लाइन टैंक रोड चडरी तालाब सज-धज कर तैयार: चडरी सरना समिति।

लाइन टैंक रोड चडरी तालाब सज-धज

 कर तैयार: चडरी सरना समिति।


आज पहला अर्घ्य, गंगा आरती व महाआरती में हिस्सा लेंगी 1001 महिलाएं
रांची। लोक आस्था का महापर्व पर व्रती पहला अर्घ्य आज रविवार को भगवान भास्कर को देंगे। इस उपलक्ष्य पर लाइन टैंक रोड स्थित चडरी तालाब को फुल-मालाओं से रंग-बिरंग की लरियों (लाइटिंग) से खुबसुरत सजाया गया है। व्रतियों को कोई परेशानी न हो इसका पूरा ध्यान रखा गया है। हजारों की संख्या में छठ व्रती और श्रद्धालु चडरी तालाब के छठ घाट पहुंचेंगे। घाट की साफ-सफाई से लेकर सुरक्षा आदि का पूरा ध्यान रखा गया है। गहरे पानी में कोई न उतरे इसके लिए घाट पर बैरिकेडिंग की गयी है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से एनडीआरएफ के गोताखोर भी मौजूद रहेंगे। पर्याप्त पुलिस बल और चडरी सरना समिति के वोलेंटियर (स्वयंसेवी) तैनात रहेंगे।
तालाब में प्रवेश के लिए बनाये गये द्वार को सुंदर और आकर्षक रूप से सजाया गया है। तालाब तक की पहुंच सडक को निर्बाध बनाने के लिए वाहनों की नो इंट्री रहेगी। आसपास के क्षेत्रों सहित तालाब पूरी तरह रौशनीनुमा रहेगा। यह पूजा 1982 से आरंभ हुआ है। इसकी शुरूआत चडरी के स्व. बनवारी लाल अग्रवाल, स्व. महेन्द्र सिंह, सुबोध मांझी, स्व. नंदन कच्छप और स्व. दिनेश मुंडा के द्वारा की गयी थी। इसके बाद से लगातार चल रहा है। यह जानकारी शनिवार को चडरी सरना समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा, जेके इंटरनेशनल गु्रप आॅफ कंपनी के चेयरमैंन और चडरी सरना समिति छठ पूजा समिति के मुख्य संरक्षक जितेन्द्र सिंह तथा चडरी सरना समिति छठ पूजा समिति के आयोजकों ने प्रेस वार्ता में दी।
पटना से आया पांच लाख लीटर गंगा जल
पटना के गंगा नदी से पांच लाख लीटर गंगा जल मंगवाया गया है। गंगा जल को चडरी तालाब के पानी में डाला जायेगा। ऐसा इसलिए कि गंगा जल को तालाब के पानी से मिला दिये जाने पर व्रतियों को गंगा की तरह पवित्रता का बोध होगा।
आज पहली अर्घ्य के दौरान गंगा आरती
शिव बारात आयोजन समिति के अध्यक्ष और यहां गंगा आरती के प्रभारी राजेश साहू ने बताया कि बनारस से विद्वान पुरोहित का आगमन रांची में हो चुका है। इनके द्वारा 30 अक्टूबर रविवार को शाम पांच बजे पहली अर्घ्य के दौरान चडरी तालाब छठ घाट पर गंगा आरती किया जायेगा। यह दृश्य विहंगम और दर्शनीय होगा। गंगा आरती के बाद ही महाआरती का भी आयोजन किया जायेगा। इसमें एक रंग, समान-वेश-भूषा में 1001 महिलाएं महाआरती में हिस्सा लेंगी। जो मुख्य आकर्षक का केन्द्र होगा। इन दोनों कार्यक्रम के बाद मुंबई से प्रसिद्ध गायिका मिताली घोष की लाइव छठ गीत का प्रसारण होगा। तत्पश्चात जमशेदपुर की टीम के द्वारा रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा।
कल सुबह भी होगा सांस्कृतिक कार्यक्रम
