ब्यूटी पार्लर के सकारात्मक एवं नकारात्मक पहलू
 वर्तमान समय के फैशन दौर में ब्यूटी पार्लर एक व्यवसाय के रूप में विख्यात हो रहा है। जिसमें काफी लोगों को काम के साथ साथ अच्छी सैलरी तथा पहचान भी मिल रही है। परंतु ये बहुत ही  चिंताजनक  बात है कि इसके जरिए क्राइम को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।क्युकी आजकल लेडीज ब्यूटी पार्लर में वर्कर्स के तौर पर जेंट्स तथा जेंट्स पार्लर में वर्कर्स के तौर पर लेडीस को रखा जा रहा है। कारण इनका सिर्फ एक है ध्यान आकर्षित करना और मोटी कमाई करना। हम सभी को पता है कि ब्यूटी पार्लर ज्यादातर अमीर घरों के लोग जाते हैं। जिनके पति/पत्नी बिजनेस या किसी बड़े कार्य में गले रहते है। ऐसे पुरुष या महिलाएं अपने आप को आकर्षित दिखाने के लिए ब्यूटी पार्लर्स की सहायता लेते है। इसके साथ ही उन्हें वहां पर उनके तमाम आवश्यकताओं की पूर्ति के साधन के रूप में वर्कर्स मिलते हैं। जो उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके। इसके बदले में वो पैसा भी देने को तैयार रहती है। ये कैसे तथा कब होता है?
ये सवाल हर किसी के मन में उठेगे तो आइए नजर दौड़ाएं इन मुद्दों पर।
*1मेहंदी* लेडीज ब्यूटी पार्लर में ज्यादा तारे वर्कर्स के तौर पर लड़के ही काम करते हैं। ऐसे में लड़कियों के मेकअप से लेकर उन्हें सजाने का कार्य भी वही करते हैं।ये सब तो  ठीक है क्युकी लड़के किसी भी कार्य को तेजी से करते है।परंतु वर्तमान समय में एक नया प्रचलन चला है। प्राइवेट पार्ट पर मेहंदी लगवाने का,इस  कार्य को करने की भी जिम्मेदारी उन्हीं कि होती है। अब आप खुद सोच सकते हैं समाज में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा उससे भी बड़ी बात ये है कि उस प्राइवेट पार्ट पर लगे मेहंदी का कार्यक्रम खुलेआम किया जाता है। ज्यादातर शहरों में यह देखने को मिलता है कि किसी भी पार्लर में औरतों और लड़कियों के मेहंदी लगाने का कार्य बाहर की किया जाता है। क्योंकि पार्लर में  जगह कम होता है और साथ ही बहुत से काम एक साथ होता है ऐसे में मेहंदी लगाने के लिए बाहर ही टेंट में बेवस्था की जाती है।और ये  खुलेआम प्रदर्शन कहीं ना कहीं अराजकता को बढ़ावा देते हैं।
वास्तव में मेहंदी लगाने की प्रक्रिया नई नहीं है बल्कि यह पुरानी और पीढ़ी दर चले आने वाली  प्रक्रिया है।पहले से ही मेंहदी को सुहाग की निशानी के रूप में देखा जा रहा है।इसलिए किसी भी शादी या शुभ अवसर पर महिलाएं मेहंदी लगवाती है। परन्तु आज के फैशन के दौर से हर रोज लगाने तथा प्राइवेट पार्ट पर लगवाना और उसे फेसबुक पर पोस्ट करना। कई बार ऐसे कार्यों का अंजाम घातक भी हो जाता है जैसा कि हम सभी जानते हैं कि वर्तमान समय में फेसबुक, व्हाट्सएप, टि्वटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब ऐसे सोशल साइड को 5 साल के बच्चे से लेकर 90 वर्षीय बुजुर्ग तक यूज करते हैं। बड़े लोगों को समझ में आ रहा है। परंतु यह प्रदर्शन उस बच्चे के मस्तिष्क पर नकारत्मक  प्रभाव डाल सकते हैं। इसको रोकने के लिए एक पहल  का करना जरूरी है।
सर्वप्रथम तो पार्लर ऐसे कार्य को करने से साफ मना कर दे और यदि करें भी तो पुरुष के लिए पुरुष तथा स्त्रियों के लिए स्त्रियों की व्यवस्था करें साथ ही कमरे में यह कार्य किया जाए। 
