कोरोनावायरस के बढ़ते खतरा को रोकने और देश
व समाज को बचाने के लिए इस वर्ष नहीं निकाला
जाएगा जुलूस ए मोहम्मदी(सल्ल)सुन्नी बरेलवी
सेन्ट्रल कमिटी राँची
अस्पतालों में किया जाएगा फल वितरण, गरीबों को की जाएगी मददहर इलाके में आयोजन की जाएगी ईद मिलादुन्नबी(सल्ल)
रांची: आज दिनांक 15 अक्टूबर 2020 को इस्लामि मरकाज हिंदपीढ़ी रांची में सुन्नी बरेलवी सेंट्रल कमेटी रांची की एक मीटिंग एदार ए शरीया झारखंड के नाजिमे आला हजरत मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिसमें मुफ्तियाने केराम, उलेमा ए केराम, मस्जिदों के इमाम, अंजुमन, पंचायत और मुख्तलिफ कमेटियों के जिम्मेदार शरीक हुए मीटिंग के एजेंडे पर प्रकाश डालते हुए कमेटी के अध्यक्ष मौलाना जसीमुद्दीन खान ने कहा के इस वक्त कोरोना के खतरात बढ़ रहे हैं और आने वाले 10- 15 दिन में ईद मिलादुन्नबी भी है जिसमें सभी कार्यक्रम का आयोजन करने पर गौर किया जाना जरूरी है महा सचिव अकिलुर रहमान ने बैठक का संचालन करते हुए विस्तार से बताया कि कोविड 19 को लेकर जो सरकारी गाईड लाइन का किस प्रकार पालन करना है, बैठक में शामिल सभी उलेमा व दानिशवरों ने अपनी अपनी राय पेश की मौलाना डॉक्टर ताजुद्दीन रिजवी, कारी जान मोहम्मद रिजवी, मुफ्ती फैजुल्ला मिस्बाही ,कारी मोहम्मद अयूब ,मौलाना आबिद रजा, मौलाना शेर मोहम्मद ,हाफिज जावेद, मोहम्मद जावेद गद्दी ,मास्टर उस्मान समेत अन्य रहनुमाओं ने शरीयत की रौशनी में, कानूनी पहलु के परिपेक्ष्य मेंसर अकीदत व एहतेराम और जोश व खरोश के साथ जश्ने ईद मिलादुन्नबी मनाने पर चर्चा की। मीटिंग के आखिर में आए हुए सभी उलेमा व प्रबुद्ध लोगों ने फैसला लिया के झारखंड और मुल्क में कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ रहा है इसे रोकने के लिए सभी हिंदुस्तानी खासकर मुसलमानों ने भी शबे बरात, रमजानुल मुबारक, नमाजे तरावीह, अलविदा, नमाज़ ईद उल फितर, ईद उल अजहा और मुहर्रम जैसे मुबारक त्योहारों में जो कुर्बानियां पेश की हैं वह कभी भुलाया नहीं जा सकता, आज भी कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए और सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक रियासत और देश की हिफाजत के लिए यह फैसला लिया गया कि इस वर्ष ईद मिलादुन्नबी का जुलूस नहीं निकाला जाएगा,अकिलुर्रह्मान ने बताया कि, ईद मिलादुन्नबी के मौका पर लाखों की तादाद में पैग़ंबरे इस्लाम मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे व सल्लम के जन्मदिन की खुशी में पैगामे भाई चारे के साथ हर अमन पसंद और आशिक ए रसूल जो जुलूस ए मोहम्मदी निकाला करते थे वह इस बार कोरोना को देखते हुए नहीं निकाला जाएगा ताकि समाज की हिफाजत के साथ सरकारी गाइडलाइन पर भी अमल हो सके, फैसले के अनुसार जुलुस के एलावा ईद मिलादुन्नबी पर जितने भी कार्यक्रम हुआ करते थे वह सभी का आयोजन होगा। फैसले के अनुसार कुरान खानी, हर इलाकों में महफिले मिलादुन्नबी, लंगर,हर घरों में हरे झंडे लगाना, मोहल्लों को सजाना, मस्जिदों, मदरसों खानकाहों को सजाया जाएगा। और मोहल्लों में कुमकुमे लगाना हर इलाके में गेट, बैनर लगाना ,गरीबों की मदद करना, अस्पतालों में मरीजों के बीच फल तकसीम करना और उलेमा ए केराम की तकरीर शामिल हैं इन सब का आयोजन होगा। फैसले में कहा गया कि सुन्नी बरेलवी सेंट्रल कमेटी के जिम्मेदार और कमीटी के लोग अपने-अपने हल्कों में दौरा करके जश्ने ईद मिलादुन्नबी की तैयारियों का जायजा लेंगे और तमाम कार्यक्रम का आयोजन शरीयत की रोशनी में सरकारी गाइडलाइन के अनुसार ही होगा, सुन्नी बरेलवी सेंट्रल कमेटी ने माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सरकार से कहा कि पूरे झारखंड में ईद मिलादुन्नबी को अवसर पर 28/29 /30 अक्टूबर को पानी बिजली साफ-सफाई , सिक्योरिटी एवं विधि व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम करे! मौके पर मौलाना निजामुद्दीन, अब्दुल मुबीन, मौलाना शमीम, मौलाना मुजीब उर रहमान, मोहम्मद शफीक, इमरान खान, आदिल रशीद,मो शोएब, हसन खान ,मोहम्मद अकबर, मोहम्मद आसिफ, मौलाना फारूक, मौलाना दिलदार,सैयद खुर्शीद हाअख्तर, हदीस आलम, हाफिज अशरफ ,हाफिज अनवर, मौलाना गुलाम हैदर, मौलाना अशफाक, मौलाना नौशाद, कारी हाशिम, मुख्तार खान, आफताब आलम, मोहम्मद तोहीद, एस एम मोईन, हाजी सउद, साबिर अली अब्दुल वाहिद,शामिल थे।

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