टीकाकरण के मामले में मोदी
सरकार के कन्फ्यूजन और लापरवाही
ने लाखों जाने ले ली
मनोहर कुमार यादव: सरकारी आंकड़े में ही कोरोना महामारी से लगभग तीन लाख मौतें दिखाई जा रही है जबकि वास्तविक मौतें सरकारी आंकड़े से 5 गुना से भी अधिक यानी कि लगभग 15 से 20 लाख वास्तविक मौतें हैं कोरोना महामारी से हुई है ।मोदी सरकार जब से बनी है तब से केंद्र सरकार के लिए निगेटिव जाने वाली सभी आंकड़ों को छुपाते आ रहे हैं चाहे वह बेरोजगारी का हो रोजगार का हो विकास का हो सीमा पर तैनात जवानों की मृत्यु का हो या अन्य मामले हो सभी यह आंकड़े केंद्र सरकार ने छुपाया है और यहां तक कि अधिकांश आंकड़े 3 साल बाद जारी करती है।
टीकाकरण के पांच चरण है जैसे सही टिका ,यथेष्ठ उत्पादन , कीमत ,रखरखाव और टीकाकरण में लगी संस्थाओं की भूमिका। क्योंकि संकट पहले से नहीं भापा गया , जिससे टीके की भयंकर कमी हो गई सरकार ने अब उन सभी चीजों को जिन्हें डब्ल्यूएचओ और यूरोपीय संघ या अमेरिका की रेगुलेटरी संस्थाओं ने अनुमति दी है भारत में मंगाने और लगाने की छूट दे दी गई है जबकि अप्रैल तक बाहरी टिके पर रोक लगा दिया था और देशी टिके कि उत्पादन के इंतज़ार लाखों लोगों को मौत गाल ढकेल दिया , यहां तक कि फाइजर टिका कम्पनी ने फरवरी तक भारत सरकार से मंजूरी के लिए आरजू विनती करती रही लेकिन टिके कि मुल्य सौ पचास रूपये कम करने की बारगेनिंग करती रही, अन्ततः कम्पनी वापस चली गई ।
भारत में बनाई गई दोनों वैक्सीन मे केंद्र आधा हिस्सा सस्ते दामों पर 150 रूपये मे लेगा जबकि राज्यों को यह महंगी 400 रूपये मे मिलेगी और प्राईवेट होस्पीटल 1200 रूपये मे ।राज्य द्वारा जारी ग्लोबल टेंडर में किसी भी विदेशी कंपनी ने रुचि नही दिखाई केन्द्र सरकार खरीदता तो ज्यादा तादात में खरीदता और विदेशी निर्माता आकृष्ट होते ।
अगले दो माह में जब बीमारी चरम पर होगा , टिके का जबरदस्त अभाव होगा केन्द्र सरकार सरकार का कर्तव्य था कि इस समय एकीकृत खरीद करें और राज्यों को रोग की गंभीरता और आबादी के मिश्रित फार्मूले के तहत टीके दें ध्यान रहे कि जब कोविशिल्ड के जन्मदाता ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कहा कि 3 माह बाद दूसरा टीका लगाने से एफीकेसी 87% हो जाती है तो इसी केंद्र सरकार ने 4 हफ्ते से बढ़ाकर मात्र 8 हफ्ते किया था और बताया था कि टीके के एक शॉट के भरोसे जनता को 3 माह तक असुरक्षित नहीं छोड़ सकते आज जब एक माह से ब्रिटेन की रेगुलेटरी संस्था ने 30 साल से कम उर्म के लोगों पर लगाना रोक दिया है , भारत में दूसरे डोज का समय 84 दिन बढ़ाया जा रहा है यह कंफ्यूजन खत्म करने होंगे ताकि जनता को जल्दी टीके मिल सके ।
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