स्कूल खोलो,बच्चों का भविष्य
बचाओ :राम प्रकाश तिवारी
देश की अर्थव्यवस्था का 25% हिस्सा शिक्षा के माध्यम से संचालित है झारखंड राज्य में पिछले 16 महीने से लगातार कोरोनावायरस के महामारी के डर के कारण हेमंत सरकार ने लगभग ने एक लाख सरकारी/प्राइवेट स्कूलों को लगातार बंद रखा है परिणाम स्वरूप आज झारखंड के लाखो आदिवासी दलित पिछड़े अगड़े अल्पसंख्यक बच्चों की पढ़ाई लिखाई ठप्प है उनका भविष्य चौपट हो रहा है अब जब कोरोना महामारी के संक्रमण का केस कम हो रहे हैं सबकुछ बाजार,दुकानें,माॅल, कारखाने, सरकारी/गैरसरकारी, कंपनियों के कार्यालय खुलने के बाद कोरोनावायरस के संक्रमण के मामले नहीं बढ़ने के बावजूद राज्य के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी सभी सरकारी गैर सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों को खोलने के लिए किसी प्रकार का कार्य योजना पर काम नहीं कर रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है तीसरी लहर आने के भय से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्कूलों कॉलेजों को खोलने के लिए अभी साहस नहीं जुटा पा रहे हैं ऐसी स्थिति में बच्चों की पढ़ाई लिखाई ठप्प रहने से अभिभावकों में गहरी चिंता उत्पन्न हो गई है वर्तमान कोरोना महामारी के दौर में अभिभावक गण बेरोजगारी महंगाई और भ्रष्टाचार से त्रस्त होकर त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे हैं वर्तमान हेमंत सरकार के शासनकाल में आज सभी जिलों में पुलिसिया भ्रष्टाचार प्रशासनिक भ्रष्टाचार का नंगा नाच हो रहा है हर थाना के द्वारा अवैध वसूली का धंधा चला रहा है सरकारी कार्यालयों में बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं होता अंचल कार्यालय हो प्रखंड कार्यालय हो अनुमंडल कार्यालय हो निबंधन कार्यालय हो जिला परिवहन कार्यालय हो यहां तक नगर निगम आरआरडीए, शिक्षा विभाग हो हर जगह रिश्वतखोरी का नंगा नाच हो रहा है अदालतों में पेशकार और कलर्क कर्मचारी द्वारा खुलेआम रिश्वत लिया जा रहा है कहीं भी बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं हो रहा है सरकार के तमाम योजनाओं में लूट घोटाला धड़ल्ले से जारी है पूर्व सभी सरकारों एवं रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में जो घोटाला हुआ है वर्तमान हेमंत सरकार उसकी जांच नहीं करा रही है एक दो मामलों को छोड़कर कई मामले को दबाने का प्रयास हो रहा है रघुवर दास ने यह धमकी देते हुए कहा था की हमारी अगली सरकार बनेगी तो भ्रष्ट अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी वह चाहे सेवानिवृत्त ही क्यों ना हो जाए उन पर जरूर कार्रवाई होगी पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के धमकी से यह स्पष्ट होता है कि आने वाले दिनों में सत्ता विपक्ष के नेताओं के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच आला अधिकारीयों, पुलिस अधिकारियों एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के द्वारा नहीं हो पाएगी बारी बारी से एनडीए या यूपीए का शासन झारखंड में लगातार हो रहा है गठबंधन की राजनीति से आम झारखंडी जनता का सपनों का झारखंड का निर्माण