रमजान देता है इंसानियत का सबक : तौहीद

रमजान देता है 

इंसानियत का सबक : तौहीद



रांची : रमजान का महीना सभी महीनों से बेहतर है। यह इंसान को दोस्ती, सहानुभूति और मनवता का संदेश देता है। गरीबों और मोहताजों के दुःख, दर्द को साझा करने के साथ उसे मिटाने का मौका भी देता है। उक्त बातें रांची पब्लिक स्कूल के सचिव सह समाजसेवी मो तौहीद ने कही। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने देश स्तर पर देखें, तो यह गंगा जमुनी सभ्यता का प्रतिनिधि भी है। रमजान के महीने में, अक्सर जगहों पर देखा जाता है कि हिंदू, सिख, ईसाई और अन्य धर्मों के लोग, मुस्लिम भाइयों के साथ मिलकर इफ़्तार करते हैं।अगर रांची की बात करें तो, रमजान का हर दिन ईद का दिन है। रमजान आरंभ होते ही संपूर्ण रांची जिले भर के अंदर एक तरह की खुशी की लहर दौड़ जाती है। मुबारक बादियों का सिलसिला शुरू हो जाता है। प्रत्येक समुदाय के लोग अपने मुस्लिम भाइयों के साथ इफ़्तार पार्टियों के इलावा आम दिनों में भी में शामिल होते हैं। रमजान महीने में अन्य मामलों में भी, यहां के प्रबुद्ध समाजसेवी गण व शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं और अलग-अलग विभाग के निजी एवं सरकारी कर्मचारी गण भी अपने मुस्लिम भाई-बहनों का खास ख्याल रखते हैं। वहीं ईद मिलन में भी लोगों की शिरकत काबिले दीद है। दरअसल, असली भारत तो यहीं देखने को मिलता है। अनेकता में एकता का गीत यहां गया जाता है। यह अलग बात है कि हर काल और हर समाज की तरह कुछ लोग ऐसे होते हैं । रमजान में रोजे के साथ कुरआन की तिलावत (पढ़ना) भी बहुत जरुरी है। रमजान महीने में जो शख्स कुरआन की सबसे ज्यादा तिलावत करता है, उसे उतना ही ज्यादा सवाब मिलाता है। आपका रोजा तभी मुकम्मल होगा जब आप रोजे के साथ पांचो वक्त की नमाज, तरावीह की नमाज, कुरआन की तिलावत और गरीबों की मदद करेंगे।

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