सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करें जिलावासीः उपायुक्त
पाकुड़- उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने गुरुवार को कहा कि जिलावासी सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करें। घर से बाहर निकलने पर मास्क का इस्तेमाल जरूर करें। बाजार – सार्वजनिक स्थानों पर बेवजह भीड़ – भाड़ न लगाएं। अनलाक वन में कुछ जरूरी शर्तों के साथ छूट दी गई है। इस छूट को मतलब कोरोना वायरस का संक्रमण समाप्त नहीं हुआ है। हम सतर्कता के साथ ही इससे लड़ सकते हैं। परिवार के बच्चों व वृद्ध सदस्यों का विशेष ख्याल रखें। अगर जरूरत नहीं हो तो बेवजह सड़कों पर नहीं निकले।
सोशल डिस्टेंसिंग का क्या है मतलब
सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब एक - दूसरे से दूर रहना ताकि संक्रमण के ख़तरे को कम किया जा सके। भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं । ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और भी ज़्यादा अहम हो जाता है।
क्यों ज़रूरी है सोशल डिस्टेंसिंग
जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं, इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं।
संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। अगर आप किसी ऐसी जगह को छूते हैंए जहां ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो ये कण आपके शरीर में पहुंचते हैं।
ऐसे में खांसते और छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करना, बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छूना और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
इसी कारण कोरोना से बचने के लिए लोगों को एक जगह पर अधिक लोग इकट्ठा न होने देने, एक दूसरे से दूरी बनाए रख कर बात करने या फिर हाथ न मिलाने के लिए कहा जा रहा है ।
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