भाजपा को किसी बात से डर नहीं लगता है जितना वोट की चोट से लगता है :मनोहर कुमार यादव

भाजपा को किसी बात से 

डर नहीं लगता है जितना वोट 

की चोट से लगता 

है :मनोहर कुमार यादव

कोई आश्चर्य नहीं कि युपी सीएम 

अजय सिंह विष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ

 को बदल दिया जाए।



                      लेखक:मनोहर कुमार यादव
     
क्या कभी महामारी पर नियंत्रण के लिए भाजपा, आरएसएस और मोदी को इतना सक्रिय देखा है जितना अगामी यूपी विधानसभा चुनाव के लिए देख रहे हैं ?

भाजपा आर एस एस और मोदी यह जानते हैं कि सभी मुद्दों पर मास्टर स्ट्रोक का काम सिर्फ और सिर्फ धार्मिक उन्माद करते हैं महामारी के प्रथम लहर से लेकर दूसरी भयंकर लहर तक क्या कभी आपने केंद्र की मोदी सरकार या राज्यों की भाजपा सरकारों को शिद्दत के साथ तत्परता के साथ और जिस तरह यूपी पंचायतों के चुनाव में सपा के हाथों मिली करारी हार के बाद यूपीविधानसभा चुनाव की तैयारी में जो तत्परता भाजपा आर एस एस मोदी योगी दिखा रहे हैं वह तत्परता महामारी के रोकथाम के लिए कभी देखा है ?

भाजपा आर एस एस और मोदी की प्राथमिकता सिर्फ और सिर्फ वोट है मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव में बहुत कम सीटों के अंतर से कांग्रेस ने सरकार बनाया था हालांकि बाद में कांग्रेस के 22-24 विधायकों को प्रभावित कर पुनः भाजपा की सरकार बना ली लेकिन जो मध्य प्रदेश में बहुत कम प्रतिशत से हुई हार की समीक्षा में यह बात निकलकर आई कि भाजपा के कोर वोटर हैं वह भाजपा से नाराज होकर नोटा में अपना वोट दे दिया जिसका परिणाम हुआ कि आपने कोर वोटर को संभालने और खुश करने के लिए देशभर में उच्च जातियों के लिए शिक्षा और नौकरी में 10% का आरक्षण दे दिया यह वोट के चोट का ही परिणाम था ।

महामारी के प्रथम लहर में सरकार की अदूरदर्शिता लापरवाही गैर जिम्मेदारी की आलोचनाएं होती रही लेकिन इसकी परवाह न करते हुए पूरे महामारी काल में मोदी और भाजपा आर एस एस ने सिर्फ और सिर्फ पूरे माहौल को धार्मिक उन्माद में बदलने का पूरा प्रयास किया, सबसे पहले ताली और थाली बजवाना दीप जलवाना मंदिरो में घंटा बजवाना यही सब करते रहे भाजपा आर एस एस का एक फार्मूला है कि काम करो मत काम के बारे में सिर्फ कहते हुए दिखाई दो। दूसरी लहर जो देश के लिए घातक सिद्ध हुआ प्रतिदिन संक्रमितों के मामले में चार लाख की संख्या पार करते हुए विश्व के सभी देशों में संक्रमितों के मामले में भारत प्रथम स्थान पर आ गया प्रथम लहर में मौतों पर नियंत्रण होने के बाद भी दूसरी रहल में मौतों के मामले में दुनिया के सभी देशों को पछाड़ ते हुए भारत दूसरे स्थान पर पहुंच गया ऑक्सीजन के बिना तड़प तड़प कर मरते लोग बेड नहीं होना वेंटिलेटर नहीं मिलना जीवन रक्षक दवा नहीं मिलना और चारों तरफ मौतों के कारण परिजनों का चित्रकार सुनाई देने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी सहित उनकी पूरी कैबिनेट और देश भर के भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्रियों सहित पश्चिम बंगाल की चुनाव में करो या मरो की स्थिति में दिखाई दे रहे थे जिसके कारण दुनिया भर में नरेंद्र मोदी की जमकर आलोचना हुए पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों में मोदी की लाखों लाख की संख्या में कोरोना नियमों का उल्लंघन करते हुए एकत्रित भीड़ के कारण मोदी की जमकर जग हंसाई हुए दुनिया के सभी मीडिया मोदी की इस लापरवाही और संगठन स्वार्थ की जमकर आलोचना की इसके बावजूद दूसरी लहर में भी इतना कुछ होने के बाद भी भाजपा आर एस एस और मोदी ने पूरे माहौल को धार्मिक उन्माद में बदलने का कोई कसर नहीं छोड़ा यहां तक की 1 दिन में एक स्थान पर सबसे अधिक लोगों को एकत्रित होने का विश्व रिकॉर्ड कुंभ के मेला बना जहां 30 लाख लोग 1 दिन में एक स्थान पर एकत्रित हुए थे।

दूसरी जो वोट के चोट भाजपा आर एस एस और मोदी को मिला है वह उत्तर प्रदेश में पंचायतों जैसे जमिनी चुनाव में मिली है और वह भाजपा आर एस एस और मोदी को अंदर से हिला कर रख दिया है। इसलिए दिल्ली में भी 23 मई को आर एस एस ने प्रधानमंत्री सहित उनके मंत्रिमंडल के प्रमुख मंत्रियों की और संगठन प्रभारियों की क्लास लगाई थी कई दिनों तक गोपनीय बैठक चली जिसमें संघ कि ओर से मोहन भागवत के प्रतिनिधि के तौर पर दत्तात्रेय होश बोले ने जमकर क्लास लगाई थी और फटकार भी लगाई थी उसके बाद आप देख रहे हैं कि इतने महामारी के बावजूद उत्तर प्रदेश में लगातार मुख्यमंत्री मंत्री संगठन के लोग दिन रात विचार मंथन में लगे हुए हैं और यह समुंद्र मंथन कर रहे हैं कि आखिर पंचायतों में चुनाव में भारतीय जनता पार्टी समाजवादी पार्टी से बुरी तरह क्यों पिछड़ गई ? यहां तक की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अजय सिंह बिष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ को बदलने पर भी विचार चल रहा है ।

लगभग 5 साल उत्तर प्रदेश में सत्ता में रहने के बाद भी उनका कोर वोटर और दलित पिछड़ा अति पिछड़ा वर्ग खासे नाराज है खासकर जिस तरह से गंगा में लाशों का फेंकना बालू रेत मे लाशों को छुपाना श्मशान में जगह नहीं होना लकड़ियों का भारी कमी अस्पतालों में भारी कुव्यवस्था ने देश और दुनिया में केंद्र के साथ यूपी सरकार की भद पिटवा दी है इसलिए जो सक्रियता आज बीजेपी संगठन को मजबूत करने अपने कोर वोटरों, दलित पिछड़ा अति पिछड़ा को मनाने की कवायद आज कर रही है यदि सिर्फ महामारी पर नियंत्रण के लिए अगर इस तरह से मशक्कत और काम करते रहती तो आज यह नौबत नहीं आती ।

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