2 *.बॉडी मसाज* एक ऐसा तरीका है जिसका आमतौर पर  प्रयोग शरीर की थकान को दूर करने के लिए जाता है परंतु आजकल के पार्लर्स में इसकी आड़ में क्राइम  फैलाई जा रहा है। फुल बॉडी मसाज में भी लेडीस का जेंट्स तथा जेंट्स का लेडीस करते हैं  जिससे अपॉर्चुनिटी को बढ़ावा मिलता है। मसाज शरीर के लिए जरूरी भी है क्योंकि इससे न सिर्फ शरीर की थकान दूर होती है बल्कि हड्डियां भी मजबूत होती हैं परन्तु मसाज घर के अंदर किया जाता है और आज के दौर में ब्यूटी पार्लर में किया जा रहा है।इससे कोई दिक्कत नहीं है दिक्कत इस बात से है कि ऑपोजिट जेंडर के करने से इस समाज में एक नकारात्मक संदेश जा रहा है जो सामाजिक दृष्टिकोण से बहुत ही गंभीर और घातक बीमारी का रूप ले सकता है।  इसको रोका नहीं जा सकता  परंतु मेरा सुझाव यह है कि मसाज के लिए  लेडीस को लेडीस के लिए तथा जेंट्स को  जेंट्स के लिए रखा जाए या फिर बॉडी मसाज करने वालो को करने वाले के घर या उसके बताए जगह पर भेजने की सुविधा दी जाए। अगर वह किस जिसको करवाना है इससे सार्वजनिक स्थलों पर मौजूद लोगों पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
जानलेवा साबित भी हो सकता है ब्यूटी प्रोडक़्स का लगातार प्रयोग
'हफिंगटन पोस्ट' में छपी एक रिपोर्ट पर यदि यकीन करें तो मिलता है कि,भारतीय बाजार में गोरा करने वाली जितनी भी फेयरनेस क्रीम और स्किन ट्रीटमेंट इंजेक्शन उपलब्ध हैं. उन सभी में कई हानिकारक केमिकल के अलावा स्टेरॉयड का प्रचुरता से इस्तेमाल किया जाता है. आपको बताते चलें कि लगातार होते स्टेरॉयड के इस्तेमाल से, आपकी स्किन पतली हो जाती है जिससे उसका टोन गोरा नजर आता है. स्टेरॉयड, आपकी स्किन को पतला करता जाता है जिससे आप गोरे नजर आते हैं और फिर एक समय ऐसा आता है जब आपकी त्वचा और मांस के बीच का अंतर लगभग समाप्त हो जाता है. बताया जाता है कि स्टेरॉयड का सबसे बड़ा अवगुण ये है कि ये स्किन को कब सड़ा दे न ये बात खुद मेडिकल साइंस जानती है और न खुद वो व्यक्ति जो इनका लगातार इस्तेमाल कर रहा है.
इसके साथ ही यदि त्वचा विशेषज्ञों की माने तो, स्किन के लिए स्टेरॉयड या ये केमिकल किसी नशे के जैसे हैं. इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि जैसे, किसी व्यक्ति को हानिकारक ड्रग्स की लत होती है और जब वो उसे नहीं मिलती तो वो बेकाबू हो जाता है. कुछ ऐसा ही हमारी स्किन के साथ भी है. एक बार लेने के बाद त्वचा को स्टेरॉयड की लत लग जाती है और जब व्यक्ति इसे छोड़ता है तो झुर्री पड़ी डार्क स्किन, चकत्ते, पस पड़े दानों के अलावा किडनी और हार्ट फेल हो जाते हैं जिससे व्यक्ति की मौत तक हो सकती है.
विशेषज्ञ भी इस बात की पुष्टि कुछ इस प्रकार करते है उनके अनुसार स्टेरॉयड शरीर में मौजूद सारा पानी सोख लेता है और इसके दबाव के चलते त्वचा गोरी लगती है फेयरनेस क्रीम से ज्यादा घातक हैं गोरापन देने वाले इंजेक्शन
इसके साथ आम इंसानों का भी मानना है कि यदि लगातार इसका प्रयोग करते हैं तो उसकी स्किन पतली हो जाती है।
जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों के कारण हम भारतियों का रंग या तो सांवला या फिर गेहुआं होता है. ऐसे होने के पीछे हमारी जेनेटिक कोडिंग एक प्रमुख वजह है और यही हमारे काले या गोरे होने का सबसे अहम कारण हैं.