नहीं हो पा रहा है बेरोजगारी लगातार बढ़ रहा है और महंगाई चरम सीमा पर पहुंच चुका है भ्रष्टाचार आसमान छू रहा है सरकारी कर्मियों पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को लेकर किसी प्रकार का विभागीय कार्रवाई नहीं होने से उनके अंदर भय समाप्त हो चुका है जो चिंता का विषय है भ्रष्टाचार,ठेकेदारी,दलाली कार्यसंस्कृति के कारण सभी जगह लूट की गंदी नाली बह रही है इसके लिए स्वयं जनता जिम्मेवार है अगर वह सोच समझ कर ईमानदार नेताओं को वोट देती और उन्हें सत्ता के गलियारों पहुंचाने का काम करती तो निश्चित रूप से झारखंड राज्य में विकास की गंगा बहती, लेकिन आने वाले कल में आम जनता को यह तय करना पड़ेगा अब 500 1000 2000 के दारू मुर्गा भात और चंद्र रुपए लेकर वोट नहीं देना है तब जाकर उसका परिणाम अच्छा होगा। आज लोकतंत्र में अपराधियों माफियाओं दलालों भ्रष्टाचारियों का दबदबा कायम हो चुका है जो आम आदमी को राहत मिलने की संभावना नहीं है इसीलिए समय की मांग है कि वह ईमानदारी से वोट दें और अपने नागरिक अधिकारों के लिए सहज रहे जागृत रहे क्योंकि जन समस्या उत्पन्न होगा तो आम आदमी ज्यादा प्रभावित होते हैं कोरोना महामारी में सरकारी अस्पतालों से लेकर प्राइवेट अस्पतालों में आम आदमी को बेहतर इलाज की सुविधा नहीं मिली परिणाम स्वरूप हजारों लाखों लोग अच्छे इलाज के अभाव में मर गए कई परिवारों को अपने मुखिया को खोना पड़ा छोटे-छोटे मासूम बच्चे अनाथ हुए आज उनके देखभाल के लिए कोई नहीं है सरकार की जवाबदेही तय होनी चाहिए वह चाहे प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री हो या तमाम मंत्री सांसद विधायक हो उन्हें दलाली भ्रष्टाचार छोड़कर और मोटी रकम भ्रष्टाचार के द्वारा ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर अवैध उगाही का काम छोड़ना होगा जब राज्य का मुखिया ईमानदार होगा तभी प्रशासन शासन ईमानदार होगा सवाल उठता है कि यह ईमानदारी राजनीतिक नेताओं एवं प्रशासनिक अधिकारियों उच्चाधिकारियों में क्या संभव है? आज दलालों माफियाओं ठेकेदारों भ्रष्टाचारियों का दबदबा कायम हो चुका है उनके द्वारा आम आदमी को परेशानी के सिवा कुछ नहीं मिलेगा जो घोटाला कर रहा है जो भ्रष्टाचार कर रहा है जो मिलावत हेराफेरी कर रहा है जो दलाली कर रहा है जो ठेकेदारी के द्वारा कार्यों में घोटाला कर रहा है वह आज की तारीख में मालामाल है लाखों-करोड़ों चल अचल संपत्ति से माला माल है उनके खिलाफ केंद्रीय आयकर विभाग,ईडी की नजर नहीं पड़ रही है मिलाजुलाकर झारखंड राज्य का दुर्भाग्य है झारखंड की स्थापना जन्म के 21 वर्ष हो गए,कर्ज रहित विकसित अर्थव्यवस्था होने के बजाय लगभग लाख करोड़ ऊपर कर्ज में डूब चुका है कैसे कर्ज से मुक्ति मिलेगा और विकास के तमाम अवसर हमारे नौजवानों महिलाओं किसानों मजदूरों कामगारों, छोटे बड़े कारोबारियों और निजी क्षेत्र के उद्योगों को विकास का अवसर मिलेगा? जब सरकारी स्तर पर भ्रष्टाचार का नंगा नाच हो रहा हो दलालो माफियाओं ठेकेदारों का जमघट लगा हुआ हो तो ऐसे में ईमानदार शासन अवस्था की उम्मीद करना मूर्खता है आज जो जहां है लूटने में लगा हुआ है कोरोना महामारी के दौर में राशन