शिकायतों के समाधान में संवेदनशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेही सर्वाेपरि होनी चाहिए- श्री मंजूनाथ भजन्त्री, उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी, रांची

शिकायतों के समाधान में संवेदनशीलता, पारदर्शिता

 और जवाबदेही सर्वाेपरि होनी चाहिए- श्री मंजूनाथ

 भजन्त्री, उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी, रांची



उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी, रांची श्री मंजूनाथ भजन्त्री द्वारा आयोजित जनता दरबार में आज ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों से सैकड़ों लोग अपनी फरियाद लेकर पहुंचे। जिला के सुदूर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र से आए लोगों ने भूमि विवाद, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, प्रमाण-पत्र निर्गमन, राजस्व से संबंधित मामले, जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ एवं विकास से जुड़ी विभिन्न शिकायतों को उपायुक्त के समक्ष रखा।

जनता दरबार में उपस्थित प्रत्येक आवेदक की समस्या को गंभीरता से सुनते हुए उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने संबंधित विभागों के पदाधिकारियों को मामलों की प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र और गुणवत्तापूर्ण निष्पादन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की लंबित शिकायत या विलंब को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा सभी अधिकारी निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्रवाई कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं।

उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी, रांची श्री मंजूनाथ भजन्त्री द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि जनता दरबार का उद्देश्य लोगों को राहत प्रदान करना तथा उनकी समस्याओं का एक ही मंच पर त्वरित समाधान सुनिश्चित करना है। उन्होंने अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ कार्य करने और आवश्यकता पड़ने पर स्थल निरीक्षण कर वस्तुस्थिति की जांच करने के निर्देश दिये।

उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी, रांची श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने अधिकारियों को समस्याओं के त्वरित एवं परिणाम-प्रधान निस्तारण के लिए कड़े और स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी शिकायत का अनावश्यक लंबित रहना स्वीकार्य नहीं होगा। सभी विभाग अपने-अपने स्तर पर निर्धारित समय सीमा में कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करें। गंभीर प्रकृति के मामलों में अधिकारी स्वयं क्षेत्र का निरीक्षण कर तथ्यात्मक रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। शिकायतों के समाधान में संवेदनशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेही सर्वाेपरि होनी चाहिए।

उपायुक्त से जितेंद्र नाथ ने शिकायत करते हुए कहा की वे जन्म से ही झारखंड के स्थानीय निवासी है। और वे झारखंड में पले बढ़े है, लेकिन मेरे पास अपनी कोई ज़मीन नहीं है। मैं एक आदिवासी परिवार होने के सभी मानदंडों को पूरा करता हूँ।
इसलिए, मैंने अपने बेटे के लिए इस शिक्षा के लिए आवासीय प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया है क्योंकि वह एक संभावित छात्र है। मैंने उसकी जेईई परीक्षा और प्रवेश के लिए भी प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था। लेकिन अंचल अधिकारी शहर प्रमाणपत्र देने से इनकार कर रहे हैं क्योंकि मेरे पास कोई ज़मीन नहीं है। जबकि आवेदक सभी दस्तावेज अंचल में जमा कर दिया है। उन्हें काफ़ी समय से अंचल अधिकारी द्वारा जान-बुझ कर दौड़ाया जा रहा, जिसको उपायुक्त ने सम्बंधित अंचल अधिकारी को फोन पर कड़ी फटाकर लगाते हुए प्रमाण पत्र देने का निर्देश दिया साथ इसकी सूचना भी उन्हें उपलब्ध कराने को कहा गया।

उन्होंने यह भी कहा कि जनता दरबार का उद्देश्य आम नागरिकों को एक ही स्थान पर सभी विभागों की उपस्थिति में समस्याओं का शीघ्र, सरल और न्यायसंगत समाधान उपलब्ध कराना है। यह मंच शासन प्रणाली को जनकेन्द्रित और उत्तरदायी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

जनता दरबार में कई मामलों का मौके पर ही निपटारा किया गया, जिससे लोगों में संतोष और राहत की भावना देखने को मिली। उपस्थित लोगों ने उपायुक्त द्वारा की गई पहल की सराहना की और कहा कि इस प्रकार का सीधा संवाद जिला प्रशासन में जनता के विश्वास को मजबूत करता है।

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