मुख्यमंत्री श्रमिक योजना ने जिंदगी में जगाई
नई आस, श्रमिकों में बढ़ा आत्मविश्वास,50
नगर निकायों में अब तक 63,493 जॉब कार्ड निर्गत
श्रमिकों के प्रति संजीदा
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन द्वारा कोरोना महामारी के दौरान शहर में निवास करने
वाले अकुशल श्रमिकों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री श्रमिक योजना अकुशल श्रमिकों
के लिए वरदान साबित हो रही है। राज्य के 50 नगर निकायों में निवास करने वाले गरीबों और श्रमिकों को इसका लाभ मिल रहा
है।गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के दौरान रोजगार का अभाव श्रमिकों के लिए एक बड़ी
समस्या के रूप में दिखाई दे रही थी। दिहाड़ी मजदूरों के लिए यह दौर विभीषिका के
समान था। लाखों की संख्या में प्रवासी
श्रमिक अपने घर लौटे थे। मुख्यमंत्री ने इस समस्या को गंभीरता से लिया और पूरी
संवेदनशीलता एवं तत्परता के साथ श्रमिकों के लिए नई योजना बनाई। राज्य के 50 नगर निकायों में निवास करने वाले गरीबों और
श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री श्रमिक योजना का शुभारंभ 14 अगस्त 2020 को किया गया ।
इस योजना से शहरी जनसंख्या के करीब 31 प्रतिशत लोग, जो गरीबी रेखा के
नीचे जीवन यापन कर रहें हैं, उन्हें लाभान्वित
करने का लक्ष्य तय किया गया। उसी का प्रतिफल है कि विगत ढाई वर्ष में 50 नगर निकायों में अब तक 63,493 जॉब कार्ड निर्गत कर 12,66,744 मानव दिवस कार्य का आवंटन किया गया। जॉब
कार्डधारी को अधिकतम 100 कार्य दिवस
कार्य का आवंटन हुआ। योजना के तहत निबंधित श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान सरकारी दर
के अनुसार देय है।
योजना के निम्नलिखित
उद्देश्य हैं
यदि कोई 18 या उससे अधिक
आयु का शहरी अकुशल श्रमिक है, तो मुख्यमंत्री श्रमिक योजना के तहत वह निःशुल्क जॉब कार्ड, एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 100 दिनों की रोजगार गारंटी और काम की मांग के 15 दिनों के अन्दर अपने निकाय क्षेत्र में ही
रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। वैसे ग्रामीण श्रमिक, जो मजदूरी करने शहर आते हैं एवं जिनका मनरेगा जॉब कार्ड
नहीं है, वे भी इस योजना का लाभ ले
सकते हैं। निःशुल्क जॉब कार्ड प्रज्ञा केंद्र, स्वंय के द्वारा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से, सीआरपी दीदी या निकाय कार्यालय में लिखित आवेदन
देकर प्राप्त किया जा सकता है। इच्छुक श्रमिक जॉब कार्ड हेतु अपने निकटतम नगर
निकाय में संपर्क कर सकते हैं। आवेदन हेतु दो पासपोर्ट फोटो, आधार कार्ड, बैंक पासबुक एवं राशन कार्ड की प्रति आवश्यक है।
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