दुकानों, पेट्रोल डीजल पंपों, सब्जी दुकानदारो, दवा दुकानदारो कंपनियों द्वारा हर तरफ लूट मचा रखे हैं केंद्र राज्य सरकार द्वारा लगातार टैक्स पर टैक्स बढ़ाते जा रही है और आम जनता की वर्षो की जमा पूंजी की डकेती कर रही है सरकार अपने तमाम घाटा की भरपाई टैक्स बढ़ाकर,वसुली करके सरकारी खजाने को भर रही है लेकिन आम नागरिक अपने घाटा नुकसान की भरपाई कैसे करेगी? सरकार के तमाम विभागों में गैर जवाबदेही कार्यप्रणाली के कारण भ्रष्टाचार का नंगा नाच हो रहा है भ्रष्ट व्यवस्था में व्यापक सुधार के लिए कोई सार्थक प्रयास केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा ऐसी कोई कार्यशैली दिखाई नहीं दे रही है ईमानदारी का ढोल पीटा जा रहा है लेकिन वास्तविक में यह सारे लोग रंगल रगाइल सियार है जो भ्रष्टाचार के सम्राट बने हुए आज भ्रष्टाचार के पोषक बन गए हैं आम आदमी को भी जब गलत धंधा की कमाई का अवसर दिखता है तो वह भी भ्रष्ट हो जाते हैं आज किसान अपने कृषि उत्पादों के उत्पादन बढ़ाने के लिए हाइब्रिड बीजों का उपयोग कर रहे हैं जो पौष्टिकता में भारी कमी हो रही है हाइब्रिड खाद्य उत्पादों से आम लोगों को बीमारियों से ग्रस्त होना पड़ रहा है अब कार्यपालिका की कार्यप्रणाली पर आप लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाह रहा हूं कार्यपालिका में हमारे विधायक सांसद मंत्री मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री जो जहां है कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार में अंतर लिप्त है यही कारण है भारतीय प्रशासनिक सेवा पदाधिकारियों मैं सत्ता का भय समाप्त हो चुका है अपने प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री मंत्रियों का भय उनके अंदर समाप्त हो चुका है क्योंकि ट्रांसफर पोस्टिंग में आज सत्ता के दलालों के द्वारा मोटी रकम लेकर पदस्थापना के कारण अधिकारियों में सरकार का भय समाप्त हो चुका है नेता अधिकारी मिलकर लूट के हिस्सेदार बन गए हैं अगर वह लोग आपस में गठबंधन नहीं करेंगे तो आने वाले दिनों में ईमानदार अधिकारियों को कार्य करने का अवसर नहीं मिलता है हेमंत सरकार के कार्यकाल में ट्रांसफर पोस्टिंग का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है पोस्टिक 5 लाख से लेकर 50 लाख,करोड़ तक का लेन-देन की बात सामने आ रही है इसीलिए अनुसंधानकर्ता को थाना प्रभारी का डर नहीं है थाना प्रभारी को डीएसपी का डर नहीं है डीएसपी को एसपी का डर नहीं है और एसपी को डीआईजी आई जी डीजीपी का डर नहीं है इसीलिए तमाम विभागों के कर्मचारियों,कलर्कोअफसरों में डर समाप्त हो गया है इसका परिणाम आज भ्रष्टाचार का नंगा नाच हो रहा है आज मेरा सवाल है करोड़ों,अरबो रुपया का चुनावी खर्च,जनसभा पार्टी संचालन में राष्ट्रीय क्षेत्रीय राजनीतिक दलों द्वारा खर्चा कहां से ला रहे हैं? भ्रष्टाचारियो,दलालों,ठेकेदारों, माफियाओं, उद्योगपतियों, पूंजीपतियों, अपराधियों, नक्सलियों यहां तक विदेशी ताकतों के लाखों, करोड़ों,अरबों रूपये के चंदा,लेवी से तमाम राजनीतिक दलों की अर्थव्यवस्था चलती है एक आम आदमी एक रूपया नहीं देता फिर इन तमाम राजनीतिक दलों के खातों में 500 से 1000 