झारखंड सरकार के वगैर सहयोग के सीमा देवी द्वारा नागफेनी रथ मेला का आयोजन किया गया :सीमा देवी का शुक्रिया

 झारखंड सरकार के वगैर सहयोग के सीमा देवी 

 द्वारा नागफेनी रथ मेला का आयोजन किया

 गया :सीमा देवी का शुक्रिया

गुमला, प्रेम शंकर साहु की रिपोर्ट :आज 14जनवरी , झारखंड सरकार के बीना सहयोग के लोक कलाकार सीमा देवी द्वारा खुद के खर्च पर नागफेनी रथ मेला सिसई गुमला लोककला को संरक्षित करनें के उद्देश्य से किया गया , ज्ञात हो कि झारखंड सरकार और राज्य के सरकारी अधिकारी केवल अपने नीजी लाभ के लिए संलिप्त हैं नहीं तो झारखंड में कहां कहां मेला जतरा लगता है नहीं मालूम, ऐसे सरकार और सरकारी तंत्र किस काम की जो विभाग बना कर जनता के हक अधिकार के रुपया को घोटाला कर रही है आज लोक कला के नाम पर ठिकेदारी हो रही है इसका ज्वलंत उदाहरण धुर्वा प्रकाश तारा मैदान में लाखों लाख खर्च कर मकर संक्रांति और टुसू मेला के नाम पर कार्यक्रम आयोजित किया गया है । क्या वह स्थान पर्यटक स्थल है या प्राचीन मेला जतरा स्थल है । नेता और अधिकारी केवल अपने नीजी लाभ के लिए यहां की संस्कृति लोक कला को विलुप्त करनें का प्रयास कर रही है धन्य है इस राज्य कि माटी जहां ऐसे त्यागी लोग है जो निजी खर्च करके यहां कि परम्परागत चीजों को बचाने के लिए अपने खर्चे पर मेला जतरा में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते आ रहे है, सरकार और सरकारी तंत्र को शर्म करना चाहिए और ऐसे लोगों को सम्मानित करना चाहिए ,लोक कलाकारा सीमा देवी को तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहिए।

आज मेला का शुभ उद्घाटन






गुमला: आज मेला मंच का उद्घाटन स्थानीय मुखिया सुभानी देवी एवं बंदी उरांव के द्वारा किया गया साथ ही सीमा देवी द्वारा वंदना से शुरू किया गया कलाकारों में सीमा देवी, संगीता देवी, सहदेव साहु , बसन्ती देवी,पुनम देवी, स्वराज सिंह ,सीता राम गोप, बुधराम उरांव, गोपाल महली, गोविंद महली, इत्यादि कलाकार उपस्थित थे ।
गुमला जिले में मकर संक्रान्ति के शुभ अवसर पर नागफेनी रथ मेला 2000बषो से लगता चला आ रहा हैं यहां बर्ष में दो बार 14जनवरी एवं आषाढ़ मास में रथ चलता है यहां जगन्नाथ स्वामी का मंदीर है  यहां छत्तीसगढ़, उड़ीसा,से भी पुजा अर्चना करने के लिए लोग आते हैं मंदीर के नीचे कोईल नदी बह रही है इतने मनमोहक स्थान पर लाखों कि संख्या में श्रद्धालु पर्यटक आते हैं पर झारखंड सरकार द्वारा ,और सरकारी अधिकारी के  लिए शाय़द इस स्थान का महत्व नहीं ,इस बजह से इस स्थान पर सरकार द्वारा किसी प्रकार का सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जाती है,इसके लिए स्थानीय विधायक, उपायुक्त,और सरकारी अधिकारी, कर्मचारियों का दोष है गांव वालों का लिखा पढ़ा आवेदन का ध्यान नहीं दे हैं।

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