झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने हथियारबंद विशाल प्रदर्शन किया

 झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने 

हथियारबंद विशाल प्रदर्शन किया

मुख्यमंत्री झारखंड आंदोलनकारियों के सपनों को साकार

 करने के दायित्व का निर्वाह करें- राजू महतो

मुख्यमंत्री का दूत बनकर आएं उपायुक्त छवि रंजन




झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के तत्वा वधान में आजझारखंड आंदोलनकारियों केसमान रूप से मान-सम्मान पहचान नियोजन पेंशन देने,जेल जाने की बाध्यता समाप्त करने सहित 11 सूत्री मांगों के समर्थन में आज मुख्यमंत्री आवास के समक्ष विशाल प्रदर्शन किया गया. मोरहाबादी मैदान स्थित बाबू वाटिका के पास से विशाल जुलूस आरंभ हुआ जिसे गुरु जी शिबू सोरेन के आवास के नजदीक बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया. इससे झारखंड आंदोलनकारियों के अंदर जबरदस्त आक्रोश पनपा और वे ब्रैकेटिंग हटाने की कोशिश करने लगे. काफी देर पुलिस प्रशासन के साथ आंदोलनकारियों की नोकझोंक भी हुई और अंतत: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से प्रतिनिधि के रूप में उपायुक्त छवि रंजन आए और आंदोलनकारियों से बातें की उनका ज्ञापन स्वीकार किया और मुख्यमंत्री से त्वरित कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया. इधर कार्यक्रम में आए 37 सौ आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी कि 28 दिसंबर तक हमारी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो 29 दिसंबर को झारखंड बंद किया जाएगा. इसके बाद किसी की नहीं सुनी जाएगी और मुख्यमंत्री से सीधी लड़ाई होगी.


कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री झारखंड आंदोलनकारियों को सपनों को साकार करने के दायित्व का निर्वाह करें. लंबे अंतराल से झारखंड आंदोलनकरियो के द्वारा अपनी मांगों को लेकर लगातार मुख्यमंत्री के संज्ञान में विभिन्न प्रकार के आंदोलनों के माध्यम से ध्यान आकर्षित करते रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कभी अपनी संवेदना नहीं जताई परिणाम था झारखंड आंदोलनकारी आज अपने मान-सम्मान पहचान नियोजन पेंशन के सवाल को लेकर सड़कों पर आंदोलन के लिए बाध्य हैं 28 दिसंबर तक झारखंड आंदोलनकारियों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं किया गया तो 60 हजार झारखंड आंदोलनकारी सड़क पर उतरकर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. आज झारखंड आंदोलनकारियों के पास करो या मरो आंदोलन करने के अलावा दूसरा कोई उपाय नहीं है.

वरीय उपाध्यक्ष अश्वनी कुजूर ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के निर्माण में अपनी जवानी दी है तो आज अपने मान-सम्मान पहचान के लिए शहादत भी देना होगा तो हम पीछे नहीं हैं हेमंत है तो हिम्मत दिखाएं आंदोलनकारियों के मांगों पर विचार करें.

केंद्रीय सचिव भुनेश्वर केवट ने कहा कि सरकार और आंदोलनकारियों के बीच टकराहट की स्थिति उत्पन्न होना राज्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है लेकिन आंदोलनकारियो को अपनी मांगों के समर्थन में आज अपने ही सरकार के खिलाफ सीधी लड़ाई लड़ने को तैयार होना विडम्बना हैं.

केंद्रीय सचिव किशोर किस्कू ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के बुनियाद झारखंड आंदोलनकारी है इस बुनियाद को सरकार और मजबूती प्रदान करें अन्यथा बुनियाद के हिल जाने से सरकार हिल जाएगी, गिर जाएगी.

केंद्रीय सचिव कयूम खान ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हम मान चुके हैं कि एक और संघर्ष हमें करना ही है हम लड़ेंगे और जीतेंगे भी.

कार्यक्रम का संचालन करते हुए पुश केंद्रीय प्रवक्ता पुष्कर महतो ने कहा कि झारखंड संघर्ष और सहादत की भूमि है झारखंड आंदोलनकारी एक शहादत के लिए फिर से तैयार हुए हैं सरकार किसी प्रकार भी आंदोलनकारियों के साथ चीटिंग करती है तो परिणाम अच्छा होगा. आंदोलनकारियों के साथ बहुत धोखा हुआ है 20 वर्षों से वे लगातार भटक रहे हैं मुख्यमंत्री स्वयं इसका गवाह हैं. वह स्वयं आंदोलनकारी के पुत्र हैं इसलिए उन्हें आंदोलनकारियों के प्रति संवेदना निश्चित तौर पर होनी चाहिए.

वित्त अध्यक्ष आजम अहमद ने दो टूक शब्दों में कहा कि झारखंड आंदोलनकारी आज संघर्ष और शहादत के लिए हर एक तरह से तैयार हैं.

इस मौके पर झारखंड आंदोलनकारियों में जगत महतो ,विदेशी महतो, मौलाना इसराइल खालिद, लखन महतो अमर किंडो विशेषण भगत, विनीता अल्पना खलखो लोलेन टोप्पो मनोरमा टप्पो एरेन कच्छप, सीमा साहू, सुनील साहू शंखनाद सिंह , रामरतन मेहता आनंद मोहन तिवारी, लाल अजय नाथ शाहदेव, अनिल उरांव, वाहा,कच्छप, सर्जन हांसदा, शिव शंकर शर्मा, पंचस उरांव, रामनंदन साहू ने भी अपने-अपने विचारों में एक और संघर्ष और शहादत की बातन दोहरायी. कार्यक्रम का संचालन केंद्रीय प्रवक्ता पुष्कर महत्त्व धन्यवाद ज्ञापन कुमुद कुमार वर्मा ने की. पंचानंद मंडल एवं बी सिंह ने क्रांतिकारी गीत गाकर झारखंड आंदोलनकारियों के हौसला अफजाई की.

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