सामान्य दिनों की तरह कोरोना काल में भी भारत सरकार लोगों को गुमराह कर रही है

सामान्य दिनों की तरह कोरोना

 काल में भी भारत सरकार 

लोगों को गुमराह कर रही है

हाईकोर्ट ने सरकारी झूठ का पोल खोला





8 मई 2021 को भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कोरोना पर गठित मंत्री समूह की 25 वीं बैठक के उपरांत जो जानकारी उपलब्ध कराई है वह बिल्कुल गुमराह करने वाली लगती है मंत्री महोदय ने कोरोना मरीजों के संबंध में जो जानकारी देश के लोगों को उपलब्ध कराई है वह बिल्कुल ही अविश्वसनीय है ।

देश में उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से 32000 सरकारी और 70000 निजी अस्पताल है इन सबों में बेड वेंटीलेटर और आईसीयू ऑक्सीजन सिलेंडर आदि के आंकड़ा सरकार के विभिन्न पोर्टल और साइट पर उपलब्ध है डॉ हर्षवर्धन ने जानकारी दिया कि देश में कुल 1,70,841 मरीज वेंटिलेटर पर हैं 9,02,291 मरीज ऑक्सीजन पर है और 4,88,861 मरीज आईसीयू में है जबकि उपलब्ध जानकारी और जानकारों के अनुसार देश में कुल वेंटीलेटर की संख्या 78000 है ।

इसमें देश में सरकारी और निजी अस्पतालों को मिलाकर अधिकतम उपलब्ध वेंटिलेटर की संख्या 48 हजार और पीएम केयर्स फंड से खरीदी गई 30,000 वेंटीलेटर जिसका कुल योग मात्र 78000 हो रहा है तब सवाल उठता है कि एक लाख 70 हजार 841 वेंटीलेटर पर मरीज कैसे है ? लगभग 92000 वेंटिलेटर कहां है ? दूसरी बात की देश में कुल ऑक्सीजन युक्त बेड लगभग 7 लाख ही है तो 9,02,291 मरीज ऑक्सीजन पर कैसे हैं ?और तीसरी बात कि देश में कुल आईसीयू बेड ओं की संख्या एक लाख से भी कम है तो 4,88,861 मरीज आईसीयू बेड पर कैसे हैं ? वेंटीलेटर खरीदने के लिए 27 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री जी ने पीएम केयर फण्ड से 2000 करोड़ रूपए की घोषणा की थी जिससे 58 हजार 850 वेंटीलेटर खरीदने का ऐलान किया गया था लेकिन 1 वर्ष से भी ज्यादा बीत जाने के बाद मात्र लगभग 30,000 वेंटिलेटर ही खरीदा जा सका है वह भी कई कंपनियों से ।

सरकार द्वारा जो गलत जानकारी दी जा रही है गलत सूचनाएं सरकारी पोर्टल पर भी लोड किया जा रहा है इसकी पोल हाईकोर्ट ने खोलने का काम किया पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट के खंडपीठ ने सरकारी पोर्टल पर नजर दौराया तो देखा कि लखनऊ के एक बड़ी अस्पताल के वेबसाइट पर 192 बेड उपलब्ध होने की जानकारी लिखी हुई थी मामले की सुनवाई के दौरान ही न्यायाधीश महोदय ने सुनवाई के दौरान अपने सामने उस अस्पताल को फोन लगवाया जिसके साइट पर 192 बेड उपलब्ध होने की जानकारी लिखी गई थी फोन पर उधर से जवाब देने वाले व्यक्ति ने बताया कि यहां इस हॉस्पिटल में एक भी बेड उपलब्ध नहीं है ।




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