करोड़ कहां से आ रहे हैं ? यह बहुत ही बड़ा सवाल है? चुनाव में प्रत्याशी, पार्टी द्वारा किए जा रहे खर्चे राजनीतिक दलों द्वारा वहन किया जाता है यहां तक प्रत्याशी गण भी अपना जमा पूंजी से खर्च करते हैं लेकिन वह खर्चे कहां से आता है इसका जवाब राष्ट्रीय क्षेत्रीय दलों द्वारा आज तक नहीं दिया जाता है भारतीय सूचना अधिकार अधिनियम के तहत राजनीतिक दलों का आय-व्यय का सूचना नहीं मिलता है सरकार तमाम कानूनों का अनुपालन का दावा करती है लेकिन हकीकत में जो भी कानून है भ्रष्टाचार के कारण जैसे पुलिसिया भ्रष्टाचार अदालती भ्रष्टाचार के आगे न्याय हमेशा दम तोड़ता दिखाई देता है पुलिस अनुसंधानकर्ता साक्षी गवाहों का बयान लिखित रूप से नहीं लेते हैं और घटनास्थल के आसपास गवाहों का वास्तविक बयान नहीं लेते हैं अपने मन मुताबिक़ अभियुक्तों से रिश्वत लेकर अपराध से पीड़ित व्यक्तियों के बयानों को तोड़ मरोड़ कर लिखते हैं और ऐसे गवाहों के बयान केस डायरी में दर्ज करते हैं जो घटना से उन्हें कोई लेना देना नहीं है सबसे बड़ा बात है अनुसंधानकर्ता की जवाबदेही नहीं है अनुसंधानकर्ता के अनुसंधान पर बिना जांच किए डीएसपी,एसपी के पर्यवेक्षण टिप्पणी सहित केस डायरी पर अदालतों के द्वारा सुनवाई एवं फैसले किए जाते हैं जो अन्याय से पीड़ित है अधिकारों से वंचित है या निर्दोष है वह न्याय से वंचित हो जाते हैं अदालतों की एक लंबी प्रक्रियाओं के कारण मुकदमों का सही समय पर सुनवाई फैसले नहीं हो पाते हैं पक्ष- विपक्षी अधिवक्ताओं के मिलीभगत से सभी सुनवाई साक्ष्य के प्रस्तुतीकरण एवं बचाव पक्ष के गवाहों के प्रस्तुतीकरण के दौरान कई तारीखे सुनवाई में लग जाते हैं निचली अदालत के फैसले उच्च न्यायालय द्वारा विपरीत फैसला होता है तो निचली अदालत के न्यायाधीश के ऊपर कार्रवाई नहीं होती और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के फैसले के विपरित सर्वोच्च न्यायालय द्वारा फैसला होता है तो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पर कोई जवाबदेही, कार्रवाई नहीं होती है ना उन्हें हटाने का अधिकार होता है इन तमाम प्रक्रियाओं में पीड़ित पक्ष द्वारा लगातार लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद परिणाम शून्य हो जाता है ऐसे तमाम स्थिति पुलिस थाना से लेकर अदालती प्रक्रिया में न्याय दम तोड़ देता है अब शिक्षा का क्षेत्र में सरकार के पक्षपातपूर्ण शिक्षा पद्धति आज तमाम नागरिकों को इसका लाभ दिखाई नहीं दे रहा है अंग्रेजी माध्यम,उर्दू माध्यम,हिंदी माध्यम, बंग्ला माध्यम, उड़िया माध्यम तमिल माध्यम इन तमाम क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय भाषा के साथ अंग्रेजी भाषा का प्रभाव ज्यादा है आज हमारे तमाम सरकारी गैर सरकारी कार्यालयों में न्यायपालिका कार्यपालिका के तमाम कार्यों में अंग्रेजी भाषा का दबदबा कायम है हिंदी भाषा आज देश का राष्ट्रीय भाषा होते हुए भी क्षेत्रीय भाषाओं के कारण भारत के तमाम राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों में हिंदी भाषा पूर्ण रूप से लागू नहीं हो पाया है आज हमारे देश की राष्ट्रीय एकता अखंडता धर्म जाति क्षेत्र भाषा के कारण खंड