हेमन्त सरकार तत्काल नर्सरी से सात कक्षा की पढ़ाई शुरू करे:-रामप्रकाश तिवारी

हेमन्त सरकार तत्काल नर्सरी से सात कक्षा की 

पढ़ाई शुरू करे:-रामप्रकाश तिवारी






   1 अप्रैल 2021 से नर्सरी से सात कक्षा सहित सभी कक्षाओं की पढ़ाई शुरू करने हेतु झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन अगली बैठक में साहसिक निर्णय करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव,शिक्षा सचिव,आपदा प्रबंधन के सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव द्वारा मार्च माह में विधानसभा सत्र के बाद प्रस्ताव लाने और निर्णय करने की प्रक्रिया सरकार के स्तर पर शुरू कर दी गई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जी विधानसभा में घोषणा भी कर सकते हैं।
सरकार पांचवीं से सात कक्षा की पढ़ाई 15 मार्च 2021 से शुरू करने पर आत्ममंथन कर रही है।
झारखंड गैर सरकारी स्कूल संचालक संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रामप्रकाश तिवारी द्वारा लगातार सार्वजनिक रूप से हेमंत सरकार के शिक्षा विरोधी नीतियों के खिलाफ कड़ी आलोचनाओं से हेमंत सरकार ने गंभीरता से संज्ञान लिया है।
हेमन्त सरकार द्वारा आठवीं से बारहवीं कक्षाओ सहित पढ़ाई शुरू करने के निर्णय के बाद अब नर्सरी से सात कक्षा की पढ़ाई शुरू करने के निर्णय लेने हेतु शीध्र बैठक बुलाने के लिए स्कूली साक्षरता विभाग द्वारा प्रस्ताव भेजने के प्रक्रिया शुरू करने पर झारखंड गैर सरकारी स्कूल संचालक संघ के केंद्रीय अध्यक्ष राम प्रकाश तिवारी ने स्वागत किया है और कहा है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कक्षा-नर्सरी से सात के लाखों गरीब आदिवासी,दलित,पिछड़े,अगड़े, अल्पसंख्यक बच्चों की पढ़ाई शुरू करने के लिए पहल किया है वह जनहित में अच्छा फैसला है।
संघ के केंद्रीय अध्यक्ष राम प्रकाश तिवारी ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जी से मांग करते हूए कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास सरकार ने झारखंड निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (प्रथम संशोधन) नियमावली-2019 के कड़े प्रावधान रखते हूए लागु किया है उससे हजारों छोटे -छोटे प्राइवेट स्कूल बंद होने और लाखों शिक्षित शिक्षक,शिक्षिकाओं, कर्मचारियों को बेरोजगार होने के गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है खुद 90% सरकारी स्कूल उक्त शिक्षा का अधिकार (प्रथम संशोधन) नियमावली-2019 के मानकों, मापदंडों के शर्तो को पुरा नही कर रही है इसलिए सरकार इस संबध में ध्यान देते हूए तत्काल उक्त जन विरोधी काले कानून को रद्द करके तत्काल बिना शर्त सभी छोटे छोटे विद्यालयों को मान्यता दे।
संघ के अध्यक्ष राम प्रकाश तिवारी ने कहा किस स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाये?यह निर्णय खुद अभिभावकों को करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए,जो सरकारी स्कूल प्रबंधन या प्राइवेट स्कूल प्रबंधन बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध करायेगे वहां अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ायेंगे हीं। अपने बच्चों को कहां पढ़ाये यह सरकार निर्णय नहीं कर सकती है।
श्री तिवारी ने कहा झारखंड में 24 जिलों के तमाम शहरो-गांवो में लगभग दो लाख छोटे छोटे प्राइवेट प्ले, प्राइमरी,मिडिल,हाई स्कूल चलते हैं जो 85% छोटे छोटे प्राइवेट स्कूल " झारखंड निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (प्रथम संशोधन) नियमावली-2019 के कड़े मानकों, मापदंडों के शर्तो को पुरा करने में असमर्थ हैं उन्हें बंद करने की धमकी दी जा रही है, बीआरसी,सीआरसी,प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों,जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा दी जाती है और भयादोहन द्वारा पाॅच से दस हजार हर दो चार महीने में मांग करने और रकम लेने की सूचना मिलती है जो दुखद् है। कड़े नियम कानून भयादोहन अवैध आर्थिक कमाई का जरिया सरकारी कर्मियों,दलालों का बन जाता है इसपर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को संज्ञान लेना चाहिए।
संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रामप्रकाश तिवारी ने हेमंत सरकार से मांग करते हूए कहा है कि सरकार बजट में कोरोना लाॅकडाउन/अनलाॅक में आर्थिक रूप से बर्वाद, तंगहाली झेल रहे प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों-शिक्षिकाओ,स्कुल प्रबंधन को आर्थिक राहत पैकेज देने की कार्रवाई करें ताकि आर्थिक समस्या झेल रहे अभिभावकों को 12 माह का शुल्क माफ कर सके। झारखंड सरकार अपने राजस्व, बिजली विल ,तमाम टैक्स, शुल्क को वसुलने हेतु कार्रवाई कर रही है ऐसे में बिना सरकारी सहायता के चल रहे सभी प्राइवेट स्कूलों पर सरकारी शिंकजा बढ़ाने,उन्हें सरकार की तरफ से तंग करने का औचित्य नहीं है।

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