उपलब्धियां हासिल करने वाली
महिलाओं का अनुलग्नक
पांच महिलाओं को उनके प्रेरक कार्यों के लिए इस अवसर पर सम्मानित किया, गया, इनमें शामिल हैंः
भावना पालीवाल- राजस्थान की भावना गांव-गांव जाकर डिजिटल साक्षरता के बारे में जागरुकता फैलाती हैं। उनका कहना है ‘‘मेरा मानना है कि महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए डिजिटल साक्षरता बहुत अधिक मायने रखती है। मैं वोडाफ़ोन आइडिया फाउन्डेशन के प्रति आभारी हूं, जिनके सहयोग से मैं गांवों की ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं तक अपना संदेश पहुंचा सकी हूं।’’
रीटा मोंडल- रीटा के परिणाम आधारित शिक्षण के तरीके छत्तीसगढ़ की युवतियों की शिक्षा में क्रान्तिकारी बदलाव लेकर आए हैं। उनका कहना है ‘‘मैं देश की युवतियों की शिक्षा को लेकर बेहद उत्सुक हूं। शिक्षा इन्हें सशक्त बनाकर समाज की रूढ़ीवादी अवधारणाों से निपटने में सक्षम बनाती है।’’
किरण गुप्ता ने अपना काम करने वाली महिलाओं को व्यवहारिक पहलुओं जैसे कम्युनिकेशन लीडरशिप, इंटरनेट के उपयोग और आॅनलाईन भुगतान पर शिक्षित किया। उनका कहना है ‘‘मैंने यह जाना है कि आर्थिक आत्मनिर्भरता महिलाओं के सशक्तीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब एक महिला आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होती है, तब वह किसी भी मुश्किल का सामना कर, सफलता हासिल कर सकती है।’’
ममता ठाकुर- ने अपने आभूषण बेच दिए ताकि उनका परिवार उर्वरक खरीद कर ओर्गेनिक फार्मिंग कर सके। क्योंकि वह अपने गांव में ओर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देना चाहती थीं। उनका कहना है ‘समाज का कोई भी व्यवसाय सिर्फ पुरूषों तक सीमित नहीं होना चाहिए। मुझे गर्व है कि ओर्गेनिक फार्मिंग में अपने प्रयासों के चलते मैंने समाज में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।’’
ज़ेबा खान एक अध्यापिका के रूप में काम करते हुए नई पीढ़ी को प्रेरित कर रही हैं, ताकि वे समाज को महिलाओं के लिए सुरक्षित बना सकें, उनके लिए एक समान अधिकारों को सुनिश्चित कर सकें। उनका कहना है ‘‘दुनिया में ऐसा कोई कारण नहीं होना चाहिए जिसकी वजह से महिलाओं की सुरक्षा खतरे में पड़ जाए। मेरे जीवन का लक्ष्य यही है मैं समाज को महिलाओं के लिए सुरक्षित बना सकूं और उनके लिए एक समान अवसरों को सुनिश्चित कर सकूं।’’
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