लगता है कि केंद्र सरकार लोगों को मरते देखना चाहती है - सुप्रीम कोर्ट ।

लगता है कि केंद्र सरकार 
लोगों को मरते देखना चाहती 
है - सुप्रीम कोर्ट 

भेदभाव पूर्ण रवैया को देखते हुए 

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा - व्यवस्था नहीं 

सुधरी तो केंद्र के अधिकारियों को फांसी 

पर लटका दिया जाएगा


वेंटिलेटर कि भागीरथ कहानी , 
तथ्यों की जुबानी

एक ही तरह के वेंटिलेटर का किमत 
मे आठ गुणा अंतर क्यों ?




इसी तरह का कई टिप्पणियां देश के कई हाई कोर्टो से आई है और देश के सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अदूरदर्शिता , लापरवाही और भेदभाव पूर्ण नीति के कारण उपरोक्त टिप्पणी करने के लिए मजबूर हुई। महामारी के दूसरी लहर में खासकर देश के राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी और वेंटिलेटर की कमी के कारण कई लोग दम तोड़ दिए दिल्ली के साकेत नगर के रहने वाले आलोक गुप्ता के 66 वर्षीय मां वेंटिलेटर नहीं मिलने के कारण मर गई इसी तरह यूपी के अलीगढ़ में 18 साल के नदीम ने वेंटिलेटर नहीं मिलने के कारण दम तोड़ दिया स्वरूप रानी हॉस्पिटल इलाहाबाद में 50 सालों तक सेवा देने वाले 80 वर्षीय डॉ जेके मिश्रा को भी वेंटिलेटर नहीं मिलने के कारण जान गवानी पड़ी उनकी डॉक्टर पत्नी ने भी लाख प्रयास के बावजूद अपने पति की जान नहीं बचा पाई।
कुछ लोग वेंटीलेटर बेड नहीं मिलने के कारण हॉस्पिटल के परिसर में और हॉस्पिटल के सीढ़ियों पर जिंदगी के जंग हार गए और कई लोग बेड मिलने के बाद भी ऑक्सीजन की कमी के कारण अपनी जान गवा दिए जिसमें दिल्ली राजधानी के नामी-गिरामी निजी क्षेत्र के हॉस्पिटल सर गंगाराम में 25 लोग ऑक्सीजन की कमी के कारण जान गवा चुके जिससे भाव विह्वल होकर सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वत संज्ञान लिया और उपरोक्त टिप्पणी की।
कोरोना के प्रथम लहर में ही यह साफ हो गया था कि कोरोना मरीजों को सांस लेने में परेशानी होती है और देश में वेंटीलेटर की भारी कमी है कोरोना के प्रथम लहर में ही 27 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर्स फंड का गठन किया था और देश के लोगों से तथा उद्योगपतियों से इस फंड में लोगों के जान बचाने के लिए दान करने का अपील किया था बहुत सारे लोगों और उद्योगपतियों ने बड़ी धनराशि पीएम केयर्स फंड में जमा किया कितनी जमा हुई इसकी जानकारी नहीं मिल सकता है क्योंकि पीएम केयर्स फंड को सूचना अधिकार से बाहर रखा गया है ।
18 मई 2020 को प्रधानमंत्री के सलाहकार भास्कर कुल्बे ने स्वास्थ्य मंत्रालय को चिट्ठी लिखी जिसमें पीएम केयर्स फंड से 2000 करोड़ रूपए में 50,000 मेड इन इंडिया वेंटीलेटर खरीदने की जानकारी दी थी स्वास्थ्य मंत्रालय पहले से ही वेंटिलेटर खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी ।