खंड में बॅटा हुआ है इसका लाभ हमारे देश के गद्दार स्वार्थी चरित्रहिन सिद्धांतहिन विचारहिन कर्महिन सिद्धांतविहीन सत्यविहिन व्यक्तित्व के चरित्र युक्त व्यक्तियों का शासन में दबदबा होने से भ्रष्ट दलाल आपराधिक मानसिकता के राजनीतिक नेताओं प्रशासनिक अधिकारियों के कारण समाज के नैतिक पतन हो रहा है किसी भी नागरिक को अपने देश के बारे में अपने राज्य के बारे में कोई चिंता फिक्र नहीं है चीन पाकिस्तान अन्य पश्चिमी देशों की सरकारें अपने देश का आर्थिक स्वार्थ की पूर्ति हेतु उनके एजेंटो के द्वारा भारत के सामाजिक ताना-बाना को बिगाड़ने का काम करते हैं देश में इतने मतभेद हैं अलगाववाद है जिसका परिणाम स्वरूप विदेशी शक्तियों के हाथों हमारे देश के राजनीतिक, प्रशासनिक नेता अधिकारी एवं भ्रमित नौजवान, विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक दल भी उनके कठपुतली बनते जा रहे हैं जो देशद्रोह,आतंकी, उग्रवाद,अपराधिक क्रियाकलापों में लिप्त होते दिखाई दे रहे हैं सत्ता के उच्च शिखर पर बैठे राजनेताओं अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में जिस प्रकार से उन्हें काम करना चाहिए वह कार्य नहीं कर पाते हैं तमाम राज्यों एवं केंद्र सरकार में जितने भी विधायक सांसद हैं कई कम पढ़े लिखे लोग हैं जो मंत्री पद मुख्यमंत्री पद और प्रधानमंत्री के पद तक पहुंच जाते हैं वह गुणवत्तायुक्त प्रशासन हमारे भारतवर्ष में नहीं हो पा रहा है आज तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं, अधिकारियों, अभियंताओ, न्यायाधीशों इत्यादि सभी का चल अचल संपत्ति की ईमानदारी से निष्पक्ष जांच हो उनके तमाम सरकारी कार्यों की उच्चस्तरीय जांच हो तो भ्रष्टाचार का वह कालिख,मेला फैला हुआ दिखाई देगा,देश में ईमानदारी की धुन बजती है लेकिन वह सच्चाई नहीं होता जो चोर है वह सारे चोर मिलकर ईमानदार को ही महा चोर घोषित कर देते हैं जटिल न्यायिक प्रक्रियाओं के कारण न्यार्यिक अवस्था बिगड़ गया है स्कूली शिक्षा दम तोड़ता हुआ दिखाई दे रहा है विभिन्न कॉलेजों एवं स्कूलों में पढ़ाई लिखाई की एकरूपता नहीं है विभिन्न प्रकार के लेखकों के द्वारा लिखे गए किताबों को पढ़ लिख के वास्तविक में जो शिक्षा नीति होनी चाहिए वह शिक्षा नीति 15 अगस्त 1947 से लेकर आज तक देश हित में एकरूपता नहीं होने के कारण आम समस्याएं उत्पन्न हो रही है कांग्रेस भारतवर्ष के अधिकांश समय शासन करके आज सारे अवस्था को बर्वाद करके रख दिया है अंग्रेजी हुकूमत के द्वारा स्थापित पुलिस तंत्र व्यवस्था, प्रशासनिक, न्यायपालिका एवं कार्यपालिका प्रणाली कितना विरोधाभास है जो आम आदमी के हितों की रक्षा नहीं कर पाती है कई दिनों तक कई महीनों तक कई वर्षों तक सरकार के दरवाजे पर माथा रगड़ने पर भी न्यायालय में दौड़ते दौड़ते घर मकान बर्तन हांडा सब बिक जाता है आम आदमी न्याय क्या पाएगा भ्रष्ट न्यायाधीशों अधिवक्ताओं के गैर जवाबदेही कार्यों के कारण न्याय से वंचित हो जाता है यह मिलाजुलाकर स्थिति खराब है झारखंड राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में भ्रष्टाचार के कारण हर व्यक्ति को अच्छी चिकित्सा व्यवस्था नहीं मिल पा रहा डॉक्टरों