यूएन, आईओएम और नीति आयोग द्वारा \"
कामगारों पर कोविड-19 के प्रभाव\" विषय पर
आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में झारखण्ड हुआ शामिल
रांची :संयुक्त राष्ट्र, इंटरनेशनल आर्रगनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (यूएन-आईओएम) और नीति
आयोग के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को नई दिल्ली में "प्रवासन पर कोविड-19 का प्रभाव: अच्छे व्यवहारों की बेंचमार्किंग
और भविष्य की तैयारी" विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस
सम्मेलन में झारखण्ड समेत नौ राज्यों को कोविड महामारी के दौरान और बाद में
प्रवासी कामगारों के कल्याण से संबंधित सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने, प्रवासी कामगारों के सामाजिक कल्याण के लिए एक
रूपरेखा स्थापित करने और आपस में बेहतर समझ विकसित करने के उद्देश्य से आमंत्रित
किया गया था।
प्रवासी कामगारों के संकट को कम करने और उनके कल्याण के लिए झारखण्ड सरकार के प्रयासों और प्रवास को मुख्यधारा में लाने के लिए किए जा रहे निरंतर प्रयास की सभी ने सराहना की। सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे डॉ मुनिराजू ने पिछले दो वर्षों में प्रवासी कामगारों के कल्याण और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए की गई स्पष्ट प्रतिबद्धता और अनुकरणीय कार्यों के लिए झारखण्ड सरकार की सराहना की। नीति आयोग के श्री शरत दास ने एसआरएमआई शुरू करने के लिए झारखण्ड सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा यह पहल अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय हो सकती है। मालूम हो कि हाल के दिनों में नीति आयोग ने एसआरएमआई के तहत झारखण्ड सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को मान्यता दी है।
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