मोदी जी, ने फिर एक बार
साबित कर दिया कि वह आर एस
एस की कठपुतली है: मनोहर कुमार यादव
लेखक:मनोहर कुमार यादव
पूर्व की तस्वीर नरेंद्र दामोदर दास मोदी
इस भयंकर महामारी में भी भाजपा आर एस एस और नरेंद्र मोदी के लिए देश के नागरिकों कि जान की चिंता नहीं बल्कि भाजपा के चुनावी विजय ही प्राथमिकता सूची में है।
यह बात पहले से ही हम देखते आ रहे हैं कि भाजपा सिर्फ नाम के लिए राजनीतिक दल है जबकि इसका मात्रृ संगठन आर एस एस ही है ।आज कोरोना जैसे महामारी देश में तबाही मचाए हुए हैं कोरोना बीमारी के मामले में संक्रमितों की संख्या का विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए दुनिया में नंबर वन स्थान पर है मौतों के मामले में भी दुनिया के देशों में दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं दुनिया के देशों में टीकाकरण के मामले में भारत 91 वे स्थान पर है पूरी दुनिया के देश हमारे देश के नागरिकों के महामारी से हो रही मौतों और महामारी का बढ़ता विकराल रूप पर तरस खाते हुए वेंटिलेटर ,मास्क, ऑक्सीजन , ऑक्सीजन टैंकर , सिलेंडर कोरोना किट और जीवन रक्षक दवाएं मुफ्त में भेज कर हमारी सहायता कर रही है वहीं पर इस देश की सत्तारूढ़ पार्टी भारतीय जनता पार्टी कि मात्रृ पितृ संगठन आर एस एस और आर एस एस के प्रचारक देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घंटों आने वाले विधानसभा चुनावों पर आर एस एस नेताओं के साथ बैठकर मंथन कर रहे हैं ।
23 मई रविवार को आर एस एस ने यूपी पंचायत चुनाव में मिली करारी हार पश्चिम बंगाल में विधानसभा के चुनाव में आशातीत सफलता नहीं मिलना केरल में जमा पूंजी भी गवा देना और 8 माह बाद यूपी विधानसभा के होने वाले चुनाव में संभावित पराजय के मद्देनजर केंद्र सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह यूपी बीजेपी के संगठन मंत्री सुनील बंसल की क्लास आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत के निर्देशानुसार लगाई गई ।
आर एस एस के तरफ से परीक्षक और हेड मास्टर के रूप में आर एस एस के सर कार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले मौजूद थे, बैठक में यूपी विधानसभा चुनाव पर गहन विचार विमर्श करते हुए अभी से ही तैयारी में लग जाने का निर्णय हुआ।
अभी अप्रैल महीना में जब महामारी पीक आवर पर था तब प्रधानमंत्री और देश के गृह मंत्री 5 लाख से ज्यादा भीड़ वाली रैलियां ले रहे थे भीड़ में मोदी जी द्वारा ही दिया गया कोरोना गाइडलाइन का धज्जी उड़ाया जा रहा था अकेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 24 बड़ी रैलियां की थी सरा केंद्रीय मंत्री से लेकर भाजपा आरएसएस के लोग महामारी से बेखबर पश्चिम बंगाल चुनाव में करो या मरो की स्थिति में काम कर रहे थे इसके चलते दुनिया भर में देश की जग हंसाई हुई और मोदी की आलोचना भी हुई । अभी कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री जी अपने संसदीय क्षेत्र बनारस के लोगों से बात कर रहे थे बिना मास्क पहने टीवी चैनलों पर अवतरित होकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान ही संवेदनशीलता प्रकट करने के लिए आंसू बहाने की लाख कोशिश की लेकिन आंसू है कि मोदी से घोर नाराजगी व्यक्त करते हुए एक बूंद भी नहीं टपका शायद आंसू भी यह महसूस कर रही थी कि 7 सालों में मोदी जी ने 8 बार मेरा गलत इस्तेमाल किया , आंसू भी अपनी छवि को लेकर चिंतित है कि मेरी भी कहीं मोदी की तरह बदनामी ना हो जाए । मोक्षदायिनी नदी के रूप में गंगा नदी ही प्रसिद्ध है लेकिन इस महामारी में लकड़ी की घोर अभाव और सरकार के लापरवाही से श्मशान घाट में स्थानो की कमी के कारण जमुना और सरयू जैसी नदियों में भी लाशों को बहाने के लिए लोग मजबूर हुए जबकि सरयू और जमुना तथा कर्मनाशा नदी मे कभी लाशों का अंथेष्टी नहीं कि जाती है।पूरा उत्तर प्रदेश और बिहार के नदियों में तैरती लाशें और नदी किनारे बालू रेता में हल्के ढंग से गारे गए लाशों को चील कौवे और कुत्ते द्वारा नोच नोच के खाने का दृश्य देश ही नहीं दुनिया में भी हृदय विदारक रूप से देखी गई खासकर उस बनारस के गंगा नदी के घाटों पर जिस बनारस के प्रधानमंत्री स्वयं सांसद हैं लाशों की हृदय विदारक दृश्य नदियों में दिखाई दे रही थी लेकिन आज तक प्रधानमंत्री जी ने नदी में तैरते लाशों और बालू रेता में दफनाए गए लाशों के ऊपर एक शब्द भी नहीं कहा गलत या सही कुछ भी प्रधानमंत्री बोलते तो उसकी असर होती लोग और उत्तर प्रदेश की सरकार उनकी बातों को अवश्य ही सुनती बिहार में भी बीजेपी गठबंधन की ही सरकार है सबसे बड़ी विडंबना है कि इस देश का सांस्कृतिक और धार्मिक रक्षक के रूप में अपने आप को साबित करने वाली आरएसएस भी मौन व्रत धारण किए हुए है, आर एस एस की तरफ से लाशों के इस स्थिति पर आज तक एक शब्द भी नहीं बोला गया।
इस महामारी के प्रथम लहर में भी आपने देखा होगा कि किस तरह से प्रधानमंत्री जी ने आपदा को अवसर में बदलने का काम किया मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार को महामारी काल में ही अपदस्थ कर भाजपा की सरकार बनवाई कर्नाटक में भी कांग्रेस और जेडीएस की सरकार को अपदस्थ कर बीजेपी की सरकार बनवाई , कई गैर भाजपा दलों के सांसदों और विधायकों को खरीदा गया।(यह लेखक का अपना बिचार है)


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