वैज्ञानिकों की मानें तो मानव जीन में उपस्थित कोड 1000 वर्षों में एक बार बदलते हैं और ये बदलाव भी इतना हल्का होता है कि इसका स्किन कलर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. ऐसे में औरों के बीच गोरा और सुन्दर दिखाने के लिए हम कृतिम रास्ता अपनाते हैं और महंगे स्किन केयर ट्रीटमेंट लेते हैं. इसके अंतर्गत हमारे अन्दर इंजेक्शन से ग्लूटेथिओन प्रवाहित किया जाता है. ग्लूटेथिओन एक डाइट सप्लीमेंट है जो न सिर्फ शरीर को अप्राकृतिक उर्जा देता है बल्कि ये स्किन को ऑक्सीडेशन भी प्रदान करता है, जिससे कुछ समय के लिए स्किन में ग्लो अनुभव किया जाता है.।
परंतु यही बाद में घातक साबित हो जाते हैं 
बताया जाता है कि ग्लूटेथिओन एक बेहद खतरनाक कंपाउंड है जो शरीर से पानी को खीच कर उसे कैलोरी में बदल देता है जिससे व्यक्ति की किडनी प्रभावित होती है. कहा जाता है कि ये कंपाउंड इतना खतरनाक है कि केवल इसकी उपस्थिति से इंसान मर सकता है.।
इसके अलावा इन ब्यूटी प्रोडक़्स से स्किन एलर्जी ,कैंसर जैसी घातक बीमारियां भी हो जाती है।
परंतु ये ध्यान वाली बात है कि इन सबके बावजूद  ब्यूटी पार्लरों में अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए ये सब बाते छुपाते हुए कस्टमर को बार बार ऐसे प्रोडक्ट का यूज करने के लिए प्रेरित करती हैं और और प्रोडक्ट प्रयोग करने वाले व्यक्ति को यह पता भी नहीं चलता कि वह गोरे होने की चाहत में अपनी जान से हाथ गवा रहा है। 
*खूबसूरत बनाने के नाम पर सेल्फ कॉन्फिडेंस को कम करने का काम करते हैं ये* 
1. ब्यूटी पार्लर में पर्सनल मामलों की चर्चा करने की कोई हद नहीं होती. अगर किसी पार्लर में काफी समय से जा रहे हैं तो हर बात पर चर्चा की जाएगी. शादी, ब्वॉयफ्रेंड, वर्जिनिटी, अगर कोई नहीं बताना चाहे तो भी उससे कुरेद-कुरेद कर पूछा जाएगा ऐसे में अगर आप कुंवारे हैं और आपके पास कोई बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड नहीं है तो उसे हीन दृष्टि से देखा जाता है साथ ही आपको उपाय बताए जाते हैं बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड बनाने के ।यहां तक की इन स्थानों पर उनसे इंटरशिप रिलेशनशिप बनाने के उपाय भी बताए जाते हैं।
2. भारत में बिकिनी वैक्स का चलन नहीं है और इसे वाकई एक बड़ा काम है. इसे किसी हॉरर फिल्म या एडवेंचर स्पोर्ट से कम मत समझिए. ये बिलकुल वैसा ही है. अगर ये पहली बार करवा रहे हैं तब तो यकीनन काफी ज्यादा शर्म, झिझक ऊपर से वैक्स करने वाली के कमेंट्स इस पूरे प्रोसेस को और भी ज्यादा भयंकर बना देंगे. बिकिनी वैक्स करवाते समय भी वर्जिनिटी की बात की जाएगी. इसे पर्सनल केयर न समझते हुए यही माना जाएगा कि अगर कोई बिकिनी वैक्स करवाने आया है तो मतलब उसे अंतरंग संबंध ही बनाने हैं. भले ही कोई कुछ न बोले, लेकिन फिर भी उनकी मुस्कान ये जरूर समझा देगी. 