5 मार्च 2020 को स्वास्थ्य मंत्रालय के उधम एच एल एल ने टेंडर निकाला था आरटीआई के तहत एक सामाजिक कार्यकर्ता को मिली जानकारी के अनुसार भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड को 30,000 वेंटिलेटर का आर्डर दिया गया जिसनें मैसूर की कंपनी कनेरा से मदद ली नोएडा की कंपनी एग्वा हेल्थ केयर को 10000 लीटर का आर्डर दिया गया इसके पहले इस कंपनी के पास वेंटिलेटर बनाने का कोई अनुभव नहीं था आंध्र प्रदेश सरकार की कंपनी आंध्र प्रदेश मेडिकेयर जॉन को 13500 वेंटिलेटर का आर्डर दिया गया गुजरात के राजकोट की कंपनी ज्योति सीएनसी को 5000 का आर्डर दिया गया यह वही कंपनी है जिसके को लेकर अहमदाबाद के डॉक्टरों ने सवाल किया था गुरुग्राम की कंपनी एलाइड मेडिकल को 350 वेंटिलेटर का आर्डर दिया गया ।
7 सितंबर 2020 को स्वास्थ्य मंत्रालय के उधम एचएलएल ने सूचना अधिकार के तहत जानकारी दिया , भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड ने 24332 एग्वा हेल्थ केयर ने 5000, एलाइड मेडिकल 350 और बीपीएल 13 वेंटिलेटर की सप्लाई किया कुल 29695 वेंटिलेटर का सप्लाई हो पाया जबकि 2 लाख से अधिक वेंटिलेटर की आवश्यकता थी ।
एग्वा हेल्थ केयर को 41 करोड़ 59 लाख ₹40 हजार रुपए पेमेंट किया गया 5000 वेंटीलेटर का एलाइड मेडिकल को 350 वेंटीलेटर के 27 करोड़ 16 लाख पेमेंट किया गया बीईएल को एक करोड़ 71 लाख का भुगतान किया गया एक ही तरह के एसीफिकेशन वाली वेंटीलेटर का कीमत में भारी अंतर एलाइड मेडिकल एक वेंटीलेटर का कीमत 8 लाख 62 हजार रुपया और एग्वा के एक वेंटीलेटर की कीमत ₹1 लाख 66 हजार रुपए जो कि मूल्य में 8 गुना अंतर है ।एग्वा हेल्थ केयर के संस्थापक प्रोफेसर दिवाकर वैश्य है ।
आंध्र प्रदेश सरकार का कंपनी अभी तक एक भी वेंटिलेटर सप्लाई नहीं किया है एएमटीजेड को 9 हजार 500 बेसिक वेंटिलेटर तथा 4000 हाई एंड मॉडल की वेंटिलेटर का आर्डर दिया गया अप्रैल में चेन्नई की कंपनी हेल्थ केयर का वेंटिलेटर बनाने का काम सब एलॉट किया गया कंपनी के पास प्रथम लहर में बनी वेंटीलेटर पड़ा रह गया दूसरी लहर में मांगा तो कंपनी अभी तक एक हजार वेंटिलेटर गुजरात आदि राज्यों को सप्लाई किया हेल्थ केयर को अभी तक पूरा भुगतान भी नहीं हो पाया है ।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पीएम केयर्स फंड से कुल 58850वेंटिलेटर का आर्डर दिया गया था लेकिन अब सिर्फ 30,000 वेंटिलेटर बीईएल को , 10 हजार वेंटिलेटर एवा हेल्थ केयर एलाइड को 350 यानी कि कुल 40350 वेंटिलेटर का ही सप्लाई का ऑर्डर दिया गया है फिर बाद में एएमटीजेड को 13500 वेंटिलेटर का आर्डर दिया गया ।
एग्वा हेल्थ केयर पर सरकार मेहरबान क्यों ?
16 मई 2020 को दिल्ली के डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल में टेस्टिंग के दौरान एग्वा हेल्थकेयर का वेंटिलेटर फेल हो गया टेक्निकल कमेटी ने कहा कि कंपनी रेस्पीटेरी पैरामीटर बनाए नहीं रख पा रही है इसके 11 दिन बाद फिर एक नई कमेटी बनाई गई और कमेटी ने एग्वा हेल्थ केयर की वेंटीलेटर को पास कर दिया।

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