आपने ग्राहकों को मानसिक प्रताड़ना न दे बैंक : जनमंच

आपने ग्राहकों को मानसिक 

प्रताड़ना न दे बैंक : जनमंच

















रांची : बैंकों द्वारा ऋण वसूली के लिए निजी एजेंसी के माध्यम से घरों में एजेंट भेज प्रताड़ित किए जाने के विषय पर जनमंच - रांची रिवोल्ट की साप्ताहिक ऑनलाइन बैठक संपन्न हुई। आज की बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता जयशंकर जयपुरियार ने कहा इस आपदा काल में बैंकों द्वारा उत्कृष्ट कार्य किए जाने के लिए बैंक कर्मियों को जनमंच की ओर से बधाई लेकिन इस आपदा काल में बैंकों द्वारा घरों में निजी एजेंट भेजा जाना अनुचित है और उन्होंने आरबीआई से अपील की कि इस आपदाकाल में जो लोन डिफॉल्टर हुए हैं उनका सिविल खत्म न किया जाए। रीना सहाय ने कोरोना आपदा को ध्यान में रख वित्तीय संस्थानों से संयम रखने की बात कही। सुजाता भगत ने सरकार से निम्न आय वर्ग के ऋण माफी की बात कही। डॉ. रीना भारती ने लोन देने समय अच्छा और वसूली समय दुर्व्यवहार किया जाने को पीड़ादायक बताया।

आज की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. प्रणव कुमार बब्बू ने कहा पिछले 2 वर्षों में जिनका भी लोन अकाउंट एनपीए हुआ है उनका सिविल खराब ना किया जाए। उन्होंने कहा ऐसा होने से फिर वे भविष्य में किसी भी आर्थिक सहायता बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान से पाने में असमर्थ हो जाते हैं डॉ. बब्बू ने दी बैंकों से आपदा काल को ध्यान में रखते हुए इस अवधि में जो लोग लोन नहीं चुका पा रहे उनसे मानवीयता दिखाते हुए अच्छे व्यवहार करने की अपील की क्योंकि ग्राहक और बैंको का अन्योन्याश्रय संबंध है दोनो एक दूसरे पे पूरक हैं। डॉ. बब्बू ने कहा सभी लोग ऋण माफी की मांग नहीं कर रहे जो इस आपदा के कारण प्रभावित हैं आय आंशिक या पूर्णतः बंद है, आर्थिक रूप से असमर्थ हैं उन्हें 2 वर्षों तक ईएमआई भुगतान स्थगन की सुविधा दी जाए ताकि वह अपना ऋण भी चुका सकें और संविधान प्रदत्त सम्मान पूर्वक जीने का अधिकार भी बना रहे। अंत में उन्होंने जानकारी दी कि जनमंच के 200 से ज्यादा सदस्यों ने आज पर्यावरण दिवस के अवसर पर उन्हें अपने स्थानों पर वृक्षारोपण किया।

आज की बैठक में मुख्य रूप से डॉ प्रणव कुमार बब्बू, विजय दत्त पिंटू, सूरज कुमार सिंहा, राकेश रंजन बबलू, जयशंकर जयपुरियार, रीना सहाय, सुजाता भगत, डॉ. रीना भारती,अनुपमा प्रसाद,प्रीति सिन्हा, कुमकुम गौड़, डॉ. हेम श्रीवास्तव, डॉ.अनल सिन्हा, दिनेश प्रसाद सिन्हा, सुकांतो मुखर्जी,आलोक सिंह परमार, विजय शुक्ला, मनोज कुमार, ओम प्रकाश सिन्हा, बुल्लू अखौरी, ए. के. सिंह, नसीम अख्तर समेत अनेक वक्ताओं ने अपने विचार रखे।

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