तीन दिवसीय अखरा उन्नयन एवं संवर्धन ,
रातूगढ़ परंपरा कार्यक्रम का समापन
अखरा बचाना एक आदमी का दायित्व नहीं
सभी समुदाय का है: मधु मंसूरी
झारखंड संस्कार दीप के तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्य निदेशालय कला संस्कृति खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग झारखंड सरकार के सौजन्य से सिमलिया में आयोजित तीन दिवसीय अखरा उन्नयन एवं संवर्धन रातूगढ़ परंपरा कार्यक्रम का आज भाषा संस्कृति परंपरा एवं विरासत बचाने के संदेश के साथ समापन हो गया.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि लोक कलाकार पदम श्री मधु मंसूरी हंसमुख ने कहा कि परंपरा एवं विरासत
अखरा बचाना एक आदमी का दायित्व नहीं है बल्कि हम सभी समुदाय का दायित्व है. उन्होंने लोगों से अपने बहुमूल्य जमीन पुरखों की पहचान व वजूद को बेचने से मना किया.
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक एवं प्रधान सचिव झारखंड आंदोलनकारी पुष्कर महतो ने कहा कि झारखंड अलग राज्य में अपने माय माटी व भाषा संस्कृति के मूल्यों के आधार पर हुआ है. हमें
अपने अस्तित्व की रक्षा हर हाल में करते हुए परंपरा और विरासत को बचाने का पुनीत कार्य करना है. श्री महतो को अंग वस्त्र भेंटकर पदम श्री मधु मंसूरी ने सम्मानित किया.
मौके पर लोक गायिका एवं झारखंड की पहली नायिका सीमा देवी ने अपने लोकगीतों के माध्यम से झारखंडी संस्कृति की विरासत को आगे बढ़ाया.
इस कार्यक्रम में झारखंड के महान नागपुरी कवि घासीराम , भरत नायक एवं प्रफुल्ल कुमार राय के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला गया.
इस कार्यक्रम में अजमीर अंसारी, बालकिशुन उरांव लालमोहन उरांव विनय गोप, सुमित भगत समीर उरांव राम भगत प्रेम शंकर साहू फरहा नाज़ भंवरों मोहाली बलदेव उरांव ,छेदी महतो, भंवरों महली आयुष महतो आदित्य कुमार महतो , लोक कलाकारों में शिवा महली ,चरवा महली, रामप्रसाद ,श्रीमती मैनु देवी शिवा नायक सहित अन्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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