उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, रांची श्री मंजूनाथ भजंत्री के निर्देशानुसार गैर सहायता मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के प्राचार्यों/प्रतिनिधियों के साथ बैठक

 

उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, 

रांची श्री मंजूनाथ भजंत्री के 

निर्देशानुसार गैर सहायता

 मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों 

के प्राचार्यों/प्रतिनिधियों के साथ बैठक




झारखण्ड गजट के आलोक में प्रत्येक विद्यालय में शुल्क समिति एवं अभिभावक शिक्षक संघ (पीटीए) के गठन का निर्देश

स्कूल भवन या परिसर का व्यवसायिक उपयोग न करने का निर्देश

उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, रांची श्री मंजूनाथ भजंत्री के निर्देशानुसार आज दिनांक 12.04.2025 को उप विकास आयुक्त, रांची श्री दिनेश यादव की अध्यक्षता में गैर सहायता मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के प्राचार्यों/प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। समाहरणालय ब्लॉक-बी स्थित कमरा संख्या-505 में आयोजित बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री विनय कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक श्री बादल राज, जिला परिवहन पदाधिकारी श्री अखिलेश कुमार, सहित विभिन्न गैर सहायता मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के प्राचार्य/प्रतिनिधि उपस्थित थे।

बैठक में झारखण्ड गजट के आलोक में प्रत्येक विद्यालय में शुल्क समिति एवं अभिभावक शिक्षक संघ (पीटीए) के गठन के संबंध में सभी को पीपीटी के माध्यम से आवश्यक जानकारी प्रदान की गयी। साथ ही झारखण्ड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 के अंतर्गत प्रावधानों की भी जानकारी दी गयी।

शुल्क समिति एवं अभिभावक शिक्षक संघ के गठन का निर्देश

उप विकास आयुक्त, रांची श्री दिनेश यादव ने बैठक में उपस्थित गैर सहायता मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के प्राचार्यों/प्रतिनिधियों को बताया कि झारखण्ड एजुकेशनल ट्रिब्युनल एक्ट के तहत विद्यालय और जिला स्तर पर फी कमिटि और अभिभावक शिक्षक संघ (पीटीए) का गठन किया जाना है। उन्हांेंने सभी स्कूलों को जल्द से जल्द शुल्क समिति और अभिभावक शिक्षक संघ के गठन का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि स्कूल, जिला एवं विद्यालय स्तर पर बनी शुल्क समिति और अभिभाव शिक्षक संघ के माध्यम से नीतिगत तरीके से नियमाकुल ही शुल्क बढ़ा सकते हैं।

स्कूल भवन या परिसर का व्यवसायिक उपयोग न करने का निर्देश

बैठक के दौरान सभी को बताया गया कि झारखण्ड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम् 2017 के तहत स्कूल, विद्यालय भवन या संरचना या परिसर का उपयोग केवल शिक्षा के उद्देश्य के लिए ही करें। विद्यालय परिसर में अवस्थित कियोस्क से पुस्तक या अन्य सामग्री जैसे यूनिफॉर्म, जूते आदि खरीदने के लिए अभिभावकों/छात्रों को बाध्य/प्रेरित न करें। उल्लंघन की स्थिति में पचास हजार से ढाई लाख तक का जुर्माना, इसके अतिरिक्त विद्यालय की मान्यता समाप्ति की कार्रवाई भी की जा सकती है।

जिला शिक्षा अधीक्षक श्री बादल राज एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री विनय कुमार द्वारा भी बैठक के दौरान झारखण्ड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम् 2017 के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी प्रदान की गयी। पदाधिकारियों द्वारा गैर सहायता मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के प्राचार्यों/प्रतिनिधियों के सवालों का जवाब भी दिया गया।

बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी श्री अखिलेश कुमार ने सड़क सुरक्षा से संबंधित आवश्यक जानकारी देते हुए कहा कि सभी स्कूल प्रबंधन नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करें।

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