीन बिजली के अभाव या पंखे एसी जीवन रक्षक मशीनों,जांच मशीनों के खराब रहने से कोरोना संक्रमित एवं अन्य गंभीर रोगो से ग्रस्त मरीजों की स्थिति गंभीर होती जा रही है सैकड़ों मरीजों की मृत्यु हो गई है। सरकार इसपर ध्यान नहीं दे पाई है। हेमंत सरकार सरकारी अस्पतालों में बेड बढ़ाने की खाना पूर्ति कर रही है दुसरी तरफ जीवन रक्षक दवाओं, कोविंड दवाओं, इंजेक्शन, डाक्टरों,नर्सो की प्रर्याप्त व्यवस्था करने में नाकाम साबित होती रही है कोविंड मरीजों के इलाज में डाक्टरो,नर्सो को जिम्मेदारी देने से अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों का इलाज नहीं होने से मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकारी अस्पतालों में इलाजरत मरीजों की मृत्यु के बढ़ती संख्या से आम नागरिकों में यह डर हो गया है कि सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने से लौट के आने की गारंटी नहीं है प्राइवेट अस्पतालों में महंगे इलाज का खर्च करने की आर्थिक ताकत लाॅकडाउन के कारण गरीब मध्यम नागरिकों की क्षमता नहीं होने से अपने घर में घरेलु काढ़ा,पारासीटा मोल दवा लेकर सर्दी, खांसी बुखार का इलाज करने पर कई मरीज ठीक हूए परंतु बड़ी संख्या में घर में रोगियों की इलाज के अभाव में मृत्यु हूई जो शहर गांव के छोटे घाट पर दाह संस्कार या कब्रिस्तान में दफन शवों का किया गया।जो मृतकों की लाखों संख्या सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है जो संख्या है उसे हेमंत सरकार छिपा रही है। बड़े श्मशानघाटो, कब्रिस्तानों में अपने दाह संस्कार या दफन के लिए विगत कई दिनों उनकी लंबी कतारों से भयानक स्थिति दिखाई देती रही है,दवा दुकानों,अपने घरों,कार्यालयो में प्राइवेट इलाज करने वाले सभी डाक्टरो ने कोरोना के भय से शहर गांव में मरीजों का इलाज करना बंद कर दिया है इससे स्थिति और खराब है।
प्रदेश अध्यक्ष राम प्रकाश तिवारी ने हेमन्त सरकार के बिना तैयारी के 17 मार्च 2020 को पुरे झारखंड में एकाएक लाॅकडाउन लगा दिया और सबकुछ बंद कर दिया कुछ महिनों के बाद अनलाॅक में सबकुछ खोलते गए लेकिन कक्षा- नर्सरी से सात की पढ़ाई लिखाई लगातार 15 माह से सभी सरकारी, प्राइवेट स्कूलों को बंद रखकर चौपट कर दिया।उन्हें किताब काॅपी नहीं उपलब्ध कराया और न बाजार से खरीदने का मौका दिया, ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए 85% लाखों गरीब अभिभावकों के पास स्मार्ट मोबाइल, लैपटॉप,कम्प्युटर, इन्टरनेट,बिजली की सुविधा नहीं है। मिला-जुला कर बच्चों,बच्चियों की पढ़ाई लिखाई चौपट करके रख दिया है बिना पढ़ाई लिखाई , परीक्षा के लगातार दो सत्र में बच्चों को अगली कक्षा में पदोन्नति कर दिया गया, उच्च कक्षाओं, इंजीनियरिंग, मेडिकल इत्यादि तमाम परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया, भविष्य में पढ़ाई लिखाई चौपट रहने से लाखों करोड़ों बच्चे प्रतियोगिता, नौकरी लेने की परीक्षा में कैसे पास,सफल होंगे मिला-जुला कर स्थिति खराब करके रख दिया है। स्कूल बंद, काॅलेज बंद, कोचिंग,ट्यूशन की पढ़ाई लिखाई बंद है ऑनलाइन की पढ़ाई करने के बजाय बच्चे बच्चियां स्मार्ट फोन, लैपटॉप कम्प्युटर नेट से विडियो गेम,गंदे विडियो देखकर मानसिक रोगी,गंदे आदत के शिकार बन रहे है इसका खामियाजा देश, राज्य अभिभावकों को भुगतना पड़ेगा। कोरोना महामारी से पहले भी सरकारी स्कूलो की पढ़ाई लिखाई चौपट होने से बच्चो का भविष्य बर्वाद था हेमन्त सरकार करोड़ों रूपए माॅडल सरकारी स्कूलों को बनाने के लिए वर्तमान वित्तीय कोष खर्च करने का प्रावधान रखा,पहले भी सरकारी स्कूलों को बनाया गया फिर बंद कर दिया, सरकारी स्कूलों में सभी शिक्षकों की नियमित उपस्थिति नहीं होने से पढ़ाई लिखाई चौपट रहा है पकड़े जाने पर सरकारी शिक्षकों से रिश्र्वत लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी,जिला शिक्षा अधीक्षक,जिला शिक्षा पदाधिकारी उनपर कार्रवाई नहीं करते थे परिणाम स्वरूप अभिभावकों ने अपने बच्चों का भविष्य बचाने और बनाने के लिए गांव शहर के गली मुहल्लो में खुले छोटे,मध्यम,बड़े