विस्थापित संघर्ष समिति के रैयतों ने कहा
प्लांट चालू हो अनशन जारी रहेगा
ब्यरो चीफ - कुन्दन कुमार की रिपोर्ट
टंडवा :- प्रखंड के एनटीपीसी के खिलाप रैयतों की तीन सूत्री मांग को लेकर अनशन एव प्लांट बंदी तीसरे दिन जारी रहा। जिला उपायुक्त के निर्देश पर एसडीएम सुधीर दास एव बीडीओ सह अंचल पदाधिकारी रंथू महतो ने सात सदस्यी अनशन कारी से वार्ता मंगलवार को 2 बजे पहुंचे। वार्ता के आरम्भ से अंत तक संध्या 6 बजे तक वार्ता हुयी।रैयतों ने जिला प्रशासन की सलाह को सम्मान देते हुये प्लांट निर्माण कार्य बुधवार से शुरू हो हरी झंडी दे दिया।वही रैयतों ने कहा की आंदोलन अनशन जारी रहेगा,बताते चले की रैयतों का पक्ष तीन सूत्री की मांग अविलंब पूर्ण करने को लेकर अड़े रहे । अन्यथा परिणाम को लेकर हमेशा के लिए एनटीपीसी अपना कार्य बंद करने की बात जिला प्रशासन को सुननी पड़ी।वही जिला प्रशासन के तरफ से पक्ष आया की रैयतों की मांग जायज है।जिला प्रशासन 10 नवंबर तक समय की मांग की है।बताया जाता है की तीन सूत्री मांग को लेकर सरकार एव एनटीपीसी प्रबंधन बात कर रही है। उपरोक्त समय काल पर आप सब का जिला उपायुक्त के माध्यम से नोटिस जारी कर दी जायेगी।वही एनटीपीसी के छः गांव के रैयतों ने आंदोलन को 269 वां दिन तक पहुँचा दिया है।जिससे प्रखण्ड क्षेत्र में चर्चा का बिषय बन चूका है।एनटीपीसी अरबो में खर्च कर चुकी है।फिर भी बिजली उत्पादन लक्ष्य से सालो दूर है।आंदोलन स्थल से कई पीड़ित रैयत ने एनटीपीसी के पदाधिकारियो को भ्र्ष्ट बताया है।रैयतों ने आरोप लगाते हुये बताया की रेवन्यू डिपार्टमेंट के अफसरों की लापरवाही से प्रति दिन एनटीपीसी को 1.5 करोड़ नुकसान हो रहा है।इसका जिम्मेवारी टंडवा एनटीपीसी प्रबंधन रैयतों के सिर मढ़ना चाहती है।अब लोगो में विस्वाश पनपने लगा की एनटीपीसी रैयतों के साथ छलावा कर रही थी।
दर्जनों साधारण रैयत मुआवजा लेने से अब भी है कोशो दूर
ज्ञात सूत्रो के अनुसार एनटीपीसी के रेवन्यू ऑफिसर द्वारा रैयतों के कागज में त्रुटि निकाल कर जान बुझ कर कोर्ट हाई कोर्ट का चक्कर कटवा रही है।मुआवजा के सुरुआति दिनों से अब तक मुवावजा दिलाने को लेकर लैजलिंग किया गया।जिससे रैयतों से लाखो रुपया कमीशन ऑफिसर के गले तक पहुँचा।विषेश सूत्र ने बताया की ऐसे एनटीपीसी के कई किसान हैं जिसका एनटीपीसी जान बुझ कर रैयतों का मामला कोर्ट तक पहुँचा दिया है।जिसका कोई उद्देश्य नहीं है।जिसमें रैयतों का मुआवजा आज तक ठंढे बस्ते में पड़ा हुआ है। अब तीन सूत्री मांग को लेकर एनटीपीसी के दिल्ली हेड ऑफिस तक बात गूंजने लगी है।आखिर नार्थ कर्णपुरा टंडवा में प्रोजेक्ट लगने में देरी किस वजह से हो रही है।इसमें किसकी कमी है।बताया जाता है की एनटीपीसी में ऐसे कई पुराने अधिकारी जमे हुवे है जिसके वजह से मामला तुल पकड़ रहा है।उन पुराने अधिकारी के इगो टूट न जाये इस कारण टंडवा एनटीपीसी प्रबंधन जान बुझ कर एनटीपीसी परियोजना की वर्षो पीछे धकेल रही है की बात सामने आई।आंदोलनकर्ताओं ने अपनी मांग पर अड़े हुवे है जब तक मांग पूरी नहीं होती अनशन आंदोलन समाप्त नहीं होने आशा प्रकट हो रही है।
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