उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण ईकाई,
बाल सुधार गृह, नारी निकेतन के कार्यों की
समीक्षा हेतु बैठक संपन्न
उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में आज जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संग जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल सुधार गृह, नारिनिकेतन के कार्यों की समीक्षा हेतु बैठक आईटीडीए भवन स्थित उपायुक्त के कार्यालय प्रकोष्ठ में की गई।
बाल संरक्षण गृह
गुमला जिले में संचालित जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा संचालित कार्यों तथा बाल संरक्षण गृह के कार्यों की समीक्षा की गई। समीक्षा के क्रम में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्तमान में जिले में 04 बाल संरक्षण गृह संचालित हैं। जिसमें से डीएसपी रोड में अवस्थित बाल संरक्षण गृह में कुल 20 बालिकाएं आवासित हैं। यह बाल संरक्षण गृह विकास भारती द्वारा संचालित की जा रही है। इसपर उपायुक्त ने उक्त बाल संरक्षण गृह में रहने वाली बालिकाओं को उचित चिकित्सीय सुविधा दिए जाने तथा उन्हें शिक्षा के आयामों से जोड़ने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने उक्त बाल संरक्षण गृह में बालिकाओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखने का भी निर्देश दिया।
वही बालकों के लिए लोहरदगा रोड में अवस्थित खुशमरना बाल गृह में कुल 17 बालक आवासित हैं। यह बाल संरक्षण गृह लुथेरन संस्थान द्वारा संचालित है। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि बाल संरक्षण गृह में 06 से 18 वर्ष के बालकध् बालिकाओं को आवासित किया जाता है। उपायुक्त ने बाल संरक्षण गृह में रखे जाने वाले बालकों की देखभाल, आवासन एवं चिकित्सीय सुविधा का खास ख्याल रखने का निर्देश दिया। वहीं उन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना काल में बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बाल संरक्षण गृह में रहने वाले बालकों/बालिकाओं की कोविड जाँच करवाने का भी निर्देश दिया। इसके साथ ही बताया गया कि जिले में मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा पालकोट रोड में बाल संरक्षण गृह संचालित है। जिसमें शून्य से 02 वर्ष के वैसे बच्चों, जिनकी माताएं आर्थिक स्थिति दयनीय होने के कारण उनका भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं तथा अविवाहित माताओं के बच्चों को आवासित किया जाता है। इसके अलावा जिले में कानून से विवादित बालक/बालिकाओं के सुधार हेतु संप्रेक्षण गृह भी संचालित है।
बाल कल्याण समिति
बैठक में बाल कल्याण समिति तथा समिति द्वारा किए जाने वाले कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। जिसमें जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि बाल कल्याण समिति पांच सदस्यीय समिति है। जिसमें उपायुक्त सह अध्यक्ष सहित चार अन्य सदस्य शामिल होते हैं। समिति देख-रेख/संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक/बालिकाओं की देखभाल, संरक्षण, उपचार, विकास तथा पुनर्वास के मामलों का निपटारा कर उनकी मूलभूत आवश्यकताओं तथा संरक्षण के लिए प्राधिकृत है। ज्ञातव्य है कि बाल कल्याण समिति में देख-रेख/संरक्षण वाले बच्चों के मामलों का निष्पादन किया जाता है। निष्पादन होने तक बच्चों को तत्काल प्रभाव से बाल संरक्षण गृह में आवासित किया जाता है। उपायुक्त ने बाल संरक्षण गृह में बच्चों को रखने की प्रक्रिया की समीक्षा की। जिसमें बताया गया कि बच्चों का गृह सत्यापन कर उनके परिवार की वास्तविक स्थिति को देखते हुए उन्हें पुनः उनके परिवार में पुनर्वासित किया जाता है। वहीं वैसे बच्चे जिनकी पारिवारिक आर्थिक स्थिति दयनीय होती है उन्हें बाल संरक्षण गृह में आवासित कर उन्हें शिक्षा एवं विकास के स्रोतों से जोड़ा जाता है।
किशोर न्याय बोर्ड
बैठक में किशोर न्याय बोर्ड की समीक्षा की गई। जिसमें बताया गया कि कानून के साथ विरोध में आए किशोरों के आपराधिक मामलों को किशोर न्याय बोर्ड के द्वारा निष्पादित किया जाता है। जाँच होने तक सभी किशोरों को संप्रेक्षण गृह में रखा जाता है। वहीं बोर्ड द्वारा किशोरों का सामाजिक अनुसंधान प्रतिवेदन विधि सह परिवीक्षा पदाधिकारी से प्राप्त कर मामले की सुनवाई की जाती है। इसपर उपायुक्त ने किशोरों के मामलों के निष्पादन किए जाने की अवधि की समीक्षा की। जिसपर जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि किशोर न्याय बोर्ड द्वारा आपराधिक मामलों में संलिप्त किशोरों के मामलों को 6 माह में निष्पादन करने का प्रावधान है।
नारी निकेतन
बैठक में रायडीह प्रखंड के सिलम में संचालित नारी निकेतन की समीक्षा की गई। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि विधवा, परित्यक्ता, निराश्रित, मानसिक रूप से विक्षिप्त, कुंवारी माताओं एवं समाज से प्रताड़ित महिलाओं को आश्रय देने के उद्देश्य से नारी निकेतन स्थापित है। वर्तमान में सिलम स्थित नारी निकेतन में कुल 24 महिलाएं आवासित हैं। उन्होंने आगे बताया कि उक्त नारी निकेतन में महिलाओं तथा उनके बच्चों को रखा जाता है तथा महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उनके पुनर्वास की व्यवस्था भी की जाती है।
उपस्थिति
बैठक में उपायुक्त सहित जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी संजय कुमार, विधि सह परिवीक्षा पदाधिकारी वेद प्रकाश तिवारी उपस्थित थे।
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