देश से वफादार होना जरूरी: मौलाना तहजीबुल हसन

देश से वफादार होना

 जरूरी: मौलाना 

तहजीबुल हसन


कोई भी मजहब बुराई नहीं सिखाता, बुरे करने वाले मज़हब के मानने वाला नहीं होता

रांची: मुस्लिम नाम रखने से कोई मुसलमान नहीं होता। दाढ़ी, टोपी, पहनने से कोई मुसलमान नहीं होता। लिबास, कपड़ा से कोई मुसलमान नहीं होता। बल्कि अपने अंदर अच्छे अखलाक और ला इलाहा इल्लल्लाह के मफहूम को समझ कर उस पर अमल करने से होता है। अपने अंदर अच्छे अखलाक पैदा करो। मजहब ए इस्लाम में कोई जबर नहीं है। कोई भी मजहब बुराई नहीं सिखाता। मुल्क से वफादार होना जरूरी है। उक्त बातें झारखंड सुननी वक्फ बोर्ड के सदस्य सह मस्जिद जाफरिया रांची के इमाम व खतीब हजरत मौलाना हाजी सैयद तहजीबुल हसन रिजवी ने कहीं। वह रविवार 27 अप्रैल 2025 को समाजसेवी सैयद शाहरुख हसन रिजवी के आवास पर स्वर्गीय सैयद हसन अली रिज़वी कि बरसी कि मजलिस को संबोधित कर रहे थे। मौलाना ने कहा के दीन की रस्सी को मजबूती से पकड़ लो। अहले बैत से मोहब्बत ईमान है। पैगंबर मोहम्मद ने कभी किसी को डरा कर धमका कर कलमा नहीं पढ़ाया। मजहब ए इस्लाम ने तो चूंटी को मारने से मना किया तो फिर इंसान को मारने की कहा से इजाजत। अल्लाह ने इंसान को दूसरों के भलाई के लिए पैदा किया। इस मौके पर सैयद शाहरुख हसन रिज़वी, शजर रिज़वी, जावेद हैदर, सोहेल सईद, इकबाल फातमी, मास्टर उस्मान, एस एम जसीम रिज़वी, सैयद अता इमाम रिज़वी, नेहाल हुसैन सरियावी, शमीमुल हसन, जोहोर बाकर, अमूद अब्बास, नदीम रिज़वी, समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

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