आज आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठनो के संयुक्त मोर्चा की बैठक संपन्न हुई

आज आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठनो

 के संयुक्त मोर्चा की बैठक संपन्न हुई







आज दिनांक 13 मार्च 2022 दिन रविवार 11.00 बजे से बिहार क्लब कचहरी राँची के कॉन्फ्रेंस हॉल में आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठनो के संयुक्त मोर्चा का महाबैठक संपन हुआ। जिसमे संयुक्त मोर्चा के कोर कमिटी सदस्य गण, विभिन्न सामाजिक संगठनो के प्रतिनिधिगण समाज के प्रबुद्ध नागरिक गण और बुद्धिजीवि गण भारी संख्या में उपस्थित थे ।
महाबैठक की अध्यक्षता डॉक्टर करमा उरांव ओर संचालन एस अली ने किया। धन्यवाद ज्ञापन बलकू उरांव ने किया।
महा बैठक में अंतू तिर्की ने स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति संबंधित उप समिति द्वारा स्थानीय एवं नियोजन नीति एवं अन्य मसले को लेकर तैयार प्रारूप को विचारार्थ प्रस्तुत किया।
महाबैठक में प्रस्तुत प्रारूप एवं अन्य मसले पर विचार विमर्श के उपरांत निम्नलिखित निर्णय एवं प्रस्ताव पारित किए गए।
1) राज्य सरकार के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि स्थानीय एवं नियोजन नीति अविलंब परिभाषित करे और राज्य में स्थानियों को उद्योग ,व्यवसाय,तथा रोजगार के विभिन्न संरचना यथा ठेका पट्टा इत्यादि का अवसर प्रदान करे ।
उक्त कार्य हेतु सरकार पूंजी व्यवस्था,अभिरक्षा की गारंटी एवं कौशल विकास एवं प्रशिक्षण हेतु राज्य सरकार व्यवस्था करे ताकि उपर्युक्त आर्थिक क्षेत्र में यहां के लोग स्थापित हो सके।
2) नियोजन एवं नौकरी के क्षेत्र में नियोजन नियमावली में जो विसंगतियां है उसे सुधार करे जिनमे प्रमुख है कि सामान्य जाति के लोग राज्य के बाहर के शिक्षण संस्थाओं में अध्ययन करते हैं और अपेक्षित स्तर के शिक्षा प्राप्त करते हैं उन्हें भी नियोजन हेतु स्थानीय का सुपात्र मानी जाए।
नियमावली में मैथिल भोजपुरी अंगिका मगही का समावेश किया गया है जो राज्य के बाहर की मूल भाषा है उसे विलोपित किया जाय।
3) झारखंड मूल के भाषाओं की सुरक्षण, समर्धन तथा उपयोगिता की दृष्टि में रख कर प्राथमिक से लेकर विश्वविद्यालय स्तर की अध्ययन अध्यापन की व्यवस्था की जाए।
इसके लिए 200 करोड़ रूपए की बजटीय प्रावधान की जाए तथा जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा अकादमी की गठन किया जाय।
4) लगभग एक सदी से झारखंड की जनता बड़े डैम, बड़े कल कारखाना की स्थापना से पलायन एवं विस्थापन का असहाय पीड़ा झेल रही है अतः राज्य सरकार विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग की स्थापना करे तथा समस्या का समाधान करे। राज्य सरकार उक्त आयोग के से 1967 के दंगा प्रभावित लोगों,मछुवारों सहित अन्य सीमांतक समुदायों तथा आदिम जनजातियों की पुनर्वास की व्यवस्था करे।
5) स्थानीय एवं नियोजन नीति संबंधित संयुक्त मोर्चा से निर्मित एवं महाबैठक मे पारित प्रारूप को मुख्य मंत्री एवं अन्य संबंधित अधिकार प्राप्त अधिकारी को सुपुर्द किया जाएगा ।
6) यह भी निर्णय लिया गया कि आगामी मई के प्रथम सप्ताह मे उक्त मसलों को लेकर आदिवासी मूलवासी आक्रोश महा रैली आयोजन किया जाएगा । उक्त महारैली में 21 वर्षों से अबतक के सरकारों का क्रिया कलापों का सामाजिक अंकेक्षण किया जाएगा।
महाबैठक में सर्व श्री पी सी मुरमू , अंतु तिर्की,सुनील सिंह,आजम अहमद,राजू महतो,शिवा कच्छप,चरण केवट,सुशांतो मुखर्जी,संजय तिर्की,प्रवीण देवघरिया, बलकू उरांव,शिव प्रसाद साहू,कुंदरशी मुंडा मोखतार अंसारी,दिनेश उरांव, नन्हे कच्छप,रमेश उरांव,उमेश मुंडा,रश्मि पिंगुवा,सुरेन कु कालिंदी,निरंजन महतो,उमर खान,निर्मल पाहन, झारखंडी भावना के अनुरूप आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठनो के विशेष बैठकों में सम्यक विचारोप्रांत निर्मित प्रतिवेदन महाबैठक में अनुमोदनार्थ प्रस्तुति का प्रारूप सभा में पेश किए।

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