को भगवान माना जाता है आज डॉक्टर कसाई बन गया है वह गिरे हुए व्यक्तित्व बनके सिर्फ पैसे के लिए आम आदमी के शरीर को खिलवाड़ बना के रख दिया है बीमारी का इलाज के नाम पर उन्हें कई गंभीर रोगों से ग्रसित कर देते हैं आम आदमी का जब शरीर बीमार हो जाता है तो फिर शरीर पुरानी स्थिति में नहीं हो पाता, भोजन में मिलावट है हवाओं में मिलावट है प्रदूषण का नंगा नाच हो रहा है सरकारी कार्यालय भ्रष्टाचार में लिप्त हो रहे हैं अधिकारी लोग मालामाल हो रहे हैं तो भ्रष्ट व्यवस्था को कैसे नियंत्रित करेंगे? क्या कभी देखा है ईमानदार के जगह भ्रष्ट आदमी सत्ता में बैठ जाए तो फिर वह ईमानदार नहीं रहता सबसे बड़ा बेईमान, भ्रष्ट बन जाता है आम आदमी को लुट लुटकर देश को लूटने लग जाता है मिलाजुला कर स्थिति बहुत दयनीय है सरकारी अस्पतालों में अगर दवा है तो बेड नहीं है बेड है तो डॉक्टर नहीं है यहां तक आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था नहीं है इलाज के अभाव में डॉक्टरों में अनुभव के अभाव में अनेकों नागरिक मर जाते हैं मिलाजुला कर भ्रष्ट व्यवस्था को परिवर्तन करना ही पड़ेगा इसके लिए आम आदमी को आगे आना पड़ेगा आज हमारे देश का कृषि उत्पाद औद्योगिक उत्पाद में भारी मिलावट से उत्पादन गिरता जा रहा है जो आर्थिक विकास देश को होना चाहिए वह नहीं हो पा रहा है कहीं ना कहीं हम लोग जिम्मेदार हैं कि हम लोगों ने उसे नजरअंदाज करके रखा है अपने कार्य कराने के लिए भ्रष्ट अधिकारियों को आम जनता पैसा पहुंचा रहे हैं ऐसा नहीं होना चाहिए हर गलत का परिणाम हमेशा गलत होता है आज कारोबारी लोग भारी टैक्स का चोरी किए जा रहे हैं जो टैक्स वसूली हो रहा है उसे घोटालों के माध्यम से अधिकारी से लेकर मंत्री मुख्यमंत्री तक यहां तक प्रधानमंत्री तक भ्रष्टाचार में लिप्त हो रहे हैं मिलाजुला कर देश को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी परिवार को आर्थिक कीमत चुकानी पड़ रही है स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं ज्यादे उत्पन्न हो रही है भ्रष्टाचार हमारे देश की अर्थव्यवस्था को बर्वार्दी का मुख्य जिम्मेदार हों रहा है। देशभर में जो जहां है लूटने में लगा हुआ है अधिक मुनाफा अधिक कमाई के चक्कर में भ्रष्टाचार,लूट घोटाला लगातार बढ़ रहा है आने वाले कल में आम आदमी की जवाबदेही तय होना चाहिए प्रशासनिक अधिकारियों का जिम्मेदारी तय होनी चाहिए न्यायपालिका के न्यायाधीशों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए विकास कर रहे कार्यपालिका की जवाबदेही तय होनी चाहिए अब सवाल उठता है कि जो जहां है लूट रहा है वह भ्रष्ट अवस्था में सुधार के लिए सार्थक प्रयास नहीं कर रहा है ईमानदार शासन व्यवस्था की स्थापना को लेकर बड़ी लड़ाई लड़नी पड़ेगी आम जनता का योगदान भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में उनकी सक्रियता जरूरी है।
अब हेमंत सरकार से आम जनता के मन में उम्मीदे, विश्वास खत्म होता जा रहा है।
पहले शिक्षा पहले पायदान पर था अब हेमंत सरकार के शिक्षा विरोधी नीतियों के कारण शिक्षा नीचे स्तर के पायदान पर पहुंच गया है अब शराब दुकान, भ्रष्टाचार पहले पायदान पर पहुंच गया है।