3. ब्यूटी पार्लर जाना है सिर्फ थ्रेडिंग बनवाने? यकीन मानिए इतने से काम के बाद आपके सेल्फ कॉन्फिडेंस की धज्जियां उड़ा दी जाएंगी. थ्रेडिंग करवाते समय आपसे बोला जाता है कि आपका चेहरा खराब हो गया है, काला पड़ रहा है, बालों को भी ट्रिमिंग की जरूरत है, कितने समय से क्लीनअप नहीं करवाया देखिए कितने ब्लैकहेड्स आ गए हैं. वगैराह-वगैराह. काम खत्म होते तक कई बार हालत ये हो जाती है कि कॉस्टमर को लगने लगता हैं  कि वो अच्छा दिख ही नहीं रहे ऐसे में लोग उनकी बातो में आकर और भी चीज का प्रयोग करना शुरू कर देते हैं पार्लर वालों को यह अच्छे से पता होता है कि कस्टमर के दिमाग में अपनी बातें कैसे डालें जिससे उनका बिज़नेस आगे बढ़ सके कस्टमर कैसा दिख रहा है उसके मन में क्या चल रहा है इससे उनका कोई संबंध नहीं होता है वह केवल अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए यह सब करते हैं जबकि इसकी आड़ में कई बार कस्टमर्स के सेल्फ कॉन्फिडेंस टूट कर चूर चूर हो जाते हैं।
4. भारतीय पार्लरों की लोकेशन अक्सर लड़कियों के साथ-साथ लड़कों को भी पता होती है. पास की किसी दुकान में अक्सर लड़के पार्लर के दरवाजे पर निहारते नजर आएंगे, अगर कोई लड़की बाहर निकली तो उसे ऊपर से नीचे तक स्कैन किया जाएगा और ये तय किया जाएगा कि आखिर वो क्या करवा कर आई है. कई बार तो स्थिती इतनी खराब हो जाती है कि लड़कियों को बचकर निकलना पड़ता है.
ब्यूटी पार्लर में एक सबसे बड़ी दिक्कत ये होती है कि कभी ये तय नहीं किया जा सकता कि पार्लर कितने सुरक्षित हैं. वैक्सिंग के लिए कपड़े बदलकर एक पतला सा छोटा गाउन पहनते समय लगता है कि चारों ओर देख लिया जाए, कहीं कोई कैमरा तो नहीं लगा
ऐसे बहुत सारे मामले प्रकाशित हुए हैं जिसने लडकियो को बेचने खरीदने का भी काम होता है
इस काम में मदद कोई और नहीं उसमे कम करने वाले लोग ही करते हैं। उन्हें इतना माझा कलाकार बना दिया जाता है कि वो इंसान को देख कर उसकी कमजोरी का पता लगा लेते हैं। फिर उसके जरिए अपनी सहानुभूति दिखा कर पहले यह साबित करते हैं कि ऐसे कामों में कोई बुराई नहीं है। इसके बदले में दाम और नाम दोनों मिलता है। उसके बाद उनसे कार्य करने के लिए उकसाते हैं अगर उकसाने से मान जाए तो ठीक नहीं तो किसी ना किसी बनाए उनकी अभद्र फोटो लेकर और उसका वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करते हैं जिससे कई बार लडकिया आत्महत्या भी कर लेती है अन्यथा किसी अन्य स्थान पर उन्हें भेज दिया जाता है यह बहुत ही संगीन और पुलिस के गिरफ्त से दूर रहने वाला अपराध का स्थल है जो ना केवल अपराध को बढ़ावा देता है अपितु मानव की मानवता को शर्मिंदा करता है इससे बचाव के कई बार मुहिम चलाई गई। कुछ दिनों की शांति के बाद फिर ऐसे मामले प्रकाशित होने लगते हैं 
इसलिए हमारा जागरूक रहना ही आवश्यक है।
1 पार्लर छोटे या बड़े पर जाने से पहले किसी को अपने साथ ले जाए ताकि आपके कार्य करवाने दौरान कोई आपसे व्यक्तिगत या फिर उल्टे पुल्ट सवाल ना पूछ पाए।
2.किसी भी पार्लर को निजी ना बनाए साथ ही अपने घलेलू बाते बाहर किसी से ना कहे क्युकी कई बार अपकी बात सुनकर भी लोग आपको अपने झासे में आसानी से ले लेते हैं।
3.पैसा से आप महंगी वस्तुएं खरीद सकते हैं अपने आप को नहीं इसलिए पैसा से ज्याद खुद के स्वाभिमान को महत्व दीजिए।
4.पार्लर की उलटी सीधी बात मानने से पहले ये ध्यान दे कि शबाब और अफीम का नशा एक जैसा होता है ना मिलने पर इंसान पागल भी हो सकता है और लगातार मिलने पर जान गवा सकता है ये दोनों ही परिस्थितियों में खराब है अतः सम्भवतः इससे दूर रहे।
(अनुरोध ये हमारी समाज में हो रहे कुरितियो को देखते हुए व्यक्ति सोच पर आधारित लेख है अतः पाठको से निवेदन है अपने सुझाव व विचार हमें अवश्य दे)
अंकिता राय(अग्नि)
संपादक पी एम ए न्यूज एंजेसी
 

 
 
 
 
 
 
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