प्राइवेट स्कूलों में नामांकन कराकर पढ़ाने लगे,तत्कालीन पूर्व राज्य सरकारों वर्तमान हेमन्त सरकार ने तमाम प्राइवेट स्कूलों को बर्वाद करने के लिए शुल्क लेने या देने के लिए मना कर दिया लगातार लाॅकडाउन में बंद रखकर प्राइवेट स्कूलों की वित्तीय व्यवस्था चौपट कर दिया, हम भी बर्वाद होंगे साथ तुम्हें भी बर्वाद कर देंगे यह सरकार की जन विरोधी शिक्षा विरोधी नीतियों से बच्चों का भविष्य बर्वाद हो रहा है। अभिभावकों ने शुल्क देना बंद कर दिया है ऑनलाइन पढ़ाई कैसे संभव है? स्कूल प्रबंधन अपने शिक्षकों कर्मचारियों का वेतन नहीं दे पा रहे हे परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो गया है भुखमरी के कगार पर खड़े है।दुसरी तरफ सरकारी शिक्षकों को नियमित वेतन मिल रहा है।
एस आर पी के प्रदेशाध्यक्ष राम प्रकाश तिवारी ने कहा लाॅकडाउन,अनलाॅक फिर ऑकडाउन से अधिकांश सारा कारोबार काम धंधा,दुकानें ,छोटे उद्योग, प्राइवेट स्कूल काॅलेज, बाजार बाधित, बंद ,ठप्प होने से स्थिति खराब है किसानों के खेतों में कृषि उत्पादों का खरीददार नहीं आने से उनके खेतों में कृषि उत्पाद अन्य,सब्जी सड़ रहे हैं भारी नुकसान झेल रहे हैं लाॅकडाउन होने से सारा बाजार,दुकानें, उद्योगो काम धंधा ठप्प होने से मजदूरों, कामगारों, बेरोजगार शिक्षित,अशिक्षित युवा लड़कै लड़कियों ,रिक्शा,ऑटो,बस, ट्रक,अन्य वाहनों के मालिक,चालकों,खलासीऔर अन्य आम नागरिकों का जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। लाॅकडाउन बंदी से छोटे खुदरा थोक दुकानदारो, लद्यु कुटिर उद्योगो के निर्मित उत्पादों के खरीददार न मिलने से आर्थिक मंदी लगातार झेल रहे हैं बैंकों का कर्ज का किस्ती,व्याज का चुकता न कर पा रहे हैं सभी को परिवार के आवश्यक भोजन, खाद्य पदार्थ,सब्जी,दुध,दवा और किराये,पढ़ाई लिखाई का शुल्क, बिजली बिल का भुगतान करने के लिए सुदखोर से 5% से 10% कर्ज लेना पड़ रहा है भारी कर्ज में डुब रहे हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष राष्ट्रव्यापी लाॅकडाउन के भारी आर्थिक नुकसानों का पिछले अनुभवों के आधार पर वर्तमान वर्ष 2021 को कोरोना वायरस की दुसरी लहर में राष्ट्र व्यापी लाॅकडाउन नहीं लगाया और सभी राज्य सरकारों से अनावश्यक लाॅकडाउन न लगाने का अनुरोध किया था फिर भी झारखंड में हेमन्त सरकार ने लाॅकडाउन लगाकर सभी नागरिकों की आर्थिक स्थिति खराब कर दिए हैं। पूर्व सभी महामारी में लाॅकडाउन,काम धंधा , कारोबार, उत्पादन ठप्प नहीं किया गया था।
कोरोना महामारी में सरकारी अस्पतालों के भ्रष्टाचार लूट का और खराब चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल दिया है मरीजों से इलाज के लिए बाहर दवा दुकानों से दवा मंगाकर मरीजों का इलाज किया गया। सरकारी अस्पतालों के लिए करोड़ों रुपए की कंपनियों से दवाइयों की खरीददारी के फर्जी विपत्रो का भुगतान के घोटालों की खबरें आ रही है।
नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार एवं हेमंत सरकार ने कोरोना से मृत्यु हूए डाक्टरों,नर्सो, पुलिस, सरकारी कर्मियों, पदाधिकारियों, विभिन्न अखबारों,चेंनलो के पत्रकारों,आम नागरिकों के परिवारों को मुआवजा नहीं दिया। रोजी रोजगार,काम धंधा, पढ़ाई-लिखाई ठप्प करके देश एवं झारखंड राज्य के नागरिकों को कोई आर्थिक मदद नहीं दिया मात्र,प्रत्येक गरीब नागरिकों को जनवितरण द्वारा हर महिने पांच किलो चावल या गेंहू लगभग मात्र 75 रूपये का घटिया राशन उपलब्ध कराया और किसानों को दो हजार के तीन किस्त मात्र किसान सम्मान निधि का भुगतान करके गरीबी का मजाक बना दिया है।हेमंत सरकार तत्काल सभी नागरिकों को आर्थिक नुक्सान की भरपाई के लिए तत्काल मुआवजा दे। अन्यथा अगले विधानसभा के चुनाव में करारी हार के लिए तैयार रहें।
रामप्रकाश तिवारी,प्रदेश अध्यक्ष,स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी,झारखंड प्रदेश,राॅंची मोबाइल नं.9431173569 द्वारा जारी किया गया है।(नोट: उपरोक्त लेख /नजरिया या विचार लेखक के अपने हैं)
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