झारखंड का भविष्य, भारतवर्ष का भविष्य कैसे बचेगा? लाखों करोड़ों बच्चो का भविष्य कैसे बनेगा? बिना पढ़ाई-लिखाई,बिना परीक्षा लिखे बच्चों को अगली कक्षा में पदोन्नति कर दिया गया,जो दुखद् है। सरकारी स्कूलों की पढ़ाई लिखाई चौपट था अब कोरोनावायरस महामारी में और चौपट हो गया है भ्रष्ट नेताओं, अधिकारियों के लूट घोटाला कर्म से झारखंड बर्वादी की और अग्रसर है। विदेशी शक्तियों, आंतकवादी, उग्रवादी संगठनों, कंपनियों द्वारा राष्ट्रद्रोही गतिविधियों में आर्थिक सहायता में वृद्धि होने से झारखंड राज्य में उनकी गतिविधियां बढ़ गई है यह स्थिति मुगल,अंग्रेज,पुर्तकाली के गुलामी के पूर्व हालात बनते दिखाई दे रहे हैं। लाखों करोड़ों बच्चों बच्चियों की स्कूली पढ़ाई लिखाई कोविंद गाइडलाइन में ग्रुप अनुसार कम संख्या में बच्चों की उपस्थिति में शुरू किया जा सकता है लेकिन तीसरी लहर का भय से केंद्र सरकार ने राज्यों को दिशा-निर्देश नहीं देने से झारखंड सरकार स्कूलों को खोलने से हिचक रही है। सरकारी स्कूलों,काॅलेजों की पढ़ाई लिखाई सुधारने या खोलने की मांग को लेकर आंदोलन करने के बजाय बिना अभिभावकों के दलाल मानसिकता के विभिन्न झारखंड अभिभावक संघ/महासंघ द्वारा प्राइवेट स्कूलों को परेशान करके भयादोहन कर रहे हैं, हेमन्त सरकार लगातार 16 महिने से सभी सरकारी/गैरसरकारी प्राइवेट प्ले, प्राइमरी,मिडिल,हाई स्कूलों को बंद रखा है हेमन्त सरकार सरकारी शिक्षकों कर्मचारियों को वेतन भत्ता का भुगतान कर रही है और दुसरी तरफ प्राइवेट स्कूलों को विभिन्न शुल्क लेने से मना कर रही है रोक भी लगा रही है जिसके कारण अभिभावकों ने शुल्क का भुगतान बंद कर दिया है प्राइवेट स्कूलों के विद्यालय प्रबंधन आर्थिक संकट में आने के बाद अपने शिक्षकों, कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थ होने से शिक्षकों ने ऑनलाइन पढ़ाना बंद कर दिया है। अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य की बड़ी चिंता हो गई है।90% किराये पर चल रहे प्ले, प्राइमरी, मिडिल हाई स्कूल बंद हो चुके हैं झारखंड में शिक्षा स्तर गिर गया है। हेमन्त सरकार के गलत कार्यनीतियों से काम धंंधा चौपट हो गया है लाखों कामगार, मजदूर,किसान बेरोजगार हो गए हैं खेती-बाड़ी करने के लिए किसानों के पास बीज खाद खरीदने, सिंचाई का साधन, मजदूरों को भुगतान करने के लिए पूंजी नहीं है सभी बेरोजगार युवा, मजदूर गरीबी के नीचे स्तर पर पहुंच गए हैं। कारोबारियों का व्यापार चौपट हो गया है हेमंत सरकार निक्कमा साबित हो रही है।
सरकारी विज्ञापन की मजबूरी में तमाम अखबारों, न्यूज चैनलों ने हेमन्त सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ बच्चों के भविष्य को लेकर समाचार का प्रकाशन,प्रसारण नहीं कर रही है।
देश का भविष्य, झारखंड राज्य का भविष्य, बच्चों,नौजवानों का भविष्य बचाने के लिए तमाम आम जनता, अभिभावकों, प्राइवेट शिक्षकों, सरकारी शिक्षको को आगे आना पड़ेगा?
उक्त आशय की एक प्रेस विज्ञप्ति राम प्रकाश तिवारी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी, झारखंड,राॅंची ने जारी किया है।
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