रांची अवर निबंधक कार्यालय मे कुछ नहीं बदला है सिर्फ पर्दा बदला है!

 रांची अवर निबंधक कार्यालय मे कुछ

 नहीं बदला है सिर्फ पर्दा बदला है! 





रांची अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी जी का कार्यालय सह चैंबर, साहब पहले भी चैंबर में हीं पंजीयन कार्यों का निष्पादन करते थे इजलास खाली रहता था आज भी चैंबर में हीं पंजीयन कार्यों का निष्पादन करते हैं इजलास खाली रहता है! हां अगर बदलाव कुछ हुआ है तो वह कि साहब के चैंबर के पर्दे बदल गए हैं, परंतु यह बात अलग है कि कल भी और आज भी साहब के दो चहेते "दस्तावेज नवीस", साहब के चैंबर में पर्दे के पीछे घंटो होते थे और आज भी घंटो होते हैं ,कहा यह भी जाता है कि उक्त दोनों चहेतों का हीं साहब के पास धाक और बोलवाला है चर्चा तो यह भी है कि उक्त दोनों चहेतों की माहवारी कमाई लाखों में है और रांची अवर निबंधक कार्यालय के अवैध कारोबार की कमाई भी इन्हीं के पास ठिकाने लगाने के लिए जमा होता है। देखा तो यह भी गया है कि साहब के उक्त दोनों चहेते दिन के ज्यादा समय रांची अवर निबंधक कार्यालय में हीं रहते हैं, इनकी धाक इतनी है कि ये कार्यालय के कोई भी दस्तावेज ऐसे छूते हैं और उलट - पुलट करते हैं जैसे कार्यालय के कोई वरिष्ठ एवं अधिकृत कर्मचारी हों!

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