शिक्षा के व्यापारीकरण के विरूद्ध पदयात्रा

शिक्षा के व्यापारीकरण 

के विरूद्ध पदयात्रा


"एक शिक्षा सबो का अधिकार" शीर्षक के साथ दो दिवसीय पदयात्रा आज समापन किया गया। यह यात्रा पूर्ण रूप से गैर राजनीतिक रही और आम नागरिकों की समस्या को देखते हुए पलामू के समाजसेवियों द्वारा 47 किलोमीटर की पदयात्रा मेदिनीनगर में उपायुक्त पलामू कार्यालय में निम्नलिखित बिंदुओं के साथ मांग पत्र रिसीव कराया गया, हालांकि चुनावी व्यस्तता के कारण उनसे भेंट नही हो पाई फिर भी कार्यालय में पत्र रिसीव करा दिया गया है, जिसका निम्नवत बिंदु है :

1) कक्षा के अनुसार आवश्यक पुस्तको का चयन एवं मूल्य निर्धारण सीमित किया जाए। यह सभी दुकानों पर आसानी से उपलब्ध हो सकें।

9) विद्यालय में 95% NCERT किताबें लागू हो।

2) बेहतर शिक्षा सुविधा के लिए पुस्तकों का चयन सरकार से चयनित पब्लिशर्स का हो, जिसका मूल्य निर्धारण सरकार के देख रेख में किया जाए।

3) मासिक फीस और बस भाड़ा का माप दंड तय हो।

4) एडमिसन चार्ज, री एडमिसन चार्ज, डिवेलपमेंट चार्ज इत्यादि पूर्णतः बन्द कराया जाए।

5) स्मार्ट क्लास निःशुल्क हो।

6) विद्यालय में साप्ताहिक स्कूल ड्रेस एक ही सुनिश्चित हो, जिसे कभी नही बदला जाए। इसे सभी दुकानों में उपलब्ध कराने का माप दंड तय हो।

7) सरकारी विद्यालयों में सरकारी शिक्षक, सरकारी अधिकारी, विधायक एवं सांसद के परिजनों एवं उनके सगे परिवार के बच्चों का शिक्षण अनिवार्य किया जाए।

8) नामांकन के लिए खरीदे जाने वाले फॉर्म शुल्क खत्म किया जाए।

9) उपर्युक्त बिंदुओं को अनदेखा करने पर दंड का भी प्रावधान तय किया जाए।

इस पदयात्रा के दौरान पांकी से लेकर पलामू समाहरणालय तक पूर्ण समर्थन मिलता है। जनकपुरी में परशुराम सेना के देवेंद्र तिवारी, राकेश पांडेय, विकास दुबे, लक्की पांडेय, आशीष भारद्वाज सहित दर्जनों लोगों ने यात्रा का भव्य स्वागत किया। इस यात्रा में कमलेश कुमार सिंह, राकेश सिंह, बबलू चावला, धनन्जय राय, नागेंद्र गुप्ता, शशिकांत तिवारी, मनोहर लाली, विवेक सिंह, रिंकू सिंह सहित सैकड़ों नागरिकों का पूर्ण समर्थन मिला।

Post a Comment

0 Comments