डॉक्टर शहबाज आलम की पुत्री इनाया फातिमा ने की कुरान मुकम्मल

डॉक्टर शहबाज आलम की 

पुत्री इनाया फातिमा ने 

की कुरान मुकम्मल




नौ वर्ष की बच्ची ने एक साल में पूरा किया कुरान

रांची: (आदिल रशीद) नौ साल की इनाया फातिमा को कुरान के 30 सिपारे पढ़ने में महज एक साल लगा। दीन के साथ दुनियावी शिक्षा में भी इनाया फातिमा आगे है। वह संत थॉमस स्कूल में कक्षा चार की छात्रा है। कुरान मुकम्मल हाने पर कम्युनिटी हाल संतुष्टि सोसाइटी में आमीन सेरेमनी का आयोजन किया गया। इस्लाम के एतबार से कुरान शरीफ पढ़ना हर मुसलमान पर फर्ज है। इनाया के पिता झारखंड के प्रख्यात सर्जन डॉ शाहबाज आलम कर्बला चौक स्थित हॉपवेल हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनाया के शिक्षक हाफिज ताहिर हुसैन ने कहा कि इनाया फातिमा बहुत जहीन बच्ची है। नूरानी कायदा से लेकर कुरान पाक मेरे पास मुकम्मल की है। हम चाहते हैं कि बार बार शिक्षक न बदले। इससे पढ़ने और पढ़ाने वाले दोनों को परेशानी होती है। झारखंड के प्रख्यात सर्जन डॉ शाहबाज आलम ने कहा कि इनाया फातिमा बहुत जहीन बच्ची हैं। तलफ्फुज (भाषा) भी बहुत साफ है। एक साल में इसने कुरान को पढ़ लिया है, स्कूल और कोचिंग के बाद रोजाना एक घंटा कुरान की तिलावत करती है। अल्लाह ने उसे आवाज भी बहुत प्यारी दी है, जब कुरान की तिलावत करने बैठती है, सुनकर रूहानी सुकून हासिल होता है। वहीं हज़रत मौलाना रिजवान दानिश खतीब रंगसाज मस्जिद ने कुरान की अहमियत कुरान की फजीलत बयान करते हुए कहा कि कुरान मुसलमानों के लिए एक संपूर्ण जीवन शैली है, जो उन्हें सही रास्ते पर चलने और जीवन के हर पहलू में सफल होने में मदद करती है। कुरान हमें क्षमा और दया का महत्व सिखाता है, और हमें दूसरों के प्रति दयालु और सहानुभूति रखने के लिए प्रोत्साहित करता है। आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत डॉ. शाहबाज आलम ने किया। आए हुए लोगों ने इनाया फातिमा को अपने दुआओं से नवाजा। मौके पर शेख सदरुद्दिन, महिला विशेषगु डॉ नेहा अली, अरशद अली, तौसीफ़ अली, एहसान अहमद, गुफरान आलम, हुस्न आरा खातून, सरवत जहां, आईएएस अमित कुमार, इबरार अहमद, डॉ बदरूद दोजा, डॉ फ़ुजैल, डॉ फरहान, डॉ मुईद, डॉ तालिब इकबाल, राशिद, ताबिश, पत्रकार आदिल रशीद समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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