चडरी तालाब छठ घाट पर बने मंच से 31 अक्टूबर की सुबह के अर्घ्य के समय भी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। यह आयोजन दूसरी टीम जो पटना से आयेंगे इन कलाकार मंडली के द्वारा संपन्न होगा। यह कार्यक्रम लोगों को भगवान भास्कर के प्रति समर्पित, भक्ति भाव को प्रदर्शित करेगा। आयोजनकर्ताओं ने चडरी तालाब स्थित शिवमंदिर के पास भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित किया है। जिसका दर्शन छठ व्रती अर्घ्य के उपरांत कर सकेंगे। आयोजकों ने बताया कि महापर्व छठ के उपलक्ष्य पर भगवान भास्कर की प्रतिमा को 56 भोग चढ़ाया जायेगा। जिसके बाद उनका भंडारा एवं महाप्रसाद का वितरण होगा।
सोमवार की शाम में रांची कोल जतरा का आयोजन
चडरी सरना समिति के प्रधान महासचिव सुरेन्द्र लिंडा और मुख्य सलाहकार कुमोद कुमार वर्मा के द्वारा बताया गया कि चली आ रही परंपरागत व्यवस्था के तहत चड़री सरना समिति के द्वारा 31 अक्टूबर सोमवार की शाम में रांची कोल जतरा का आयोजन चडरी तालाब जतरा स्थल पर किया जायेगा। इसमें चडरी मौजा के पाहनों द्वारा रंगुआ मुर्गा की बलि देकर और तपावन देकर गांव के सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की जायेगी। बताया गया कि रांची कोल जतरा में शामिल होने दूर-दूर से आदिवासी एवं सदान परिवार के लोग आते हैं। जतरा का मुख्य आकर्षण नृत्य-गान, झुमर होगा। बबलू मुंडा ने बताया कि रांची कोल जतरा का शुरू आयोजन 1860 ईस्वी में हुआ था। पूजा उस समय जतरा स्थल (वर्तमान में पीडब्ल्यूडी मैदान) में होता था। उन दिनों पतंग प्रतियोगिता का भी आयोजन होता था। बिहार गजट में रांची कोल जतरा का कमिश्नरी छुट्टी का जिक्र है। यानी रांची कमिश्नरी क्षेत्र में इसके आयोजन के दिन अवकाश होता था।
इनकी जिम्मेवारी रहती है पूरे आयोजन की
चडरी सरना समिति के संरक्षक मंडली के बादल लिंडा, अशोक मुंडा, जगेसर राम, उमेश मंडल, उपेन्द्र साव, विनय गुप्ता, मंगल मुंडा, बिरू पाहन।
चडरी सरना समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा, प्रधान महासचिव सुरेन्द्र लिंडा, मुख्य पाहन गुड्डू पाहन, मुख्य सलाहकार कुमोद कुमार वर्मा, केन्द्रीय कोषाध्यक्ष राजेश मुंडा, उपाध्यक्ष शंकर लिंडा।
चडरी सरना समिति के छठ पूजा समिति के मुख्य संरक्षक और जेके इंटरनेशनल गु्रप आॅफ कंपनी के चैयरमैन जितेन्द्र सिंह, संरक्षक अजयनाथ शाहदेव व संजीव कुमार सिन्हा, छठ पूजा समिति के अध्यक्ष सबलू मुंडा, महासचिव छोटू पाहन, कार्यकारी अध्यक्ष आकाश मुंडा, उपाध्यक्ष राहुल मुंडा, नयन लिंडा, अप्पु लिंडा, बंटी लिंडा, सह सचिव संटी मुंडा, अमन मुंडा, आकाश मुंडा व बिलटू मुंडा, कोषाध्यक्ष सागर भगत व विक्की मुंडा, उपाध्यक्ष भोला चौधरी, टिंकू चौधरी, बडे वर्मा, सचिन लाल, रोहित मुंडा, आशीष लिंडा, संजय लकड़ा, टिंकू कच्छप, बादल नायक, संजय नायक, अजित नायक, विश्वनाथ मुंडा, सिटू लोहरा, राहुल पाहन, बबलू पाहन, छोटकू पाहन आयोजन कर्ता हैं और आरती प्रभारी व शिव बारात आयोजन समिति के अध्यक्ष राजेश साहू ऊर्फ राजू हैं।
किसने क्या कहा...
