राजनीति के महान खिलाड़ी भाग - 1

राजनीति के महान

 खिलाड़ी भाग - 1






मेरे सभी प्रिय बहन भाइयों को मेरी राम राम ।

दिल्ली की हमारी अति आदरणीय मुख्यमंत्री आतिशीजी। आपके श्रीमुख से निकले सुंदर-सुंदर शब्दों को सुनकर मन गदगद हो गया हैं। आपकी अभिव्यक्ति की शैली कितनी सुंदर है, शब्दों का चयन कितना भावात्मक है - (आपके ये शब्द, भारत की सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार के मुंह पर करारा तमाचा मारा है)। हम सभी भारतीय आपके आभारी है - आपके उच्चतम विचारों के लिए, आपके श्रेष्ठ ज्ञान के लिए, आपके सटीक विश्लेषण के लिए और हमारे भविष्य के मार्गदर्शन के लिए।

हम परमपिता परमात्मा से निरंतर प्रार्थना करते रहेंगे, आपके सुख वैभव के लिए, आपकी दीर्घायु के लिए और (सबसे बढ़कर आपकी अति सुंदर सड़क छाप भाषा के लिए) क्योंकि हमारी संस्कृति की ध्वज वाहक तो केवल आप ही हैं। आपकी जय हो! जय हो! जय हो!

सन 1957 में जब मैं नवीं कक्षा में पढ़ता था- हमारे शहर फिरोजपुर में हमारे रक्षा मंत्री श्री वी के कृष्णा मेनन आए थे। हमारे अध्यापक ने एक छात्र से पूछ लिया कि भारत के रक्षा मंत्री का नाम क्या है? छात्र ने उत्तर दिया- वी के कृष्णा मेनन। अध्यापक ने उसे ज़ोर का तमाचा मारा क्योंकि उसने नाम के आगे श्री नहीं लगाया था। यही हमारी पढ़ाई थी, यही हमारी संस्कृति थी।


इस चित्र के शब्द आप व आपके समस्त परिवार के संपूर्ण चरित्र का आईना दिखाने के लिए काफी है, कुछ और कहने की जरूरत रह नही जाती।

इस लेख साथ भेजे गए वीडियो को अवश्य देखें, बार-बार देखे और सभी हिंदू बहन भाइयों को अवश्य, अवश्य, अवश्य दिखाएं। शब्दों को ध्यान से सुने, उनका मंथन व मनन करें। हमारे हृदय सम्राट अति आदरणीय मुनिवर की हृदय की व्यथा को समझो - किस प्रकार चिल्ला- चिल्ला कर हम हिंदुओं को जागने का प्रयत्न कर रहे हैं। मेरे प्रिय हिंदू भाई बहनों! जागो, जागो, जागो, सभी को जगाओ और संगठित हो जाओ। बहुत सो चुके हो, अब तो जागो, वरना मौत हाथ फैलाये खड़ी हैं!!!

आपका अपना 
मोतीलाल गुप्त

नोट: -आपके अमूल्य विचारों का स्वागत है वह हमारे मार्गदर्शन में सहायक बनेंगे।

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