रमजान हमें हर बुराई से रोकना सिखाता है

 

रमजान हमें हर बुराई 

से रोकना सिखाता है



रांची: आज रमज़ान का बाइस दिन है, आधा से ज्यादा महीना अपनी बरकतों के साथ बीत चुका है। और अब दस दिन बाकी है, हर बुराई से खुद को बचायें। रमज़ान का क़ुरआन से गहरा संबंध है, क़ुरआन में रमज़ान के महीने को भी उसी तरह पेश किया गया है जैसे कि यह वह महीना रहमत व बरकत का है। जिसमें पवित्र क़ुरआन उतारा गया। रमजान के अवसर पर पैगंबर मुहम्मद जो काम करते थे, उनमें से एक यह था कि रमजान में हजरत जिब्रील के साथ नाजिल हुआ कुरान का पाठ किया करते थे। रमजान और कुरान को दोनो के लिए सिफ़ारिश के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। कयामत के दिन, रमज़ान का तर्क यह होगा कि मैंने उसे खाने-पीने और जींसी इच्छाओं से रोका था, और क़ुरआन का तर्क यह होगा कि मैंने उसे उस रात सोने से रोका था और अल्लाह दोनों की शफ़ाअत क़ुबूल करेगा। हमें भी इस पवित्र महीने में क़ुरआन से अपना रिश्ता मज़बूत करना चाहिए। रमजान हमें हर बुराई से रोकना सिखाता है। इस पाक महीने में अल्लाह ने शैतान को भी कैद कर देता है। इसलिए जितना हो सके इबादत में वक्त गुजारे।

आदिल अज़ीम जिला परिषद सदस्य चानहो पश्चिमी रांची

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