सौभाग्य से मिलता है सेवा का मौका : जितेन्द्र सिंह
जेके इंटरनेशनल गु्रप आॅफ कंपनी के चेयरमैंन और चडरी सरना समिति छठ पूजा समिति के मुख्य संरक्षक जितेन्द्र सिंह ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी लोक आस्था का महापर्व छठ के आयोजन को भव्य बनाने की तैयारी है। छठ व्रतियों की बेहतर सेवा का प्रयास है। इसबार भी 5 लाख लीटर गंगाजल पटना के गंगा नदी से मंगवा लिया गया है। जिसे चडरी तालाब में प्रवाहित किया जायेगा। ताकि छठव्रतियों को गंगा की अनुभूति हो। यहां चडरी तालाब छठ घाट पर शाम और सुबह के अर्घ्य के समय जमशेदपुर और पटना के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति होगा। रविवार की शाम में गंगा आरती व उसके उपरांत होनेवाली महाआरती मुख्य आकर्षण का केन्द्र होगा। साज-सज्जा का काम पूरा हो गया है। कोरोना महामारी के कारण दो साल कार्यक्रम नहीं हुआ था। छठी मईया की कृपा से इस बार उम्मीद है भारी संख्या में छठव्रति लोक आस्था के इस महापर्व में चडरी तालाब आयेंगे। छठव्रतियों की सेवा का सौभाग्य प्राप्त होगा।
सूर्य उपासना का पर्व प्रकृति से जुड़ा है : बबलू मुंडा
चडरी सरना समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा का कहना है कि सूर्य उपासना का पर्व प्रकृति से जुड़ा हुआ पर्व है। सूर्य हमारे ऊर्जा के द्योतक हैं। सूर्य की उपासना से हमसबको जनसेवा की ताकत मिलती है। चडरी सरना समिति के जरिये सेवा के कई कीर्तिमान स्थापित किये गये। कोरोना जैसी महामारी के दौरान समिति ने असहाय, जरूरतमंद लोगों के बीच भोजन, दवाईयां पहुंचाकर सेवा करने का कार्य किया गया। समिति के द्वारा हर साल सरहुल, करमा, छठ महापर्व, रांची कोल जतरा और कई सामाजिक कार्य किये जाते हैं। परंपरागत रीति-रिवाज, धर्म-संस्कृति और सामाजिक दायित्वों को आगे बढ़ाने का काम समिति के द्वारा किया जाता है। इन्हीं सामाजिक कार्यों के माध्यम से समाज के लोगों को जोड़ने तथा आपसी सद्भाव, प्रेम, भाई-चारा और मेल-जोल को बढ़ावा मिलता है।
प्रकृति के प्रति लोक आस्था का पर्व है छठ : सबलू मुंडा
चडरी सरना समिति छठ पूजा समिति के अध्यक्ष सबलू मुंडा ने बताया कि छठ महापर्व प्रकृति के प्रति लोक आस्था का पर्व है। हमारा दायित्व बढ़ा है। मानवसेवा के काम हों या फिर रीति-रिवाज, पंरपरा और संस्कृति को बचाये रखने की, चडरी सरना समिति उन सभी दायित्वों का निर्वहन वर्षों से करते आ रही है। सरहुल, करमा और अब छठ महापर्व तथा रांची कोल जतरा का आयोजन इसी कड़ी के हिस्सा हैं।

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