झोलाछाप कहे जाने वाले ग्रामीण चिकित्सक कोरोना काल में वर्दान साबित हो रहे हैं ग्रामीणो के लिए :आशुतोष मिश्रा

झोलाछाप कहे जाने वाले 

ग्रामीण चिकित्सक कोरोना काल

 में वर्दान साबित हो रहे हैं

 ग्रामीणो के लिए :आशुतोष

 मिश्रा

विस्थापितों के नेता सह चतरा जिला

 उपाध्यक्ष भाजयुमों ने कहा है कि आज

 कोरोना आपदा संकट काल में



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सतीश पांडेय* प्रतापपुर (चतरा) कहते हैं कि नकारा बेटा और खोटा सिक्का कभी न कभी वक्त पर जरूर काम आ ही जाया करता है ।

यह उक्ति इस संदर्भ में वर्तमान परस्थिति के मुताबिक सत्य प्रतीत होती है कि
ग्रामीण चिकित्सक जिसे लोग झोलाछाप डॉक्टर कह कर उनका मनोबल गिराते हुए उनका उपहास किया करते थे। वर्तमान समय और परिस्थिति में यही झोलाछाप ग्रामीण चिकित्सक लोगों के जान बचाने में अपनी सेवा देकर जी जान से लगे हुए हैं। वर्तमान कोरोना संकटकाल में जहां नामी-गिरामी चिकित्सक सामान्य से रोग से पीड़ित लोगों को भी देखते ही नाक भौं सिकोड़ते हुए दूर हटो दूर हटो कहते हुए बाज नहीं आते। और वर्तमान समय में तो कुछ चिकित्सक इलाज करने से कतराते हुए देखे सुने जा रहे हैं।

चिकित्सा करने के नाम पर रुपयों का मुद्रा मोचन करने की बात देखे सुने जा रहे हैं और तो और मरीज की जान रहे या जाए लेकिन जितना उसे पैसा ले सको ले लो । और बिना पैसे का इलाज उन नामी-गिरामी चिकित्सकों से पाना तो संभव है ही नहीं।

ऐसे में अपने कार्य अनुभव के आधार पर और जानकारी के रखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सक जिसे झोलाछाप डॉक्टर कहा जाता रहा है वह लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं।

सामान्य से रोग हो या प्रारंभिक इलाज हर क्षेत्र में इनके सहृदय मधुर व्यवहार और दिन हो या रात कभी भी सेवा में उपस्थित होने का चिकित्सा धर्म का पालन करते हुए ऐसे लोगों की भी इलाज करने में जरा भी नहीं हिचकते हैं जिनके पास पैसे तक नहीं है।

आज बड़े-बड़े नर्सिंग होम और नामी-गिरामी चिकित्सक सामान्य और गरीब आदमी की पहुंच से दूर है।
ऐसी हालात में यही झोलाछाप चिकित्सक के भरोसे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की जान यदि बच रही है यह कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

*इन झोलाछाप कहे जाने वाले डॉक्टरों को निर्धारित अवधि का प्रशिक्षण देकर ग्रामीण चिकित्सक के रूप में मान्यता देते हुए यदि इनकी चिकित्सीय सेवा ली जाती है तो ग्रामीण क्षेत्रों तथा आम लोगों को भी बड़े-बड़े नामी-गिरामी चिकित्सकों के द्वारा प्रारंभिक इलाज के लिए भी यदि जो मुद्रा मोचन किया जाता रहा है उससे मुक्ति भी मिलेगी और प्रारंभिक इलाज के लिए जो दूर तक इन्हें जो दौड़ लगानी पड़ती है वह रुक सकेगा साथ ही साथ ग्रामीण चिकित्सकों का भी मनोबल बढ़ पाएगा।

इन झोलाछाप कहे जाने वाले चिकित्सकों की सेवा का लाभ उठाकर स्वस्थ होने वाले लोगों का कहना है कि वर्तमान समय में कलयुग के वरदान के रूप में भगवान साबित हो रहे हैं झोलाछाप चिकित्सक*

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