आपकी अदालत में : माननीय मुख्यमंत्री झारखंड को देवजीत देवघरिया मुख्य संगठक, जिला कांग्रेस सेवा दल का पत्र

आपकी अदालत में : माननीय मुख्यमंत्री झारखंड को देवजीत देवघरिया मुख्य संगठक, जिला कांग्रेस सेवा दल का पत्र





सेवा में,
श्रीमान हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री
झारखंड सरकार
रांची, झारखंड


विषय : झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) में पदस्थापित तीन महान विभुतियों की कारगुजारियों की जांच करने और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के संबंध में


महोदय,
मैं, रांची जिले का निवासी हूं. मैं आपका ध्यान झारखंड राज्य खनिज विकास निगम में पदस्थापित तीन भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ आकृष्ट कराना चाहता हूं. इनमें से एक हैं भूतत्ववेत्ता प्रवीर कुमार, जो 2006 से लगातार यहां पदस्थापित हैं. इनके अलावा एक लिपिक हैं मनीष कुमार और एक चतूर्थ वर्गीय कर्मचारी संतोष कुमार हैं, जो अलग राज्य बनने के बाद से ही जेएसएमडीसी में पदस्थापित हैं. इन तीनों ने अवैध तरीके से न सिर्फ अपार धन अर्जित किया है, बल्कि इन तीनों तिकड़ी की कारस्तानियों से निगम को करोड़ों रुपये का नुकसान भी हुआ है.
प्रवीर कुमार (भूतत्ववेत्ता)
पहले ये जमशेदपुर में पदस्थापित थे. 2006 के बाद से लगातार जेएसएमडीसी मुख्यालय में पदस्थापित हैं. इनका काम नये खदानों का माइनिंग प्लान बनाना है और खदानों के विकास में सरकार को रूप-रेखा तैयार कर देना है. इनकी वजह से सरकार ने जुलाई 2016 में प्राइस वाटर हाउस कूपर (पीडब्ल्यूसी) को सलाहकार नियुक्त किया. सलाना निगम की तरफ से 25 लाख का भुगतान पीडब्ल्यूसी कंपनी को किया गया. इस कंपनी को निगम की 10 खदानों को फिर से पुनर्जीवित करने का काम करना था, माइनिंग प्लान देना था, मानव संसाधन का बेहतर उपयोग करना था. पर ऐसा कुछ नहीं हुआ. इन्होंने निगम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक को बरगलाया भी गया. तत्कालीन निगम अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने भी पीडब्ल्यूसी के कार्यकलापों पर सवाल भी खड़े किये थें. पर इसे नजर अंदाज कर दिया गया ,नोडल अधिकारी प्रवीर कुमार को पीडब्ल्यूसी कंपनी की तरफ से हुंडई वर्ना का टॉप मॉडल उपहार स्वरूप दिया गया, जिसकी कीमत 10 लाख रुपये से अधिक है. इन्होंने निगम में रहते हुए बरियातू हाउसिंग कालोनी में करोड़ों रुपये की अकूत संपत्ति अर्जित की है. इसकी जांच होनी चाहिए. काले रंग की कार का नंबर 4565 है.


मनीष कुमार (लिपिक)
ये जेएसएमडीसी में अलग राज्य गठन के बाद से ही कार्यरत हैं. 2006 से लेकर 2014 तक ये रामगढ़ में कोल ट्रेडिंग का काम देखते थे. इनके बारे में बताया जाता है कि इन्होंने एक ही चालान पर कई ट्रक कोयले की अवैध बिक्री कर दी. इनके खिलाफ आज तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गयी. अवैध बिक्री से मालामाल होने पर मनीष कुमार ने नामकुम के झारखंड अधिविद्य परिषद (जैक) कार्यालय के वीणादानी अपार्टमेंट में शानदार फ्लैट लिया. इनकी काली कमाई का एक उदाहरण है मारूति की ईग्नीस कार. इसके अलावा लाखों रुपये इन्होंने कोयले के अवैध धंधे में कमाये हैं. फिलहाल ये स्थापना का काम देखते हैं. इन्हें निगम की तरफ से बालू घाटों की नीलामी का कामकाज भी सौंपा गया है. यह अलग जांच का विषय है.


संतोष कुमार (चतूर्थ वर्गीय कर्मचारी)
ये चतूर्थ वर्गीय कर्मचारी हैं. इन्होंने बरियातू हाउसिंग कालोनी में शानदार घर बनाया है. ये लगातार निगम के विधि (लीगल) मैटर को देखते रहे हैं. इनके बारे में बताया जाता है कि एक पुराने मामले में संवेदक पंचम सिंह के हित में निगम का खाता ही अदालत ने फ्रीज कर 6.04 करोड़ रुपये एटैच कर लिये थे. जेएसएमडीसी के यूनियन बैंक के खाते के एटैच होने की जानकारी निगम के महाप्रबंधक वित्त को 6.8.2019 को दी भी गयी. पर सारे मामलों में दोषी संतोष कुमार के खिलाफ निगम प्रबंधन ने किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की. सिविल कोर्ट के आदेश पर खाता संख्या एसबी एकाउंट 5528902010001652 अटैच किया गया था. इन्होंने जोड़ा तालाब बरियातू में शर्मा इंटरप्राइजेज के नाम से बर्जर पेंट्स का डीलरशीप भी ले रखा है. इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए.


मैं आवेदन के साथ सारे दस्तावेज संलग्न करा रहा हूं. इसके लिए मैंने सभी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली हैं. आवेदन की दो प्रतियां मैं आपके कार्यालय में इन भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मियों के संबंध में जमा कर रहा हूं. कृपया इस पर संज्ञान लेते हुए कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की कृपा की जाये. इससे पहले भी मैंने पेयजल और स्वच्छता विभाग, जल संसाधन विभाग, समाज कल्याण विभाग के भ्रष्ट अधिकारियो के खिलाफ कार्रवाई करने की शिकायत की थी, तत्कालीन लोकायुक्त आमरेश्वर सहाय की अदालत से इन पर लगाये गये सभी आरोप को सही पाते हुए कार्रवाई की गयी थी.


सधन्यवाद


देवजीत देवघरिया
मुख्य संगठक
रांची जिला महानगर कांग्रेस सेवा
 दल
 रांची-834001

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