कफ सीरप का नशा के लिए हो रहा इस्तेमाल,
भारी मात्रा में बिखरे हैं खाली बोतल
शशि पाठक
टंडवा (चतरा): प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों नशे के रूप में दवाओं का इस्तेमाल जोर- शोर चल रहा है ।इस नशा के शिकंजे में युवा वर्ग ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।भारी मात्रा में कफ सीरप की खाली बोतलें थाना क्षेत्र कुछ जगहों में बिखरा मिला जिसका इस्तेमाल नशा के रूप में किए जाने का अंदेशा जताई जा रही है। जानकारी के अनुसार सुलभ रुप से उपलब्ध कफ सीरप व कोडीन युक्त दवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है । इसमें नीमसुलाइड ,नाइस गोली ,डेस्टाबिन , बेनाड्रिल , कोरेक्स,वेलियम के अतिरिक्त अन्य दवाएं शामिल हैं । जिसमें कई दवाओं की सामान्य खरीद- बिक्री पर प्रतिबंध भी लगा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन दवाओं व कई इंजेक्शनों की बिक्री निर्धारित मूल्य से तिगुने व चार गुने दर पर बेच कर लाखों रुपए का अवैध मुनाफा विक्रेताओं द्वारा कमाया जा रहा है। बावजूद ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा नियमित निरीक्षण एवं कार्रवाई नहीं होने के कारण यह धंधा काफी फल-फूल रहा है । यहां तक कि बिक्री किए जाने के दौरान खरीदार से डॉक्टर का पुर्जा वगैरह तक नहीं मांगा जाता है। विक्रेताओं को इससे कुछ मतलब नहीं की युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है, केवल उन्हें अपने मुनाफे की चिंता है ।इस संदर्भ में पूछे जाने पर चिकित्सा प्रभारी डॉ कृष्ण कुमार नें दूरभाष पर बताया कि कोडिन युक्त दवाऐं प्रतिबंधित हैं। बिना चिकित्सक पर्ची के बिक्री किया जाना अनुचित है।
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