राज्य प्रशासन द्वारा सरहुल शोभायात्रा एवं रामनवमी
जुलूस पर जो नियम व शर्तें थोप दी गई है उसका
केंद्रीय सरना समिति घोर विरोध करती है
इस संबंध में समिति के अध्यक्ष श्री बबलू मुंडा व महासचिव श्री कृष्ण कांत टोप्पो ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि भयंकर कोरोना महामारी के बीच पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हुए , और वर्तमान में कोरोना महामारी की स्थिति नगण्य और संतोषजनक है तब झारखंड के मुख्य सचिव या आपदा प्रबंधन विभाग सरहुल शोभायात्रा की निकालने की जो शर्ते रखी है वह हास्यास्पद वह निंदनीय है , सरहुल शोभायात्रा में आदिवासी प्रकृति की पूजा कर लाखों की संख्या में लोग परंपरागत गीत संगीत नृत्य करते हुए महिला - पुरूष , युवक - युवतियां एवं बच्चे शोभा यात्रा निकाल कर हर्षोल्लास से त्योहार को संपन्न करते हैं । सरहुल शोभायात्रा में वर्तमान में डीजे का प्रचलन जरूर हो गया है लेकिन उसमें जो भी गीत संगीत बजता है वह उल्लास व उमंग के लिए होता है ना की किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया जाता है ।
केंद्रीय सरना समिति जिला व राज्य प्रशासन से इस लागू किये गये नियम व शर्तों पर पुनर्विचार करने एवं सरहुल शोभायात्रा रात 11:00 बजे तक घर लौटने की अनुमति देने की मांग करती है ।
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